राजस्थान के इतिहास को दर्शाते है यहाँ के किले, आकर्षित करती है इनकी विशेषता

राजस्थान को राजपुताना के नाम से भी जाना जाता हैं जहाँ का अपना विशेष इतिहास रहा हैं और यहाँ की भूमि को बलिदान के लिए जाना जाता है। राजस्थान के इस गौरवान्वित इतिहास(HISTORY) को दर्शाते है यहाँ के किले। जी हाँ, राजस्थान के किले अपनेआप में आकर्षण का केंद्र है और यहाँ की झलक व्यक्ति को अनूठा अहसास करवाती है। इसलिए आज हम आपको राजस्थान के कुछ विशेष किलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं।

* आमेर का किला

आमेर का किला अरावली पहाड़ी की एक शांत पृष्ठभूमि में स्थित है। हिंदू, राजपूत और मुग़ल स्थापत्य शैली के मिश्रण से बना ये किला अपनी भव्यता के लिए मशहूर है। राजा मानसिंह प्रथम द्वारा निर्मित इस खूबसूरत किले में संगमरमर, कांच, धातु और लकड़ी की नक्काशी देखी जा सकती है।

* चित्तौड़गढ़ किला

चित्तौड़गढ़ किला,एक भव्य और शानदार संरचना है जो चित्तौड़गढ़ के शानदार इतिहास को बताता है। यह इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। किले तक पहुंचने के लिए एक सीधी चढ़ाई और घुमावदार मार्ग से एक मील चलना होगा।

* जैसलमेर किला

राजस्थान के हर शहर का हर कोना शाही लोगों के रहन-सहन की कहानी बयां करता है और जैसलमेर भी इन बातों में पीछे नहीं है। Arabian Night की दंतकथाओं जैसे दिखने वाले राजस्थान के इस शहर में जैसलमेर किला ऊंची चट्टान पर स्थित है। पीले बलुआ पत्थर से बना ये किला सूरज की किरणें पड़ने पर किसी स्वर्ण मुकुट की तरह चमकता हैं। इस किले की सादगी इसकी वास्तुकला और सजावट में देखी जा सकती है। यह दुनिया के सबसे बड़े किले के रूप में भी जाना जाता है

* रणथंभौर किला, सवाई माधोपुर

रणथंभौर किला एक शक्तिशाली किला है ।किला में विभिन्न हिंदू और जैन मंदिर के साथ एक मस्जिद भी है। किला विंध्य पठार और अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो 7 किमी भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है।

* जूनागढ़ किला

ये किला राजस्थान के बीकानेर के केंद्र में स्थित है। कला दीर्घाओं, गलियारों के एक बेड़े के साथ यह एक बहुत ही विशालकाय संरचना है। यह भारत के अच्छी तरह से संरक्षित किलों में से एक है। इसकी आंतरिक और बाह्य दीवारों और खम्भों पर रंग-बिरंगी कलाकृतियां बनी हुई हैं। यह किला इतना विशाल और आकर्षक है कि भारतीय डाक सेवा ने इस किले की तस्वीर वाला डाक टिकट भी जारी किया है।