अगर आप मौज-मस्ती करने के है शौक़ीन तो मलेशिया आपके लिए बेस्ट

अगर आप मौज-मस्ती पंसद करते हैं और शहरी सुविधएं बिल्कुल छोडऩा नहीं चाहते तो मलेशिया आपके लिए उपयुक्त है। दुनिया भर की जिन जगहों पर सबसे ज्यादा लोग घूमना पंसंद करते हैं, उनमें मलेशिया का 11 वां स्थान है। इसकी बड़ी वजह यहां का फन-एन-फूड वाला पहलू है। कई तरह के रोमांचक खेलों का लुत्फ तो आप यहां उठा सकते हैं, खानपान के मामले में भी यह दुनियां की संपन्न जगहों में से एक है। मलेशियाई भोजन तो यहां मिलता ही है, उत्तर और दक्षिण भारतीय भोजन तथा चानी लोगों की पर्याप्त आबादी होने के कारण चाइनीज व्यंजन भी यहां खूब मिलते हैं। सी-फूड का तो यह गढ़ ही है। मलेशिया पूरी दुनिया में जाना जाता है। कई जगहों से लोग यहां खास तौर से खरीदारी के लिए आते हैं। मौज-मस्ती, खानपान और खरीदारी के अलावा आप यहां ऐतिहासिक-धार्मिक जगहों और वाइल्ड लाइफ का लुफ्त भी उठा सकते हैं।

मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक उष्णकटिबंधीय देश है। यह दक्षिण चीन सागर से दो भागों में विभाजित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित मुख्य भूमि के पश्चिम तट पर मलक्का जलडमरू और इसके पूर्व तट पर दक्षिण चीन सागर है। देश का दूसरा हिस्सा, जिसे कभी-कभी पूर्व मलेशिया के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण चीन सागर में बोर्नियो द्वीप के उत्तरी भाग पर स्थित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित कुआलालंपुर देश की राजधानी है, लेकिन हाल ही में संघीय राजधानी को खासतौर से प्रशासन के लिए बनाए गए नए शहर पुत्रजया में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह 13 राज्यों से बनाया गया एक एक संघीय राज्य है।

मलेशिया में चीनी, मलय और भारतीय जैसे विभिन्न जातीय समूह निवास करते हैं। यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, लेकिन शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में ज्यादातर अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है। मलेशिया में 130 से ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं, इनमें से 94 मलेशियाई बोर्नियो में और 40 प्रायद्वीप में बोली जाती हैं। यद्यपि देश सरकारी धर्म इस्लाम है, लेकिन नागरिकों को अन्य धर्मों को मानने की स्वतंत्रता है।

*मलेशिया का इतिहास
मलेशियाए चीन और भारत के बीच प्राचीन काल से व्यापारिक केंद्र था। जब यूरोपीय लोग इस क्षेत्र में आए तो उन्होंने मलक्का को महत्वपूर्ण व्यापार बंदरगाह बनाया। कालांतर में मलेशिया ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश बन गया। इसका प्रायद्वीपीय भाग 31 अगस्त 1957 को फेडरेशन मलाया के रूप में स्वतंत्र हुआ। 1963 में मलायाए सिंगापुर और बोर्नियो हिस्से साथ मिलकर मलेशिया बन गए। 1965 सिंगापुर अलग होकर अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।

*राजनीति और अर्थव्यवस्था
मलेशिया 13 राज्य हैं और तीन संघीय प्रदेश है। मलेशिया का प्रमुख यांग डी.पेर्तुआन अगांग के रूप में जाना जाता है, जिसे सामान्यत: मलेशिया का राजा कहा जाता है। यह पदवी वर्तमान में सुल्तान मिज़ान जैनुल अबीदीन धारण किए हुए हैं। मलेशिया में शासन के प्रमुख प्रधानमंत्री हैं। मलेशिया आसियान का सदस्य है। इसकी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है और यह दक्षिण पूर्व एशिया में एक अपेक्षाकृत समृद्ध देश है। देश के प्रमुख शहरों में कुआलालंपुर, जॉर्ज टाउन, ईपोह और जोहोर बाहरु हैं।

*धर्म

मलेशिया एक बहु धार्मिक समाज है और मलेशिया में प्रमुख धर्म इस्लाम है। 2010 में सरकार की जनगणना के आंकड़ों के अनुसारए यहां के प्रमुख धर्मावलंबियों में मुस्लिम, बौद्ध, ईसाइ,हिंदू कन्फ्यूशीवाद, ताओ धर्म और अन्य पारंपरिक चीनी धर्मों ,शामिल हैं।
मलेशिया एक बहु जातीय, बहु सांस्कृतिक और बहुभाषी समाज है, जहां मलय और अन्य देशी जनजाति 65, चीनी 25, और 7 भारतीय शामिल है। देश की बहुसंख्यक समुदाय के रूप में सभी मलय मुस्लिम हैं, क्योंकि मलेशियाई कानून के तहत मलय होने के लिए मुस्लिम होना जरूर है। मलय राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं और इनकी भूमिपुत्र के रूप में पहचान होती है। उनकी मूल भाषा मलय है।

