भारत के केरल प्रान्त मे मलयालम भाषा बोली जाती है।यह, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। मलयालम् भाषा अथवा उसके साहित्य की उत्पत्ति के संबंध में सही और विश्वसनीय प्रमाण प्राप्त नहीं हैं। भाषा के संबंध में हम केवल इस निष्कर्ष पर ही पहुँच सके हैं कि यह भाषा संस्कृतजन्य नहीं है - यह द्रविड़ परिवार की ही सदस्य है।तो आइये जानते है इस भाषा की महत्वपूर्ण बातो को....
1. संस्कृत और तमिल भाषा के बाद यही भाषा है जिस के शब्द सबसे ज्यादा उठाये गए है।
2. मलयालम भाषा को बिना पेन को उठाये लिखा जा सकता है।
3. हिंदी भाषा मे लिखने के कई नियम है लेकिन मलयालम भाषा मे कोई नियम नहीं होते है।
4. मलयालम भाषा को एक ही प्रवाह मे बोला जा सकता है। जो की बिना रुके होती है।
5. इस भाषा बोलने का सभी का तरीका अलग होता है।
6. आर्मी और CRPF मे इस भाषा को कोड के तौर पर उपयोग मे लिया जाता है।