गर्मियों का मौसम जारी हैं और आने वाले दिनों में बच्चों के स्कूल की छुट्टियां लगने वाली हैं जिसकी वजह से की लोग इन दिनों में घूमने का प्लान बनाते हैं। ऐसे में आप घूमने के लिए पूर्वोत्तर भारत की ओर रूख कर सकते हैं जो अनूठी संस्कृति और प्राकृतिक विरासत का एक आदर्श मिश्रण है। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं मेघालय की राजधानी शिलांग की जहां के हरे-भरे मैदान, सुरम्य परिदृश्य, ऊंचे पहाड़, मिलनसार लोग पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। शिलांग हिल स्टेशन को बादलो का निवास और अपनी रमणीय पहाड़ियों के कारण इसे पूर्व का स्कॉटलेंड भी कहां जाता हैं। अगर आप शिलांग घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां की इन जगहों का जरूर आनंद ले। जानें इनके बारे में...
उमियम झील
उमियम झील, एक मानव निर्मित जलाशय, शिलांग के उत्तर में 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक जलाशय है जिसे 1960 के दशक में उमियाम नदी पर बनाया गया था और तब से यह पर्यटकों के बीच पसंदीदा जगह बनकर उभरी है। विशाल झील का नीला पानी और उसमें दिखती प्रकृति की सुंदरता लैंडस्केप फोटोग्राफरों के लिए एक परफेक्ट स्थान बनाती है। यहां आप कई तरह के वॉटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं जैसे कयाकिंग, बोटिंग आदि। ये जलाशय घने शंकुधारी जंगलों से घिरा हुआ है और लगभग 222 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
बटरफ्लाई म्यूजियम
बटरफ्लाई म्यूजियम भारत का एकमात्र ज्ञात संग्रहालय है जो पतंगों और तितलियों को समर्पित है। इस संग्रहालय में तितलियों और पतंगों का विशाल संग्रह है। बटरफ्लाई म्यूज़ियम, शिलांग के मुख्य शॉपिंग डेस्टिनेशन, पुलिस बाज़ार से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बटरफ्लाई संग्रहालय में तितलियों और पतंगों की कुछ दुर्लभ प्रजातियों का संग्रह है। विशेष रूप से डिजाइन किए गए बटरफ्लाई संग्रहालय में प्रदर्शित रंग-बिरंगी तितलियों को देखना काफी दर्शनीय है। संग्रहालय को तितली प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने के लिए भी जाना जाता है।
शिलांग पीक
समुद्र तल से 6449 फीट या 1965 मीटर की ऊंचाई पर शिलांग पीक शिलांग का सबसे ऊंचा स्थान है। यह पूरे शहर, हिमालय, इसके झरनों के साथ-साथ बांग्लादेश के मैदानों का भी एक लुभावनी मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। चोटी को शहर की रक्षा करने वाले देवता का निवास भी माना जाता है। शिलांग पीक वायु सेना के अड्डे पर स्थित है और यहां भारतीय वायु सेना का एक रडार स्टेशन भी है। सुरक्षा कारणों से, फाटकों पर भारी चेकिंग की जाती है, और पर्यटकों को अपने कैमरे जमा करने के लिए कहा जाता है।
डेविड स्कॉट ट्रेल
यदि आप शिलांग घूमने के शौकीन हैं, तो 16 किलोमीटर का यह ट्रेकिंग ट्रेल एक ऐसा रोमांच है जिसे आप जीवनभर याद रखेंगे। यह पुराना ट्रेक शिलांग या उसके आसपास उपलब्ध सबसे लोकप्रिय साहसिक गतिविधियों में से एक है। दिखती पगडंडी हॉर्स-कार्ट ट्रैक का एक हिस्सा है जिसे डेविड स्कॉट नाम के एक ब्रिटिश प्रशासक ने बनाया था। इस सुंदर पगडंडी पर ट्रैकिंग करते हुए, आप कई झरने, क्रिस्टल साफ पानी की तेज धारा, सुरम्य घाटियों और घने जंगल के पेड़ों के शानदार दृश्य देख सकते हैं। यकीनन प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफी के शौकीन लोगों को इस जगह से प्रेम होने वाला है।
मावलिननांग गांव
शिलांग में देखने के लिए यहां का मावलिननांग गांव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन हुआ हैं। मेघालय राज्य के मावलिननांग गांव को ‘गॉड्स ओन गार्डन’ के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2003 में इस गांव ने एशिया के सबसे स्वच्छ गांव होने का दर्जा प्राप्त किया हैं। वर्ष 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार इस गांव में लगभग 95 मकान, कृषि पर निर्भर लोगो के बीच साक्षरता दर 100% और मुख्य कृषि सुपारी थी। शिलांग का मावलिननांग गांव क्लीनेस्ट विलेज इन इंडिया के रूप में भी जाना जाता हैं।
