बेहतरीन प्राकृतिक दृश्यों का नजारा देता हैं चांगलांग, जरूर करें यहां की सैर

प्रकृति की गोद में बसा अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) बेहद खूबसूरत है। यहां हर तरफ खूबसूरत वादियां और कलकल करती झीलों का संगीत किसी को भी अपनी तरफ अट्रैक्ट कर ही लेता है। अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही ऐतिहासिक जगह देखना चाहते हैं तो अरुणाचल प्रदेश स्थित चांगलांग (Chaglang) जाएं। यहां की नैसर्गिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी। पहाड़ों, घने जंगलों के बीच दूर तक फैले पर्वत श्रृंखलाओं को देखकर आप तरोताजा महसूस करेंगे। यह जगह दूसरे विश्व युद्ध की यादों को भी संजोए हुए है। आइये जानते हैं चांगलांग के बारे में-

चांगलांग (Chaglang) जाने का सही समय चांगलांग में पूरे साल सुखद जलवायु रहती है। हालांकि, नवंबर से फरवरी के सर्दियों के महीने में यहां का 12 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

मियाओ-चांगलांग में नोआ

देहिंग नदी के किनारे बसा है 'मियाओ।' इस जगह को तिब्बत शरणार्थियों का भी घर कहा जाता है। यहां नदी के चलते हर तरफ एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिलती है। इसके अलावा व्यावसायिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र काफी समृद्ध माना जाता है।

नेशनल पार्क

चांगलांग में नेशनल पार्क भी है जहां आप बाघ से लेकर तेंदुआ और हिमालयी भालू को देख सकेंगे। यह नेशनल पार्क 1985.25 वर्ग किलोमीटर भूमि के क्षेत्र में फैला हुआ है। राष्ट्रीय उद्यान में आप कई किस्म की वनस्पतियों और जीव-जंतुओं को निहार सकेंगे।

लेक ऑफ नो रिटर्न

चांगलांग की 'लेक ऑफ नो रिटर्न' का इतिहास इसके नाम की ही तरह अनूठा है। बताया जाता है कि इस झील में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लैंडिंग करते वक्त कई एयरक्राप्ट दुर्घटनाग्रस्त हुए और लोग मारे गए और इस झील का नाम 'लेक ऑफ नो रिटर्न' पड़ गया।

द्वितीय विश्व युद्ध

प्राचीन प्राकृतिक सौंदर्य और जीवंत संस्कृति से समृद्ध चंगलांग ऐतिहासिक युद्धों का गवाह रह चुका है। द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों के लिए यहां कब्रिस्तान बना है जिसे जयरामपुर कब्रिस्तान के रूप में भी जाना जाता है। निराशाजनक यादों और भयावहता का एक रूप चांगलांग के मैदान में दफन है जहां द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की कब्र हैं।