दुनिया के अजूबों के बारे में तो आप कब से ही पढ़ते और सुनते आये हैं। ये अजूबे अपने रूप और गुणों के कारण बहुत विख्यात हुए हैं। जिसमें से एक हैं 'चीन की दीवार' जिसे 'द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना' भी कहा जाता हैं, जिसे देखने एक करोड़ पर्यटक हर साल आते हैं। जो सच में देखने लायक चीज हैं। चीन की दीवार दुनिया की सबसे बड़ी दीवार हैं, जिसकों बनने में सालों लग गए। वो कहते हैं ना हर अच्छी चीज बनने में समय लगता हैं। चीन की दीवार से जुडी कई ऐसी बाते हैं जिनसे शायद आप अनजान हैं, इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ मजेदार बातें।
* चीन का ये विशाल दीवार 7वीं शताब्दी यानी कि 2800 साल पहले बनना शुरू हुआ था और इसे पूरा होने में करीब दो हजार साल लग गए थे। इस फेमस दीवार का निर्माण राजा किन शिहुआंग ने शुरू करवाया था।
* एक समय इस दीवार को कई नामों से जाना जाता था, जिनमें रमपंत, परपल फ्रॉंट्रियर, अर्थ ड्रैगन शामिल थे। हालांकि, 19वीं शताब्दी में इसका ऑफिशियल नाम ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पड़ा।
* इस दीवार की लंबाई 3400 किमी है, ये दुनिया में इंसानों की बनाई सबसे बड़ी संरचना है।
* दीवार को बनाते वक्त इसके पत्थरों को जोड़ने के लिए चावल के आटे का इस्तेमाल किया गया था।
* यह एक मात्र मानव निर्मित आकृति है जिसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है।
* चीन के पूर्व सम्राट किन शी हुआंग की कल्पना के बाद इसे बनाने में करीब 2 हज़ार साल लगे। हमारे देश की जाति व्यवस्था भी करीब इतनी ही पुरानी है।
* एक अनुमान के अनुसार इस दीवार को बनाने के लिए 20 से 30 लाख लोगो ने अपना पूरा जीवन लगा दिया।
* चीन की विशाल दीवार की ऊँचाई हर जगह एक जैसी नही है। इसकी सबसे ज्यादा ऊँचाई 35 फुट है जबकि कुछ जगह से तो 8-9 फुट ही ऊँची है।
* दीवार के निर्माण में जो लोग कोताही बरतते थे, उन्हें इसकी दीवार की नींव में दफना दिया गया था। इसलिए इसे दुनिया का सबसे लंबा कब्रिस्तान भी कहते हैं।
* चीनी भाषा में इस दीवार को ‘वान ली छांग छंग’ कहा जाता है जिसका मतलब होता है ‘चीन की विशाल दीवार’
* 3400 किमी लंबी इस पूरी दीवार में बीकन टॉवर, सीढ़ियां और कई पुल भी शामिल हैं।
* एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार, ग्रेट वॉल ऑफ चायना का एक तिहाई हिस्सा गायब हो चुका है। इसका कारण दीवार के सही रखरखाव की कमी के अलावा मौसम का प्रभाव और चोरी भी है। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को हर ईंट के लिए 3 पाउंड तक मिलते हैं।