आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धुरी रहा है - हरियाणा

भारतीय गणतन्त्र में, एक अलग राज्य के रूप में, हरियाणा की स्थापना यद्यपि 1 नवम्बर, 1966 को हुई, किन्तु एक विशिष्ट ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक इकाई के रूप में हरियाणा का अस्तित्व प्राचीन काल से मान्य रहा है। यह राज्य आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धुरी रहा है। मनु के अनुसार इस प्रदेश का अस्तित्व देवताओं से हुआ था, इसलिए इसे 'ब्रह्मवर्त' का नाम दिया गया था। हरियाणा के विषय में वैदिक साहित्य में अनेक उल्लेख मिलते हैं। इस प्रदेश में की गई खुदाईयों से यह ज्ञात होता है कि सिंधु घाटी सभ्यता और मोहनजोदड़ों संस्कृति का विकास यहीं पर हुआ था। शास्त्र-वेत्तओं, पुराण-रचयिताओं एवं विचारकों ने लम्बे समय तक इस ब्रह्मर्षि प्रदेश की मनोरम गोद में बैठकर ज्ञान का प्रसार अनेक धर्म-ग्रन्थ लिखकर किया। उन्होने सदा मां सरस्वती और पावन ब्रह्मवर्त का गुणगान अपनी रचनाओं में किया।

* चंडीगढ़

भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश और उत्तर भारत का प्रमुख शहर है जो तीन ओर से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से लगा हुआ है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की कल्पना के इस शहर को मूर्त रूप देने का कार्यभार एक फ्रेंच आर्किटेक्ट 'ली कार्बूजिए' को दिया गया था। कार्बूजिए ने जेनेरेट और मैक्सवेल व जेनड्रेन नामक दंपती के सहयोग से इस नगर का निर्माण किया। इसका नियोजन करते हुए इस बात का ध्यान रखा कि यहाँ आधुनिक युग की सभी सुविधाओं के साथ-साथ प्राचीन संस्कृति और परंपराएं भी हैं।

चंडीगढ़ आने वाले पर्यटकों को रॉक गार्डन अवश्य देखना चाहिए। इस गार्डन का निर्माण श्री नेकचंद ने किया था। इसे बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटकों के लिए यहाँ मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि का आकर्षण है। हर साल इस उद्यान को देखने हज़ारों पर्यटक आते हैं। उद्यान में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपॅन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं।

* गुडगाँव

गुड़गाँव का नाम हिन्दू ग्रंथो में भी मिलता है। गुड़गाँव गाँव, जो की शहर के एकदम मध्य मैं है, गुरु द्रोणाचार्य का गाँव है। यही पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवो और कोरवो को शिक्षा दी थी। पांडव और कोरव्, हिन्दू ग्रन्थ महाभारत के पात्र है। गुडगाँव का पुराणिक नाम गुरुग्राम है, अर्थात गुरु (द्रोणाचार्य) का ग्राम। गुरु द्रोणाचार्य को गुरुग्राम पांड्वो और कोरवो ने उपहार स्वरुप दिया था, जो की ऋषि भरद्वाज के पुत्र थे। महाभारत में दर्शाया गया कुआ, जिसमे पांडवो और कोरवो की गेंद चली गई थी, अभी भी गुरु द्रोणाचार्य कॉलेज के अन्दर मोजूद है। इतिहास में गुडगाँव पर हमेशा से दिल्ली पर राज करने वाले राजाओं का ही अधिकार रहा है जेसे की राजपूत, यदुवंशी, मुग़ल, मराठा आदि।

हरियाणा राज्य में स्थित गुड़गाँव बहुत ही ख़ूबसूरत स्‍थान है। गुड़गाँव पर्यटन का आकर्षक स्थल है। गुड़गाँव में शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है। देश-विदेश से पर्यटक शीतला माता की पूजा करने के लिए यहां आते हैं। शीतला माता के मन्दिर के अलावा भी पर्यटक यहाँ पर कई पर्यटक स्थलों की सैर कर सकते हैं।

* कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र हरियाणा राज्य का एक प्रमुख जिला और उसका मुख्यालय है। यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा अम्बाला, यमुना नगर, करनाल और कैथल से घिरा हुआ है तथा दिल्ली और अमृतसर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलमार्ग पर स्थित है। इसका शहरी इलाका एक अन्य एटिहासिक स्थल थानेसर से मिला हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। माना जाता है कि यहीं महाभारत की लड़ाई हुई थी और भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं ज्योतिसर नामक स्थान पर दिया था। यह क्षेत्र बासमती चावल के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। कुरुक्षेत्र का इलाका भारत में आर्यों के आरंभिक दौर में बसने (लगभग 1500 ई. पू.) का क्षेत्र रहा है और यह महाभारत की पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। इसका वर्णन भगवद्गीता के पहले श्लोक में मिलता है। इसलिए इस क्षेत्र को धर्म क्षेत्र कहा गया है। थानेसर नगर राजा हर्ष की राजधानी (606-647) था, सन 1011 ई. में इसे महमूद गज़नवी ने तहस-नहस कर दिया। आरम्भिक रूप में कुरुक्षेत्र ब्रह्मा की यज्ञिय वेदी कहा जाता था, आगे चलकर इसे समन्तपंचक कहा गया, जबकि परशुराम ने अपने पिता की हत्या के प्रतिशोध में क्षत्रियों के रक्त से पाँच कुण्ड बना डाले, जो पितरों के आशीर्वचनों से कालान्तर में पाँच पवित्र जलाशयों में परिवर्तित हो गये। आगे चलकर यह भूमि कुरुक्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध हुई जब कि संवरण के पुत्र राजा कुरु ने सोने के हल से सात कोस की भूमि जोत डाली।