*मलेशिया के दर्शनीय स्थल

कुआलालम्पुर
कुआलालम्पुर शहर में सडक़ों का जाल बिछा हुआ है। सब कुछ इतना सुनियोजित है कि आगंतुक को कोई दिक्कत नहीं होती। शहर को जानने के लिए सबसे पहली जगह है इस्ताना निगारा। यह मलेशिया के राजा के रहने का स्थान है। इसके अलावा शहर की पहचान पेट्रोनस जुड़वा मीनार से भी हैए जो कुआलालम्पुर शहर में कहीं से भी थोड़ी सी ऊँचाई से नजर आ जाते हैं। 451.9 मीटर ऊँचे इन टॉवर्स में 86 मंजिलें हैं, परंतु पर्यटकों को 41वीं मंजिल पर स्थित पुल तक जाने दिया जाता है। इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता और एक दिन में निश्चित संख्या में ही पर्यटक जा सकते हैं। पेट्रोनस टॉवर्स के पास ही कुआलालम्पुर सिटी सेन्टर पार्क बनाया गया है, जिसमें 1900 से ज्यादा पॉम के पेड़ लगाए गए हैं। इसके अलावा केएल टॉवर, केएलसीसी एक्वेरियम देखने लायक हैं। पाँच हजार स्केण्फुट में फैले इस एक्वेरियम में 150 तरह की मछलियाँ हैं। इसमें एक 90 मीटर की टनल भी है, जिसमें ऐसा एहसास होता है कि आप समुद्र के भीतर से ही इन्हें देख रहे हैं। इसके अलावा नेशनल प्लेनेटोरियम, आर्किड पार्क, बटरफ्लाई पार्क आदि भी काफी खूबसूरत हैं।

कुआलालम्पुर में शॉपिंग करने के लिए काफी सारे मॉल्स हैं। 3450000 स्केण् फुट में फैले बरजाया टाइम स्क्वेअर मॉल मलेशिया का सबसे बड़ा मॉल है। इसमें विश्व के सर्वश्रेष्ठ ब्रांड्स उपलब्ध हैं। यहाँ के कुछ छोटे मॉल्स में मोल-भाव भी किया जा सकता है। सन वे सिटी होटल में स्थित वॉटर पार्क काफी बड़ा है। इसके पास ही लगा हुआ मॉल छ: मंजिला है तथा इसमें आईस स्केटिंग करने की व्यवस्था भी है।

पुत्रजया

मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर है, परंतु बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुआलालम्पुर से आधे घंटे की दूरी पर प्रशासनिक राजधानी पुत्रजया को बनाया गया है। यह इतनी भव्य है कि इसे देखकर सहसा विश्वास नहीं होता कि कोई भी सरकारी काम इतने कम समय में कैसे पूर्ण हो सकता है। यहाँ झील भी बनाई गई है और आधुनिक सुविधाओं से लैसे बहुत बड़े कन्वेशन सेंटर भी हैं।

सरकारी कर्मचारियों के रहने के लिए झील के किनारे मकान बनाए गए हैं तो प्रधानमंत्री कार्यालय भी काफी खूबसूरत है। धीरे-धीरे यहाँ विभिन्न देशों के दूतावास भी बनाए जा रहे हैं। सम्पूर्ण पुत्रजया घूमने के लिए क्रुज यात्रा काफी अच्छी सुविधाजनक है।



लंकावी
कैमरुन हाईलैंड्स से 5 घंटे का सफर तय कर कुवाला कैद्दाह पहुंचा जा सकता है। यहाँ से लंकावी आईलैंड लगभग डेढ़ घंटे की दूरी पर है। यह सफर फैरी से तय करना पड़ता है। फैरी सम्पूर्ण सुविधायुक्त होती है तथा इसमें बाकायदा फिल्म दिखाने की व्यवस्था होती है। लंकावी ड्यूटी फ्री आईलैंड है।

उपरोक्त मौसम:-
मलेशिया में मौसम की स्थिती भारत जैसी है। बड़ा देश और विविधतापूर्ण प्रकृति होने के कारण अलग-अलग जगहों पर एक ही समय अलग-अलग मौसम हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यहां का मौसम भारतीयों के लिए पूरे साल उपयुक्त होता है।

वीजा:-

भरतीय नागरिकों को मलेशिया वीजा के लिए कुछ सामान्य औपचारिकताएं करनी पड़ती हैं। वैध पासपोर्ट हो तो वीजा आसानी से मिल जाता है।