अप्रैल (April 2025 travel tips) का महीना शुरू हो चुका है और नए महीने के साथ ही गर्मी का सितम भी बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिन तपती धूप और झुलसाने वाली गर्मी से भरे हो सकते हैं। ऐसे में, चिलचिलाती धूप और लू से राहत पाने के लिए वेकेशन प्लान करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। खासकर, हिल स्टेशन (April 2025 vacation ideas) की ठंडी और ताजा हवाएं गर्मी से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय मानी जाती हैं।
हालांकि, जब भी पहाड़ों की बात होती है, तो आमतौर पर शिमला, मनाली, मसूरी, नैनीताल या दार्जिलिंग जैसी लोकप्रिय जगहों का जिक्र सबसे पहले आता है। लेकिन इन जगहों पर अधिक भीड़भाड़ होने के कारण सुकून के पल बिता पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, जो लोग भीड़ से दूर शांत वातावरण में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं, उनके लिए ऑफबीट डेस्टिनेशन (offbeat travel destinations India) सबसे बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं।
भारत में कई ऐसे खूबसूरत हिल स्टेशन और अज्ञात पर्यटन स्थल हैं, जहां अब भी प्रकृति की शांति और सुंदरता बरकरार है। यहां न केवल हरियाली और पहाड़ों के अद्भुत नज़ारे देखने को मिलते हैं, बल्कि एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाइल्डलाइफ और लोकल कल्चर का अनोखा अनुभव भी मिलता है। इन ऑफबीट डेस्टिनेशंस की खासियत यह है कि यहां पर्यटकों की भीड़ कम होती है, जिससे आप आराम और शांति से अपनी छुट्टियों का आनंद ले सकते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे छिपे हुए रत्नों (hidden travel gems) के बारे में बताएंगे, जो प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच और सुकून का परफेक्ट मिश्रण हैं। तो अगर आप अप्रैल 2025 में गर्मी से राहत पाने के लिए किसी शांत और सुरम्य स्थान की तलाश में हैं, तो इन डेस्टिनेशंस को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें!
चोपता, उत्तराखंड – भारत का मिनी स्विट्जरलैंडअगर आप इंडिया में ही विदेश जैसा प्राकृतिक सौंदर्य और सुकून महसूस करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड का चोपता आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। इसे भारत का मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के हरे-भरे घास के मैदान, बर्फ से ढकी पहाड़ियां और ठंडी ताजी हवाएं किसी विदेशी लोकेशन का अहसास कराती हैं।
चोपता, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपनी शांति, हरियाली और अद्भुत प्राकृतिक नज़ारों के लिए मशहूर है। यह जगह हिमालय की ऊंची चोटियों से घिरी हुई है, और यहां से नंदा देवी, त्रिशूल और चौखंबा जैसी हिमालयी चोटियों का शानदार नजारा देखने को मिलता है। अगर आप गर्मी से राहत पाने और प्रकृति की गोद में कुछ शांतिपूर्ण दिन बिताने की योजना बना रहे हैं, तो अप्रैल का महीना चोपता घूमने के लिए सबसे बेहतरीन समय है।
चोपता में करने लायक चीजेंतुंगनाथ मंदिर – दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, जहां तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
चंद्रशिला ट्रेक – एडवेंचर लवर्स के लिए यह ट्रेक बेस्ट ऑप्शन है, जहां से पूरे हिमालय का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
देवरिया ताल – एक सुंदर झील, जो चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ों से घिरी हुई है।
कैम्पिंग और स्टारगेजिंग – चोपता में रात के समय तारों से भरा आसमान देखने का एक अलग ही आनंद है।
वन्यजीव और फोटोग्राफी – यह क्षेत्र वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी खास है, जहां दुर्लभ पक्षियों और जानवरों को देखा जा सकता है।
कैसे पहुंचे?चोपता पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और एयरपोर्ट देहरादून (जॉली ग्रांट) है। यहां से टैक्सी या लोकल बस द्वारा चोपता आसानी से पहुंचा जा सकता है।