डॉन बॉस्को संग्रहालय
मेघालय की जनजातीय संस्कृति और सांस्कृतिक इतिहास के बारे में जानने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है डॉन बॉस्को संग्रहालय। संग्रहालय में आप स्वदेशी लेखों और कलाकृतियों का एक प्रभावशाली संग्रह देख सकते हैं, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है। संग्रहालय में सात मंजिलें हैं और इसमें कुल 17 गैलेरी शामिल हैं, जिनमें कलाकृतियां, पेंटिंग, आकृतियां, मूर्तियां और बहुत कुछ प्रदर्शित है। आपको बता दें, डॉन बॉस्को संग्रहालय को स्वदेशी संस्कृतियों से जुड़ा एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है और भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए शिलांग में सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है।
मौसिनराम
मौसिनराम दुनिया के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक हैं। बारिश का लुत्फ़ उठाने वाले और प्रकृति प्रमियों के लिए स्थान एक स्वर्ग के सामान हैं। मासिनराम और चेरापूंजी एक दूसरे के नजदीक हैं। मासिनराम का अर्थ “माव” खासी शब्द से लिया गया हैं जिसका अर्थ पत्थर है। इस गांव का आकार शिवलिंगम की भाती हैं और यह गांव स्टैलाग्माइट को एकत्रित करने के लिए जाना जाता हैं।
लेडी हैदरी पार्क
शिलांग के लाबन क्षेत्र में स्थित लोकप्रिय लेडी हैदरी पार्क है, जिसका नाम राज्य की पहली महिला और असम के राज्यपाल की पत्नी लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है। जब आप इस पार्क में जाएंगे तो सबसे पहली चीज जो आपकी नजर आएगी, वो है यहां के बगीचे को जापानी शैली में बनाना। यहाँ एक छोटी सी झील भी है जहाँ बत्तख और रंगीन मछलियाँ देखने को मिल जाएंगी। यहां हर उम्र के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, जहां वो टहलते हुए ऑर्किड और रोडोडेंड्रोन के आकर्षक संग्रह के साथ खूबसूरती से सजे हुए लॉन को देख सकते हैं। लेडी हैदरी पार्क घूमने के अलावा फोटोग्राफी के साथ-साथ बोटिंग जैसी मजेदार गतिविधि में शामिल होने के भी कई अवसर प्रदान करता है।
पुलिस बाजार
अब जब आप शिलांग जा ही रहे हैं, तो यहां के मशहूर बाजार पुलिस बाजार में भी घूमने जरूर जाएं। आप चाहे स्थानीय खाने का स्वाद चखना चाहते हो और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का टेस्ट लेना चाहते हो या फिर, कपड़े खरीदना चाहते हो या कुछ स्थानीय हस्तशिल्प खरीदना चाहते हो पुलिस बाजार में आपको वो सबको कुछ मिलेगा जिसकी इच्छा आप रखते हैं। शिलांग की आपकी यात्रा पुलिस बाजार में आए बिना अधूरी है क्योंकि यह शिलांग में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
एलिफेंट फॉल्स
एलिफेंट फॉल्स, शिलांग सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है जो शहरके के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर से ड्राइव आपको कुछ सबसे खूबसूरत सड़कों के माध्यम से ले जाती है जहां मेघालय राज्य की सुंदरता का अनुभव किया जा सकता है। हाथी की तरह दिखने वाली चट्टान के नाम पर अंग्रेजों ने इसका नाम एलीफैंट फॉल्स रखा। 1897 में इस क्षेत्र में आए भीषण भूकंप में चट्टान का एक हिस्सा नष्ट हो गया था। इस झरने की विशेषता दूधिया पानी है जो काली चट्टानों के ऊपर से बहता है। एलिफेंट फॉल्स जैव विविधता का एक आकर्षण का केंद्र भी है जहाँ आप पौधों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं, जिनमें से कुछ इस क्षेत्र के लिए अद्वितीय हैं। इस स्थान पर महिलाओं द्वारा संचालित कई स्थानीय दुकानें भी हैं, जो राज्य और क्षेत्र के कुछ अति उत्तम हस्तशिल्प बेचती हैं। यह जगह ट्रेकर्स और एडवेंचर के शौक़ीन लोगों के लिए भी एक बेहतरीन जगह है।