पर्यटन स्थलों के अलावा इन चीजों के लिए भी पहचाना जाता हैं कोल्हापुर, जानें इनके बारे में

महाराष्ट्र राज्य को अपने रहन-सहन, बोलचाल, खानपान सहित कई चीजों के लिए जाना जाता हैं। महाराष्ट्र के हर हिस्से की अपनी विशेषता हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं कोल्हापुर की जो महाराष्ट्र की एक प्रसिद्ध जगह है। पुणे से 230 किमी दूर स्थित यह शहर कोल्हापुर रियासतों में से एक है और मराठों के समय की समृद्ध विरासत को संजोए हुए है। कोल्हापुर की सांकृतिक और पारंपरिक चीजें लोगों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करती हैं। यहां खाने-पीने से लेकर घूमने-फिरने की जगहों तक, सब कुछ बहुत खास है। पर्यटन स्थलों के अलावा कोल्हापुर को कई अन्य चीजों के लिए भी जाना जाता हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है इस प्राचीन शहर में पर्यटकों के लिए खास।

कोल्हापुर का मिसल

अमूमन किसी भी शहर के लिए घूमने निकलते हैं तो उस शहर के बारे में ये ज़रूर जानने की कोशिश करते हैं कि वहां टेस्टी फ़ूड मिलते भी हैं या नहीं। तो आपकी जानकरी के लिए बता दें कि अगर आप कोल्हापुर जा रही हैं तो मिसल डिश को ट्राई करना ना भूलें। यह डिश बेहद ही स्वादिष्ट और मशहूर भी है। आप खासबाग मिसल और बावड़ा मिसल भी ट्राई कर सकती हैं। नॉनवेज में आप तांबड़ा रस्सा, मटन का अचार, कीमा राइस भी ट्राई कर सकती हैं।

कोल्हापुर का दंगल

बेशक आपको दंगल देखने का शौक हो या नहीं, लेकिन आपको कोल्हापुर का दंगल जरूर देखना चाहिए। याह महाराष्ट्र की पहचान है। कोल्हापुर में भारतीय कुश्ती का हब है। कई अखाड़े हैं जहां हर सुबह और शाम को कुश्ती मैच आयोजित किए जाते हैं। महालक्ष्मी मंदिर के पास मोतीबाग अखाड़ा घूमने के लिए एक अच्छी जगह है।

कोल्हापुर का रंकाला महोत्सव

कोल्हापुर एक अन्य सांस्कृतिक उत्सव के लिए जाना जाता है, जिसका नाम है रंकाला महोत्सव। यह नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को देखने का मौका मिलता है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में लाइव परफॉर्मेंस , म्यूजिक कंसर्ट, एग्जीबिशन जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

कोल्हापुरी साज

यह एक तरह का गले में पहनने वाला आभूषण है। ये एक पांपरिक गहना है जिसे पहनने की शुरुआत सदियों पहले कोल्हापुर से हुई थी और अब महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी इसे खूब पसंद किया जाता है। पारंपरिक रूप से तो ये इसमें 21 पत्तियां (पेंडेंट) होती हैं लेकिन महिलाएं इसे रोज़मर्रा में पहनने के लिए सिर्फ 10 या 12 ही पत्तियों का ही बनवाती हैं। ये आभूषण बहुत सुंदर दिखता है। इसका डिज़ाइन पर्यटकों को बहुत लुभाता है इसलिए अक्सर पर्यटक इसके डिज़ाइन जैसा ही आर्टिफिशियल नेकलेस बनवा लेते हैं।

कोल्हापुरी चप्पल

कोल्हापुर घूमने जाएं और कोल्हापुरी चप्पल नहीं ख़रीदे तो फिर यहां आने का क्या फायदा। कोल्हापुरी चप्पल पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह चप्पल यहां की पारंपरिक पहचान है। कोल्हापुरी रंग-बिरंगी चप्पलों को विदेश से आए पर्यटक भी बहुत पसंद करते हैं। कोल्हापुरी चप्पल के साथ-साथ कोल्हापुरी साड़ी भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है।

कोल्हापुरी साड़ी

कोल्हापुर की मशहूर चीज़ जो यहां आए हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है वो है यहां की साड़ी। कोल्हापुरी रेशम से बनी साड़ियों को देखकर तो हर महिला का दिल करता है कि एक बार इस बेहतरीन सिल्क की साड़ी को ज़रूर पहने। इन साड़ियों को बनाने के लिए उच्च क्वालिटी का रेशम इस्तेमाल किया जाता है। ये अच्छी क्वालिटी वाला रेशम महंगा होता है इसलिए इससे बनी साड़ी भी काफी महंगी होती है। इन साड़ियों के रंग विदेशी पर्यटकों को भी बहुत पसंद आते हैं और एक ना एक साड़ी तो ज़रूर खरीदते ही हैं। कोल्हापुरी साड़ी आपको महाराष्ट्र में किसी भी साड़ी की दुकान पर बहुत आराम से मिल जाएगी।

कोल्हापुरी मसालों का जवाब नहीं

इसके अलावा यहां के मसालों को भी अपने साथ जरूर लेकर जाएं। कहते हैं यहां के मसालों की बात ही कुछ और है। सॉस से लेकर ग्रेवी तक का स्वाद सबसे अलग होता है। यहां का मिसल बहुत पॉपुलर है। यह आलू, मटर और अन्य स्प्राउट्स की एक मसालेदार ग्रेवी है। पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध मिसल केवल यहां ही पाई जाती है।