तोश, हिमाचल प्रदेश – पार्वती घाटी का अनछुआ रत्नअगर आप गर्मी से राहत पाकर कुछ दिन शांति और सुकून में बिताना चाहते हैं, तो हिमाचल प्रदेश का तोश एक बेहतरीन विकल्प है। यह खूबसूरत गाँव पार्वती घाटी में बसा है और अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढकी चोटियों और ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए जाना जाता है। अगर आप एक ऐसे डेस्टिनेशन की तलाश में हैं, जो भीड़भाड़ से दूर हो और जहां आपको प्रकृति का असली सौंदर्य देखने को मिले, तो तोश आपके लिए एक परफेक्ट जगह साबित हो सकता है।
अप्रैल में तोश घूमने का सही समय क्यों?- इस दौरान मौसम सुहावना और ठंडा रहता है, जिससे ट्रेकिंग का मजा दुगना हो जाता है।
- इस समय पहाड़ों पर हरियाली और खिलते हुए रंग-बिरंगे फूलों की सुंदरता अपने चरम पर होती है।
- बर्फबारी भले ही खत्म हो चुकी होती है, लेकिन ऊँची चोटियों पर बर्फ की हल्की सफेद परत देखने को मिलती है।
तोश में करने लायक चीजेंतोश ट्रेकिंग – कसोल और मणिकरण से तोश तक का ट्रेक एडवेंचर प्रेमियों के लिए शानदार अनुभव देता है।
पार्वती नदी के किनारे कैम्पिंग – यहाँ बहती पार्वती नदी के किनारे कैम्पिंग का अनुभव आपको सुकून देगा।
लोकल कैफे और इजरायली फूड – यहाँ के कैफे में इजरायली और हिमाचली खाना चखना ना भूलें।
खीरगंगा ट्रेक – यहाँ के प्राकृतिक गर्म पानी के झरने आपको एक अलग ही आनंद देंगे।
मलाणा और मणिकरण यात्रा – आप मलाणा गाँव की रहस्यमयी संस्कृति और मणिकरण के गुरुद्वारे का दर्शन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी रेलवे स्टेशन – जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन (लगभग 144 किमी दूर)
नज़दीकी एयरपोर्ट – भुंतर एयरपोर्ट (कुल्लू) (लगभग 50 किमी दूर)
बस और टैक्सी – भुंतर से कसोल और फिर तोश तक टैक्सी या लोकल बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
तवांग, अरुणाचल प्रदेश – पूर्वोत्तर भारत का छुपा हुआ स्वर्गपूर्वी हिमालय की गोद में बसा तवांग अपने सुरम्य दृश्यों, बौद्ध संस्कृति और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा हिल स्टेशनों में से एक है, जो अभी भी भीड़भाड़ से दूर और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं। अप्रैल के महीने में यहाँ का मौसम सुहावना होता है, जिससे यह घूमने के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन बन जाता है।
अप्रैल में तवांग क्यों जाएं?- इस समय बर्फ धीरे-धीरे पिघलने लगती है और हरियाली अपने चरम पर होती है।
- तापमान ठंडा लेकिन सुखदायक रहता है, जिससे यात्रा और ट्रेकिंग का अनुभव और भी खास हो जाता है।
- तवांग मठ के भव्य दृश्य और बौद्ध संस्कृति का अनूठा अनुभव मिलता है।
- आप यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ों के साथ खूबसूरत झीलों का आनंद ले सकते हैं।
तवांग में करने लायक चीजेंतवांग मठ – यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है।
संगेसर लेक (माधुरी लेक) – यह झील बर्फ से घिरी पहाड़ियों के बीच एक जादुई नजारा पेश करती है।
सेला पास – यह पास तवांग का प्रवेश द्वार है और यहाँ का बर्फीला दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
तकत्संग मठ – यह शांतिपूर्ण मठ ट्रेकिंग और ध्यान लगाने के लिए बेहतरीन जगह है।
बुम ला पास – यह चीन-भारत सीमा पर स्थित है और भारतीय सेना के विशेष अनुमति से ही यहाँ जाया जा सकता है।
नूरानंग वॉटरफॉल्स – इस शानदार जलप्रपात को जंग वॉटरफॉल्स भी कहा जाता है।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी एयरपोर्ट – तेज़पुर एयरपोर्ट (317 किमी दूर)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन – रंगापाड़ा रेलवे स्टेशन (383 किमी दूर)
सड़क मार्ग – गुवाहाटी से तवांग के लिए सीधी बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
