बिना किसी सेना के ये देश कर रहे हैं अपनी बॉर्डर की सुरक्षा, जानें कैसे

आज के समय में पूरी दुनिया के देशों में ज्यादा से ज्यादा बड़ी सेना खड़ी करने और खतरनाक हथियारों को जमा करने की होड़ लगी हुई है। यूक्रेन और रूस की जंग के बाद तो सभी देशों ने इन चीजों पर और ध्यान बढ़ा दिया हैं। किसी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सैन्य ताकत से लगाया जाता है जो बॉर्डर पर तैनात रहती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिस देश की सेना जितनी बड़ी होती है, उसे दुनिया उतनी ही ताकतवर मानती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके पास सेना ही नहीं हैं। हैरान न हो यह एकदम सच है। पूरी दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जो बिना आर्मी के अपना देश चलाते हैं। आइये जानते हैं इन देशों के बारे में-

# वेटिकन सिटी

वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है। साथ ही ये सबसे कम आबादी वाला देश भी है। ये देश मात्र 0.44 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इश देस की आबादी मात्र 840 है। यहां कैथोलिक चर्च का मुख्यालय है जहां प्रमुख पोप और दूसरे अधिकारी रहते हैं। दुनिया के इस सबसे छोटे देश की अपनी खुद की कोई स्थायी सेना नही है। यहां आंतरिक सुरक्षा के लिए Gendarmerie नाम की पुलिस वाहिनी रखी जाती है। स्विस गार्ड यहां Holy See की रक्षा करने के लिए तैयार रहते हैं।

# कोस्टा रिका

इस देश के पास भी अपनी कोई सेना नहीं है। 1948 में छिड़े एक गृहयुद्ध के बाद इस देश को अपनी सेना को देश से बाहर निकालना पड़ा। हुए राष्ट्रपति चुनावों में बड़े स्तर पर धांधलियां हुई थी और नया सविधान बनाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया। लेकिन सेना के नहीं होने के बाद भी वहां की हालात बहुत शांति है। हांल ही में वहां कि पुलिस सब कुछ संभालती है।

# समोआ

इस देश की स्थापना के समय से ही इसके पास कोई सैन्य बल नही है| हालांकि, एक पुलिस बल आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखता है। सन 1962 के रक्षा समझौते के अनुसार, न्यूजीलैंड इसकी सैन्य रक्षा के लिए जिम्मेदार है। इस देश को 1962 में आजादी मिली थी। इससे पहले समोआ न्यूजीलैंड की गुलामी कर रहा था। आजादी मिलने के बाद से इस देश ने अपनी कोई सेना तैयार नहीं की। दरअसल इस देश को न्यूजीलैंड से आजादी इसी शर्त पर मिली थी कि वो अपनी कोई सेना नहीं बनाएगा। इन दोनो देशों के बीच हुई संधि के अनुसार जब भी समोआ को सेना की जरूरत होगी तो वो न्यूजीलैंड से मदद मांगेगा।

# मॉरेशियस

मॉरेशियस में करीब 13 लाख लोग रहते हैं। साल 1986 में मॉरेशियस यूनाइटेड किंगडम से आजाद हुआ था। ज्यादातर लोग मॉरेशियस को केवल हनीमून डेस्टिनेशन और बीच के लिए ही जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस देश की अपनी कोई आर्मी नहीं है। लेकिन इस देश में 10,000 पुलिस कर्मी हैं, जो देश की सुरक्षा कार्यों की जिम्मेदारी लेते हैं।

# मोनेको

इस देश ने 17वीं शताब्दी में आर्मी पावर का परित्याग कर दिया था, लेकिन दो छोटी मिलिट्री यूनिट यहां हमेशा सक्रिय रहती हैं। जिसमें से एक यहां के प्रिंस की सुरक्षा तो दूसरी आम नागरिकों की सुरक्षा हेतु कार्यरत है। मोनॅको की सुरक्षा का पूर्ण दायित्व इसके पड़ोसी देश फ्रांस पर है।

# आइसलैंड

आइसलैंड यानी यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि साल 1869 से ही इस देश के पास अपनी कोई सेना नहीं है। अब आप सोचिए कि इतने बड़े देश की सुरक्षा बिना किसी आर्मी के कैसे हो सकती है? बता दें कि आइसलैंड नाटो का सदस्य है। जिस कारण से आइसलैंड की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका के पास है।

# हैती

आए दिन सेना द्वारा अकस्मात हमले इस देश में एक सामान्य बात थी जिसके कारण यहां की सरकार ने और देशों की तरह अपने देश से आर्मी का निष्कासन कर दिया और 1995 से यह देश बिना सैनिक बल के हर परिस्थिति का सामना करता है। हालांकि दुनिया में ऐसे देशों की संख्या करीब 22 है लेकिन अधिकतर ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा ऐसे देशों को दे रखा है जोकि पहले इन देशों पर शासन करते थे। दूसरी ओर विश्व युद्ध की भयानकता से प्रभावित होकर जापान जैसे देश ने भी सेना रखना बंद कर दिया।

# ग्रेनाडा

ग्रेनाडा कैरेबियन सागर में लेसर एंटिल्स के उत्तरी भाग में एक द्वीप राज्य है। 1983 में ग्रेनाडा पर अमेरिकी आक्रमण के बाद से, देश के पास अब अपना सैन्य बल नहीं है। हालांकि, रॉयल ग्रेनेडा पुलिस फोर्स नामक एक पुलिस बल है, जो तट रक्षक के रूप में भी कार्य करता है।

# अंडोरा

इस देश की स्थापना 1278 में की गई थी। इसके पास अपनी खुद की कोई सेना नहीं है। हालांकि जरुरत के समय स्पेन और फ्रांस से ये देस मदद ले सकता है। इस देश की सुरक्षा स्पेन और फ्रांस के हाथों में है।

# सेंट लूसिया

सेंट लूसिया एक द्वीप राज्य है जो वेस्ट इंडीज से संबंधित है और राष्ट्रमंडल का सदस्य है। राज्य के पास अपनी सेना नहीं है, बल्कि एक विशेष इकाई और नौसेना इकाई सहित अपना खुद का पुलिस बल है।