पाकिस्तान का नाम आते ही सबसे पहले जहन में आतंकवाद और हिंसा के नजारे सामने आने लगते हैं। पाकिस्तान का नाम आतंकवाद के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है। लेकिन इससे हटकर पाकिस्तान में कई ऐसी चीजें भी जिसके लिए उसे जाना जाता हैं फिर बात चाहे क्रिकेट की हो या वहां के खानपान की। भारत की तरह ही पाकिस्तान देश में भी कई सारे दर्शनीय स्थल हैं। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन पाकिस्तान हरी घाटियों, घने जंगलों और खूबसूरत झीलों वाला देश है। यहां देखने के लिए एक से बढ़कर एक जगहें हैं जो कि विश्व प्रसिद्ध हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पाकिस्तान की उन जगहों के बारे में बातें जा रहे हैं जो टूरिस्ट अट्रैक्शन बनते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
# नीलम वैलीनीलम वैली बेहद ही सुंदर जगह है और इस देश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। नीलन वैली कश्मीर में स्थित है और ये लगभग 240 किलोमीटर की लम्बाई में फैली हुई हैं। नीलम घाटी के पास कई सारे प्रमुख दर्शनीय स्थल भी हैं। ये घाटी हरे भरे पहाड़ से घिरी हुई है और इस जगह कई सारी पानी की धाराएं भी बहती हैं। यहां का मौसम सदा सुहाना रहता है और यहां आकर मन को शांति मिलती है।
# रोहतास किलारोहतास का किला पाकिस्तान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है। झेलम शहर के दीना टाउन के पास मौजूद रोहतास फोर्ट को शेरशाह सूरी ने वर्ष 1540 से 1547 के बीच बनवाया था। इसकी परिधि लगभग 4 किलोमीटर है। रोहतास का किला एक पहाड़ी पर बनाया गया था, कहा जाता है कि इसे बनाने में करीब 30 हजार लोग लगे थे। 12 दरवाजे वाले इस किले पर मुगलों का भी अधिकार रहा है।
# फैजल मस्जिदफैजल मस्जिद इस्लामाबाद में स्थित है इसमें कंक्रीट के खोल के 8 किनारे हैं और यह स्पष्ट रूप से एक वरिष्ठ बेडुइन तंबू के डिजाइन से प्रेरित है पोस्ट ऑफिस का निर्माण 1976 मैं सऊदी किंग फैजल से 28 मिलियन डॉलर के अनुदान के बाद पूरा हुआ था । 260 फीट लंबी मीनारों में गिरी हुई है और 8 तरफा खोल के आकार की ढलान वाली छतें एक त्रिकोणीय पूजा कक्ष बनाती है।
# व्हाइट पैलेस स्वातव्हाइट पैलेस स्वात पाकिस्तान दर्शनीय स्थल में से एक है। ये पैलेस पाकिस्तान के मिंगोरा शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। व्हाइट पैलेस को 1941 में स्वात के पहले राजा, मियांगुल अब्दुल वदूद (बादशाह साहिब) ने बनवाया था। ये पैलेस सफेद संगमरमर से बना हुआ है। जिसकी वजह से इसे व्हाइट पैलेस कहा जाता है। ये एक पर्यटक स्थल है जो कि विश्व प्रसिद्ध है और इस जगह पर इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ द्वितीय भी आकर रही हैं।
# बाल्टिट फोर्टबाल्टिट फोर्ट 16 वीं शताब्दी के आसपास का है, जिसमें कई पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार हुए हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, इस संरचना में अब कई कमरे और उससे जुड़ी सुविधाएं मौजूद हैं। ये किला 1945 तक हुंजा के मीर का प्राथमिक निवास था। फोर्ट को 2004 में वर्ल्ड हेरिटेज टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया था। इस किले में म्यूजियम भी है, जिसमें बाल्टिस्तान के रॉयल्स के हस्तनिर्मित खाना पकाने के बर्तन, आदि चीजें प्रदर्शित की जाती हैं।
# बादशाही मस्जिदपाकिस्तान दर्शनीय स्थलों में बादशाही मस्जिद बेहद ही प्रसिद्ध है। ये मुगल मस्जिद लाहौर में है। बादशाह मस्जिद का निर्माण 1671 में सम्राट औरंगजेब ने करवाया था और ये मस्जिद साल 1673 तक बनकर तैयार हुई थी। ये मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। बादशाही मस्जिद को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और इस मस्जिद की दीवारों पर बेहद ही सुंदर नक्काशी की गई है। ये मुगल-युग की सबसे बड़ी मस्जिद है और पाकिस्तान की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद है। ऐसा कहा जाता है किमुगल साम्राज्य के पतन के बाद इस मस्जिद को सिख साम्राज्य और ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा एक गैरीसन के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
# लाहौर का किलालाहौर के केंद्र में स्थित, लाहौर का किला मुगल साम्राज्य के निर्माण की खूबसूरती का प्रतीक है। लाहौर किले को शाही किला के नाम से भी जाना जाता है और ये पाकिस्तान के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। शाही किला 400 से अधिक कनाल में फैला है और मुगल काल की सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक है। शाही किले की नींव अकबर के शासनकाल में 1566 ई। में रखी गई थी। किले में कई रेनोवेशन भी हुए हैं। 1981 में, लाहौर किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
# शीश महलशीश महल लाहौर में स्थित एक किला है जिसका निर्माण 1631-32 में मुगल सम्राट शाहजहां के शासनकाल में हुआ था। इस महल में सफेद संगमरमर के पत्थरों पर दर्पण जड़े हुए हैं जिसकी वजह से इसे शीश महल कहा जाता है। शीश महल को 1981 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था और ये प्रमुख पाकिस्तान दर्शनीय स्थल में से एक है।
# गोजल घाटीगोजल घाटी भी पाकिस्तान के प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से है। ये घाटी चीन और अफगानिस्तान देश की सीमा के पास है और इस जगह से बेहद ही सुंदर प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं। ये घाटी समुद्र तल से लगभग 15,397 फीट की ऊंचाई पर हैं और अधिकतर समय इस जगह पर बर्फ ही गिरती रहती है। इस जगह पर कई सारी नदियां और झीले भी स्थित हैं जो कि गोजल घाटी की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं।
# दारावर का किलाअहमदपुर पूर्वी तहसील पंजाब पाकिस्तान में स्थित यह किला बहावलपुर कोटि के दक्षिण में 130 किलोमीटर दूर है। दीवारें पंद्रह सौ मीटर में फैली हुई हैं और 30 मीटर ऊंची है। यह 9 वीं शताब्दी में राय जज्जा भाटी द्वारा बनवाया गया था जो भाटी वंश के एक हिंदू राजपूत शासक थे। यह जैसलमेर और बहावलपुर के राजा रावल देव राज भाटी को श्रद्धांजलि थी। इसे 18वीं शताब्दी में बहावलपुर के मुस्लिम नवाबों ने अपने कब्जे में ले लिया।