कौसानी, उत्तराखंड – हिमालय का अनछुआ स्वर्गअगर आप किसी ऐसे हिल स्टेशन की तलाश में हैं, जहाँ शांति और प्राकृतिक सुंदरता का मेल हो, तो उत्तराखंड का कौसानी आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यह छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन महात्मा गांधी द्वारा भारत का स्विट्ज़रलैंड कहे जाने के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ से आप नंदा देवी, त्रिशूल और पंचाचूली जैसी हिमालयी चोटियों के अद्भुत नज़ारे देख सकते हैं।
अप्रैल में कौसानी क्यों जाएं?- इस समय मौसम खुशनुमा और आसमान साफ़ रहता है, जिससे हिमालय का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।
- हरे-भरे चाय बागानों और शांतिपूर्ण वादियों में सुकून के पल बिताने का सही समय।
- गर्मी से राहत पाने और प्रकृति के करीब जाने का बेहतरीन मौका।
कौसानी में घूमने की जगहेंअनासक्ति आश्रम – यह आश्रम महात्मा गांधी के प्रवास का साक्षी है और यहाँ ध्यान और शांति का अनुभव लिया जा सकता है।
रुद्रधारी वॉटरफॉल और गुफाएं – एडवेंचर और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह बेहद खास है।
कौसानी टी एस्टेट – यहाँ उत्तराखंड की प्रसिद्ध चाय के बागानों का दौरा किया जा सकता है।
बैजनाथ मंदिर – अलकनंदा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
हिमालय दर्शन पॉइंट – यहाँ से आप हिमालय के विशाल पहाड़ों के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी एयरपोर्ट – पंतनगर एयरपोर्ट (168 किमी दूर)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन – काठगोदाम रेलवे स्टेशन (142 किमी दूर)
सड़क मार्ग – नैनीताल, अल्मोड़ा और रानीखेत से सीधी बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
तीर्थन घाटी, हिमाचल प्रदेश – एडवेंचर और शांति का परफेक्ट मेलअगर आप अप्रैल के महीने में किसी ऑफबीट हिल स्टेशन की तलाश में हैं, तो तीर्थन घाटी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हिमाचल प्रदेश के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के पास स्थित यह घाटी प्रकृति प्रेमियों, एडवेंचर के शौकीनों और शांति चाहने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
अप्रैल में तीर्थन घाटी क्यों जाएं?
- खिलते हुए जंगली फूल और हरी-भरी घाटियाँ – इस समय घाटी अपनी पूरी खूबसूरती के साथ खिल उठती है।
- ट्रेकिंग और हाइकिंग का परफेक्ट टाइम – सुहाने मौसम में आप कई खूबसूरत ट्रेक्स का आनंद ले सकते हैं।
- बर्ड वॉचिंग और वाइल्डलाइफ – ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में दुर्लभ पक्षियों और वन्यजीवों को देखने का मौका।
-शांत वातावरण और भीड़ से दूर – यह जगह अभी भी ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुई है, जिससे यहाँ आपको भीड़ से राहत मिलेगी।
तीर्थन घाटी में घूमने की जगहेंग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क – यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह है।
तीर्थन नदी – यहाँ पर आप फिशिंग, कैंपिंग और नदी के किनारे रिलैक्स कर सकते हैं।
सेरोलसर लेक ट्रेक – एक आसान और सुंदर ट्रेक, जो झील तक पहुंचने पर मंत्रमुग्ध कर देने वाले नज़ारे पेश करता है।
चहोई वॉटरफॉल – यह खूबसूरत झरना इस घाटी की प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगाता है।
बुध्दी नागिन मंदिर – जलोरी पास के पास स्थित इस मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी एयरपोर्ट – भुंतर एयरपोर्ट (50 किमी दूर)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन – जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन (145 किमी दूर)
सड़क मार्ग – कुल्लू, मनाली और शिमला से बस या टैक्सी से पहुँचा जा सकता है।
मावलिननॉन्ग, मेघालय – एशिया का सबसे स्वच्छ गाँवअगर आप किसी अनोखी और शांत जगह की तलाश में हैं, तो मेघालय का मावलिननॉन्ग आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। इस गाँव को एशिया का सबसे साफ-सुथरा गाँव कहा जाता है और यह प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए प्रसिद्ध है।
