मॉनसून के इन दिनों में ना बनाएं देश की इन 8 जगहों पर घूमने का प्लान, मजा होगा किरकिरा

मॉनसून के मौसम को घूमने के लिहाज से बेहतरीन माना जाता हैं जहां वातावरण सुहाना रहता हैं और गर्मियों से राहत मिलती हैं। इसी के साथ इन दिनों में कई ऐसे मौके आते हैं जब छुट्टियां पड़ती हैं और लोग घूमने जाते हैं। सभी चाहते हैं कि घूमने के दौरान किसी तरह की परेशानी ना आए ताकि ट्रिप का पूरा मजा लिया जा सकें। ऐसे में इन दिनों सही जगह का चुनाव किया जाना जरूरी हैं। जी हां, मॉनसून के इन दिनों में कई जगहें ऐसी हैं जहां बाढ़ की समस्या रहती हैं और हाल बेहाल रहता हैं। इन कारणों की वजह से घूमने का मजा किरकिरा हो सकता हैं। अगर आपको भी ऐसी परेशानी से बचना हैं तो आज हम आपको देश की ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मॉनसून के इन दिनों में घूमने का प्लान नहीं बनाना चाहिए।

किन्नौर

किन्नौर घाटी की खूबसूरती साल के किसी भी समय कम नहीं होती, फिर भी अगर आप यहां जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको अप्रैल और जून के बीच जाना चाहिए या फिर मानसून के बाद ही किन्नौर घूमने के लिए जाएं। आपको बता दें, यहां मानसून के महीने में न जाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान काफी घटनाएं देखने को मिलती है। लगातार बारिश के कारण किन्नौर में अक्सर भूस्खलन और बादल फटने का डर रहता है, इसलिए अच्छा होगा अगर आप जुलाई और सितंबर के महीनों के दौरान इस जगह पर जाने से बचें।

गोवा

वैसे तो गोवा की आबादी काफी कम है। मगर देश का फेमस टूरिस्ट स्पॉट होने के चलते यहां साल भर सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में भीड़-भाड़ से दूर रहने के लिए कुछ लोग बरसात में गोवा घूमने का प्लान बनाते हैं। मगर मानसून के चलते गोवा में न सिर्फ समुद्र की लहरें उफान पर होती हैं बल्कि यहां के बीच काफी गंदे भी रहते हैं। इसलिए मानसून में गोवा जाने का प्लान बिल्कुल न बनाएं।

कलिम्पोंग

कलिम्पोंग वेस्ट बंगाल में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जुलाई के महीने में यहां काफी ज्यादा बारिश होती है। यूं तो बारिश के मौसम में यह जगह काफी खूबसूरत नजर आती है लेकिन बागडोगरा से कलिम्पोंग जाते समय ऐसी कई जगहें पड़ती है जहां लैंडस्लाइड आने का खतरा काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में जुलाई में यहां जाना आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। लैंडस्लाइड के चलते यहां आपको घंटों तक जाम में भी फंसना पड़ सकता है। यहां जाने का सबसे अच्छा महीना दिसंबर है। इस दौरान यहां लोगों की भीड़ भी कम होती है और मौसम भी काफी सही रहता है।

सिक्किम

प्राकृतिक सुंदरता से भरा सिक्किम लोगों को काफी पसंद है। यहां घूमने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं। यहां 12 महीनों में सिर्फ मानसून के मौसम में घूमने के लिए न जाएं। मानसून सीजन के अलावा कभी भी यहां घूमने के लिए जरूर जाएं। दरअसल, बारिश के मौसम में यहां काफी बुरा हाल होता है। इस दौरान सड़कों पर वाहन चलना काफी मुश्लिक होता है। ऐसे में आप सही से घूम भी नहीं पाएंगे। इसलिए अगर आप सिक्किन जाने का प्लान बना रहे हैं तो बारिश के मौसम में न बनाएं।

असम

जुलाई के महीने में बारिश ज्यादा होने के कारण असम में हर साल बाढ़ आती है। बारिश और बाढ़ की वजह से इस दौरान यहां कई जगहों को टूरिस्ट्स के लिए बंद कर दिया जाता है। ऐसे में जुलाई के महीने में यहां घूमने का प्लान बिल्कुल भी ना बनाएं। यहां घूमने का सबसे सही महीना अगस्त है। इस दौरान यहां बारिश रुक जाती है। साथ ही काजीरंगा नेशनल पार्क भी खुल जाता है।

हिमाचल प्रदेश

पहाड़ों में मॉनसून के दौरान लैंडस्लाइड आना काफी आम होता है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग मॉनसून में पहाड़ों पर घूमने का प्लान बनाते हैं। पहाड़ों में लैंडस्टाइड के दौरान आपको बिना किसी मदद के कई घंटों तक जाम में फंसना पड़ सकता है। तो अगर आप आपदा का शिकार नहीं होना चाहते तो जुलाई में हिमाचल प्रदेश जाने से बचें।

चेन्नई

मानसून की बारिश दक्षिण भारत को राहत की सांस देने का काम करती है। ऐसे में कई लोग दक्षिण भारत की हरियाली और खूबसूरती का लुत्फ उठाने के लिए चेन्नई की ट्रिप प्लान कर लेते हैं। हालांकि, मानसून में चेन्नई अक्सर बाढ़ की चपेट में आ जाती है। जिसकी वजह से आपको होटल के कमरे में ही बंद रहना पड़ सकता है। इसलिए जुलाई से सिंतबर के बीच चेन्नई जाने से बचें।

दार्जिलिंग

ज्यादातर पूर्वी राज्य की तरह, दार्जीलिंग मानसून के समय कम भीड़-भाड़ देखने को मिलती है। ज्यादातर दिनों में तो लागातर बारिश की वजह से यहां लोग दिनभर रेनकोट में घूमते हैं। इस इस समय के दौरान, चाय बागानों में घूमना उचित नहीं है, क्योंकि रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं। मानसून के समय इस जगह पर घूमने न जाएं, गर्मियों के दौरान ही यहां घूमने के लिए जाएं।