भारत के अनोखे गाँव जो अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाने जातें है

कहा जाता है की भारत का ह्रदय गाँवों में बसता हैं क्योकि देश से जुडी संस्कृती, कला के नज़ारे गाँवों में ही देखने को मिलते हैं। भारत की अधिकांश जानता गावों में ही रहती हैं। हमारे देश में कई गाँव हैं। लेकिन उनमें से भी कुछ गाँव ऐसे हैं जो कि अपने अनोखे अंदाज या विशेषता के लिए जाने जाते हैं। और शायद ही अपने इन गाँवों के बारे में सुना होगा। तो आइये आज हम बताते हैं आपको उन गावों के बारे में जो अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं...

* मट्टूर :

ये गांव हजारों साल पुरानी हमारी संस्कृति और सभ्यता को जिंदा रखे हुए है। इस गांव का हर शख्स संस्कृत भाषा में बात करता है। फिर चाहे वो बच्चा हो या बड़ा। यहां के लोग वैदिक जिंदगी जीते हैं। इस गांव को संस्कृत गांव भी कहा जाता है। यहां की पाठशाला में बच्चे पांच साल में भाषा का अध्यन करते हैं। ये गांव बैंगलुरु से 300 किलोमीटर दूर है।

* झांझड़ा हसनपुर :

यह गांव लोहारू थाना के अंतर्गत आता हैं। इस गांव के लोग पिछले 14 साल के दौरान कभी थाने नहीं गए। यहां के लोगो का मानना हैं कि थाने में जाने के बाद न केवल भाईचारा बिगड़ेगा बल्कि कोर्ट-कचहरी के चक्कर में आर्थिक नुकसान भी होगा। खास बात यह है कि गांव के विवाद पंचायती स्तर पर ही निपटा लिए जाते है और वर्षों से कोई मामला थाने नहीं पहुंचा है।

* धोकड़ा :

यहां के लोग कभी दूध या उससे बनने वाली चीज़ो को बेचते नही हैं बल्कि उन लोगों को मुफ्त में दे देते हैं जिनके पास गाय या भैंस नहीं हैं। आज जब इंसानियत खो सी गयी है लोग किसी को पानी तक नही पूछते श्वेत क्रांति के लिए प्रसिद्ध ये गाँव दूध दही ऐसे ही बाँट देता है, यहां पर रहने वाले एक पुजारी बताते हैं की उन्हें महीने में करीब 7,500 रुपए का दूध गाँव से मुफ्त में मिलता है।

* पनामिक :

पनामिक गांव सियाचिन ग्लैशियर के पास स्थित है। इस गांव के पास गर्म पानी की धारा बहती है। दूर-दूर से लोग इस गांव में बहती गर्म पानी की धारा में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। ये गांव समुद्र तल से दस हजार फीट की ऊंचाई से भी ऊपर बसा हुआ है। लेह की नुब्रा वैली से ये गांव 150 किलोमीटर दूर है। इस गांव में जाने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर के बीच है।

* शनि शिन्ग्नापुर :

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा तालुके में शनि शिन्ग्नापुर भारत का एक ऐसा गाँव है जहाँ लोगों के घर में एक भी दरवाजा नही है यहाँ तक की लोगों की दुकानों में भी दरवाजे नही हैं, यहाँ पर कोई भी अपनी बहुमूल्य चीजों को ताले चाबी में बंद करके नहीं रखता फिर भी गाँव में आज तक कभी कोई चोरी नही हुई।

* मलाणा :

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के अति दुर्गम इलाके में स्तिथ है मलाणा गाँव। इसे आप भारत का सबसे रहस्यमयी गाँव कह सकते है। यहाँ के निवासी खुद को सिकंदर के सैनिकों का वंशज मानते हैं। यहां पर भारतीय क़ानून नहीं चलते है यहाँ की अपनी संसद है जो सारे फैसले करती है। मलाणा भारत का इकलौता गांव है जहाँ मुग़ल सम्राट अकबर की पूजा की जाती है। कुल्लू के मलाणा गांव में यदि किसी बाहरी व्यक्ति ने किसी चीज़ को छुआ तो जुर्माना देना पड़ता है। जुर्माने की रकम 1000 रुपए से 2500 रुपए तक कुछ भी हो सकती है। अगर इस गांव में किसी ने मकान-दुकान या यहां के किसी निवासी को छू लिया तो यहां के लोग उस व्यक्ति से एक हजार रुपए वसूलते हैं।