अप्रैल में मावलिननॉन्ग क्यों जाएं?स्वच्छता और हरियाली – इस गाँव के लोग सफाई को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानते हैं, जिससे यह जगह बेहद खूबसूरत लगती है।
सुहावना मौसम – अप्रैल के महीने में हल्की ठंडी हवा और खिली धूप यहाँ घूमने का मज़ा दोगुना कर देती है।
लिविंग रूट ब्रिज – हाथ से बने जीवित जड़ पुल (Living Root Bridge) यहाँ की सबसे बड़ी खासियत हैं।
मनमोहक प्राकृतिक नज़ारे – यहाँ से आप बांग्लादेश की सीमा तक फैले हरे-भरे दृश्य देख सकते हैं।
डॉकी नदी की सैर – यहाँ से कुछ किलोमीटर दूर स्थित डॉकी में आप काँच जैसी साफ उमगोत नदी में बोटिंग का मज़ा ले सकते हैं।
मावलिननॉन्ग में घूमने की जगहेंलिविंग रूट ब्रिज – पेड़ों की जड़ों से बने ये अनोखे पुल दुनिया में बेहद दुर्लभ हैं।
बैलेंसिंग रॉक – यहाँ एक विशाल पत्थर बिना किसी सहारे के टिका हुआ है, जो एक प्राकृतिक अजूबा है।
स्काई व्यू पॉइंट – यहाँ से आप मेघालय की खूबसूरत पहाड़ियों और बांग्लादेश के मैदानों का अद्भुत नज़ारा देख सकते हैं।
स्थानीय जनजातीय संस्कृति – गाँव में घूमकर आप खासी जनजाति की अनोखी जीवनशैली को करीब से जान सकते हैं।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी एयरपोर्ट – शिलांग एयरपोर्ट (78 किमी दूर)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन – गुवाहाटी रेलवे स्टेशन (172 किमी दूर)
सड़क मार्ग – शिलांग और चेरापूंजी से टैक्सी या बस से पहुँचा जा सकता है।
ज़ीरो, अरुणाचल प्रदेश – प्रकृति और संस्कृति का संगमअगर आप प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय संस्कृति का अनोखा मिश्रण देखना चाहते हैं, तो ज़ीरो (Ziro) आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यह अरुणाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत और शांत हिल स्टेशनों में से एक है। ज़ीरो को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने के लिए भी प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जो इसकी अनोखी संस्कृति और प्राकृतिक महत्व को दर्शाता है।
अप्रैल में ज़ीरो क्यों जाएं?सुहावना मौसम – अप्रैल के महीने में यहाँ का तापमान 10°C से 20°C के बीच रहता है, जो ट्रैकिंग और घूमने के लिए परफेक्ट है।
हरे-भरे चावल के खेत – अपतानी जनजाति के लोग यहाँ के सुंदर स्टेप फार्मिंग राइस फील्ड्स में खेती करते हैं, जो देखने में बेहद मनमोहक लगते हैं।
बर्डवॉचिंग का स्वर्ग – ज़ीरो में आपको दुर्लभ पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी, जो इसे नेचर लवर्स और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स के लिए परफेक्ट बनाती हैं।
अपतानी जनजाति की अनूठी जीवनशैली – इस जनजाति की अनोखी परंपराएँ और संस्कृति इसे भारत के अन्य डेस्टिनेशनों से अलग बनाती हैं।
ज़ीरो म्यूजिक फेस्टिवल की तैयारी – अप्रैल के महीने में यहाँ म्यूजिक फेस्टिवल की हलचल शुरू हो जाती है, जो हर साल सितंबर में आयोजित होता है।
ज़ीरो में घूमने की जगहेंटैल वैली वन्यजीव अभयारण्य – यहाँ के घने जंगलों में आपको कई दुर्लभ वन्यजीव और पक्षी देखने को मिलेंगे।
मेघना गुफा मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह गुफा मंदिर ज़ीरो की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है।
अपतानी गांव – बांस से बने पारंपरिक घरों और खूबसूरत चावल के खेतों से घिरे यह गाँव आपको एक अलग ही दुनिया का अहसास कराएंगे।
कर्दो हिल – यह ज़ीरो का सबसे ऊँचा पॉइंट है, जहाँ से पूरे इलाके का शानदार नज़ारा देखा जा सकता है।
डिलोप खील ट्रेक – ट्रेकिंग लवर्स के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं, जहां आपको खूबसूरत नदियाँ और हरे-भरे जंगल मिलेंगे।
कैसे पहुंचे? नज़दीकी एयरपोर्ट – लीलाबाड़ी एयरपोर्ट (100 किमी दूर)
नज़दीकी रेलवे स्टेशन – नाहरलगुन रेलवे स्टेशन (100 किमी दूर)
सड़क मार्ग – ईटानगर से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।