बांग्लादेश में एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जिसे लेकर लोकमानस में कहा जाता है कि इसे किसी इंसान ने नहीं, बल्कि जिन्नों ने बनवाया। इस मस्जिद का नाम मस्जिद ए जमे अब्दुल्लाह है। आइए जानते हैं इस रहस्यमयी मस्जिद से जुड़ी कुछ अद्भुत और चौंकाने वाली बातें।
मस्जिद का अद्भुत इतिहासस्थानीय कथाओं के अनुसार, 1888 में मस्जिद के पास एक मौलाना रहते थे, जिनका नाम अब्दुल्ला था। कहा जाता है कि मौलाना अब्दुल्ला ने जिन्नों की सहायता से एक ही रात में इस मस्जिद का निर्माण कराया। यह कहानी आज भी इस इलाके में लोककथाओं का हिस्सा बनी हुई है।
मस्जिद के रहस्य और अजीब घटनाएंमस्जिद ए जमे अब्दुल्लाह के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि यह जगह हमेशा से ही जिन्नों का निवास रही है। लक्ष्मीपुर इलाके में स्थित इस मस्जिद में कोई इंसान नियमित रूप से नहीं रहता, लेकिन आधी रात होते ही अजीब और रहस्यमयी आवाजें सुनाई देती हैं। ऐसा लगता है मानो मस्जिद के अंदर कोई कुरान की आयतें पढ़ रहा हो, जबकि वहां कोई मौलाना या मुफ्ती मौजूद नहीं होता।
इंसानों से ज्यादा जिन्नातों की मौजूदगीस्थानीय लोगों का मानना है कि जब कोई भी मस्जिद के अंदर प्रवेश करता है, तो उसे लगता है कि कोई उसके पीछे-पीछे चल रहा है। शायद यही वजह है कि 200 साल बाद भी यह मस्जिद इंसानों की तुलना में जिन्नातों से अधिक भरी हुई महसूस होती है।
दुनिया में अन्य रहस्यमयी मस्जिदेंऐसी रहस्यमयी मस्जिदें सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं, बल्कि भारत, अजरबेजान और सऊदी अरब जैसे देशों में भी पाई जाती हैं। माना जाता है कि यदि ऐसी किसी मस्जिद में जाएं तो अपने मन को साफ रखें, अन्यथा आप अनजाने में किसी जिन्न को अपने साथ ले जा सकते हैं।