* पानीपत

पानीपत, भारतीय राज्य हरियाणा के पानीपत जिले में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। यह दिल्ली-चंडीगढ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-१ पर स्थित है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के अन्तर्गत आता है और दिल्ली से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के इतिहास को एक नया मोड़ देने वाली तीन प्रमुख लड़ाईयां यहां लड़ी गयी थी।

प्राचीन काल में पांडवों एवं कौरवों के बीच महाभारत का युद्ध इसी के पास कुरुक्षेत्र में हुआ था, अत: इसका धार्मिक महत्व भी बढ़ गया है। महाभारत युद्ध के समय में युधिष्ठिर ने दुर्योधन से जो पाँच स्थान माँगे थे उनमें से यह भी एक था। आधुनिक युग में यहाँ पर तीन इतिहासप्रसिद्ध युद्ध भी हुए हैं। प्रथम युद्ध में, सन्‌ 1526 में बाबर ने भारत की तत्कालीन शाही सेना को हराया था। द्वितीय युद्ध में, सन्‌ 1556 में अकबर ने उसी स्थल पर अफगान आदिलशाह के जनरल हेमू को परास्त किया था। तीसरे युद्ध में, सन्‌ 1761 में, अहमदशाह दुर्रानी ने मराठों को हराया था। यहाँ अलाउद्दीन द्वारा बनवाया एक मकबरा भी है। नगर में पीतल के बरतन, छुरी, काँटे, चाकू बनाने तथा कपास ओटने का काम होता है। यहाँ शिक्षा एवं अस्पताल का भी उत्तम प्रबंध है।

* अंबाला

अम्बाला शहर भारत के हरियाणा राज्य का एक मुख्य एवं ऐतिहासिक शहर है। यह भारत की राजधानी दिल्ली से दो सौ किलो मीटर उत्तर की ओर शेरशाह सूरी मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर १) पर स्थित है। अंबाला छावनी (cantt) एक प्रमुख रेलवे जंकशन है। अंबाला जिला हरियाणा एंव पंजाब (भारत) राज्यों की सीमा पर स्थित है। अंबाला छावनी देश का प्रमुख सैन्य आगार है। भौगोलिक स्थिति के कारण पर्यट्न कें क्षेत्र में भी अंबाला का मह्त्वपूर्ण योगदान है।
अंबाला कैंट का रेलवे स्टेशन

अम्बाला नाम की उत्पत्ति शायद महाभारत की अम्बालिका के नाम से हुई होगी। आज के जमाने में अम्बाला अपने विज्ञान सामग्री उत्पादन व मिक्सी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। अम्‍बाला को विज्ञान नगरी कह कर भी पुकारा जाता है कयोंकि यहां वैज्ञानिक उपकरण उद्योग केंद्रित है। भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग चालीस प्रतिशत उत्‍पादन अम्‍बाला में ही होता है। एक अन्‍य मत यह भी है कि यहां पर आमों के बाग बगीचे बहुत थे, जिससे इस का नाम अम्‍बा वाला अर्थात अम्‍बाला पड़ गया।

अम्‍बाला में भारत की पश्चिमोत्‍तर सीमा पर भारत का प्रमुख वायु सेना मुख्‍यालय भी स्थित है। यहां पर पटेल पार्क, नेता जी सुभाष चंद्र पार्क, इन्दिरा पार्क तथा महावीर उद्यान स्थित हैं। इस पार्कों में स्‍थानीय नागरिक सुबह और शाम घूमने जाते हैं। मनोरंजन हेतु यहां पर निगार, कैपिटल, निशात तथा नावल्‍टी सिनेमाघर विद्यमान हैं। सेंट पॉल कैथेड्रल भी दर्शनीय है। अम्‍बाला से वैसे तो अनेक लघु पत्रपत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं। पश्चिमोत्‍तर भारत का एक प्रमुख हिन्‍दी दैनिक पंजाब केसरी भी अम्‍बाला से प्रकाशित होता है। अम्‍बाला छावनी, अम्‍बाला सदर तथा अम्‍बाला शहर तीन पृथक व स्‍तंत्रत स्‍थानीय निकाय यहां पर लोक प्रशासन हेतु स्‍थापित हैं।