दक्षिण भारत के ये 5 दर्शनीय स्थल देते हैं घूमने का मजा

भारत का दक्षिण भाग जिसे दक्षिण भारत के नाम से जाना जाता है वो कई मायनों में खास है। दक्षिण भारत ना केवल भारत का अहम अंग है बल्कि भारत के पर्यटन में इसका विशेष योगदान है। यदि कोई उत्तर से दक्षिण भारत तक की यात्रा करता है, तो कोई भी भारत की संस्कृति, जलवायु और परिदृश्य में विविधता को समझ सकता है। यदि उत्तर भारत में पहाड़ियों और बर्फ से ढके पहाड़ हैं, तो दक्षिण भारत में वन्यजीव अभयारण्यों के साथ समुद्र तट, विशाल वनस्पतियों, सुंदर झरनों और विभिन्न घाटियों का संगम है। साउथ इंडिया का टूर प्लान करें तो इनमे से किसी जगह पर जरूर जाएँ।

नटराजा मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में स्थित है। पूरे देश से लोग यहां भगवान शिव के नटराज रूप के दर्शनों के लिए आते हैं। इस मंदिर में प्रवेश के लिए मूर्तियों तथा अनेक प्रकार की चित्रकारी वाले भव्य गोपुरम बने हैं, जो नौ मंजिले हैं। मंदिर की नक्काशी देखकर आप हैरान रह जाएंगे। यह मंदिर देश के पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह 40 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

बादामी, एहोल और पट्टडकल, कर्नाटक

भारत के कर्नाटक राज्य में बादामी नाम के शहर में एक गुफा स्थित है। ये गुफाएँ अपनी सुन्दर निकाष्यों के लिए जाने जाते हैं।यहाँ चार गुफाएँ है जिनमे से पहली गुफा सबसे पुरानी है, जिसका निर्माण पांचवी शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर की छत पर पुराणों के दृश्य दिखाए गए हैं, जिनमें भगवान् विष्णु का गरुड़ अवतार भी दिखाया गया है। चौथा गुफा मंदिर जैन धर्म को समर्पित है, जहाँ जैन धर्म के भगवान् महावीर का चित्र बना है।सातवीं शताब्दी में बादामी चालोक्य वंश की राजधानी थी। चालोक्य राजाओं ने बादामी में दो सौ साल तक राज्य किया।यह एक विश्व धरोहर स्थल है।

तिरुपति बालाजी मंदिर
आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह देश के सबसे मशहूर तीर्थ स्थलों में से क है। यह स्वामी वेंकेटेश्वर मंदिर तिरुपति पहाड़ की सातवीं चोटी पर स्थित है। मुख्य मंदिर में भगवान वैंकटेश्वर की प्रतिमा है। मंदिर परिसर में कई खूबसूरत द्वार, मंडपम और छोटे मंदिर बने हैं। इस मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में होती है और यहां के भगवान वेंकटेश्वर पर लोगों की अपार श्रद्धा है। तभी तो हर दिन करीब 50000 लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

थंजावुर, तमिलनाडु

तमिलनाडु में स्थित थंजावुर प्राचीन चोल वंश द्वारा निर्मित है। दक्षिण भारत के कई दर्शनीय स्थाल यहां पर स्थित हैं। ये जगह भगवान शिव के बृहदेश्वनर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। विश्व के प्रथम ग्रेनाइट मंदिर के रूप में प्रसिद्ध बृह्देश्वदर मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बनें हैं। यह विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर है। तंजौर का यह मंदिर वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्ण कला का भंडार है।

वरकाला, केरल

वरकाला बीच जो कि वरकाला में स्थित है, इसे पपंसम बीच के नाम से भी जानते हैं। वरकाला समुद्र तट की परियों की ऐसी कहानियां मशहुर है, जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी ।चट्टान के निचले भाग में स्थित एक शानदार समुन्द्र तट है, जो चट्टानों के ऊपर से नीचे की ओर कदम उठता है । यह आश्चर्य की बात है कि वरकाला भारत के सबसे अच्छे समुन्द्र तटों में से एक हैं । गर्मियों के मौसम में यहाँ सफ़र करना काफी बेहतर होगा ।