कर रहे हैं वीकेंड पर घूमने की प्लानिंग, इंदौर की ये 5 जगहें रहेगी बेस्ट

इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। जो सरावती नदी और खान नदी के तट पर स्थित है। इंदौर को मध्य प्रदेश राज्य में सबसे नियोजित शहर माना जाता है। यह शहर इतिहास और वास्तुकला में अहम है।प्रकृति प्रेमी या वास्तुकला में रूची रखने वाले पर्यटको के लिए इंदौर पर्यटन स्थल की स्वर्ग से कम नही है... इंदौर की यात्रा या इंदौर भ्रमण के दौरान हम इंदौर पर्यटन स्थल में से हम यहा इंदौर के 5 टॉप दर्शनीय स्थलो के बारे में जानेगें।

पातालपानी

पातालपानी एक बहुत ही सुंदर और अद्भूत झरना है जो इंदौर शहर से 36 किमी। की दूरी पर स्थित है। यह झरना 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लेकिन इस झरने की गहराई के बारे में किसी को कोई अंदाजा नहीं है। झरने के बारे में काफी बातें कही जाती है, कुछ लोगों का मानना है कि झरना, पाताल तक गहरा है और इसी कारण इस झरने का नाम पातालपानी है।

केंद्रीय संग्रहालय

इंदौर में केंद्रीय संग्रहालय इंदौर पर्यटन स्थल में सबसे अधिक बार देखा जाने वाले स्थलों में से एक है। इसे इंदौर संग्रहालय भी कहा जाता है। इसमें संग्रह की एक समृद्ध श्रृंखला है जो 5000 ईसा पूर्व की है। इसमें दो दीर्घाएं हैं। एक प्रागैतिहासिक काल से संबंधित कलाकृतियों और दूसरी गैलरी में नक्काशी है जो हिंदू पौराणिक कथाओं को दर्शाती है।

कजली गढ़

इंदौर से खंडवा जाते समय 20 किलोमीटर के रास्ते में सिमरोल नामक गाँव आता है I यह एक बहुत ही पुराना गाँव है । यहाँ से लगभग 6 किलोमीटर दूर पूर्व की दिशा मे इंदौर के महाराजा शिवाजी राव होल्कर द्वारा बनवायी गई शिकारगाह है । रहस्य और रोमांच से भरपूर इसी जगह को कजलीगढ़ के नाम से जाना जाता है।

लाल बाग पैलेस

लाल बाग पैलेस निस्संदेह इंदौर में सबसे खूबसूरत महल है। लाल महल का निर्माण वर्ष 1886 में शुरू हुआ और यह 1921 में पूरा हो गया। महल की वास्तुकला यूरोपीय शैली से प्रभावित है और इसमे विभिन्न अवधि से संबंधित शैलियों का मिश्रण है। इस प्रभावशाली महल के द्वार इंग्लैंड में डाले गए थे और वे बकिंघम पैलेस के द्वार की प्रतिकृति हैं।

हत्यारी खोह

इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर हत्यारी खोह नाम का ट्रैकिंग स्पॉट है। यहां ऊंचाई से गिरने वाला झरना और प्राकृतिक नजारे दिलों को बहुत ही अंदर तक छू जाते हैं। यहां पहुंचने के लिए कंपेल से हुए तेलीया खेड़ी में वाहन खड़ा करके करीब दो किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर पैदल चलना होता है। कृपया इसके नाम पर न जाएँ । बहुत ही मनोरम जगह है।