हाई ब्लड प्रेशर को रखें कंट्रोल में, रोज सुबह उठकर करें ये 8 योगासन, संवर जाएगा आपका जीवन

खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान, नींद पूरी न लेना और तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां हमारे घर में प्रवेश कर रही हैं। इनमें एक उच्च रक्त चाप है। अंग्रेजी में इसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी में दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने लगता है। इस वजह से व्यक्ति को थकान, सीने में दर्द, सिर में तेज दर्द और सांस लेने मे तकलीफ आदि की समस्या होती है। दुनिया की करीब 26% आबादी हाई ब्लड प्रेशर की पीड़ा सहन कर रही है। अगर इस बीमारी को समय रहते कंट्रोल नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित होने पर दवाएं लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसके दुष्प्रभावों से बचने और रक्तचाप को नियंत्रण में रखने के लिए प्राकृतिक उपचार अच्छा विकल्प है। हाई ब्लड प्रेशर से निपटने के लिए एक ऐसा ही प्राकृतिक तरीका है योग। योग न केवल तंत्रिकाओं को शांत करता है, बल्कि तनाव दूर करने के साथ स्वाभाविक रूप से बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे है जो न केवल हाई ब्लड प्रेशर को रोकने में मदद करेंगे, बल्कि नियमित रूप से इन्हें करने पर ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण भी पा सकेंगे।

सर्वांगासन

- इस आसन को करते हुए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- इसके बाद अपने पैर, कमर, हिप्स को कंधों की मदद से ऊपर की तरफ उठाएं।
- अपनी कमर को हाथों से सपोर्ट करें ताकि बैलेंस बना रहें।
- अपना ध्यान कंधों पर केंद्रित करें और महसूस करें कि सारा भार कंधों और हाथ के ऊपरी भार पर ही है।
- इस दौरान अपने सिर और गर्दन पर किसी तरह का प्रेशर ना बनाएं। इन्हें फ्री रहने दें।
- अपने पैरों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ जाने दें।
- इसके बाद आराम की मुद्रा में आए और रिलैक्स करें।
- अब इस आसन को अपनी क्षमता के मुताबिक जितना हो सके दोहराएं।

सेतुबंध आसन

- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को ऊपर की ओर मोड़े और तलवों को जमीन पर रखें। ध्यान रहे कि आपके एंकल और घुटने एक दूसरे के सीधे नीचे होंगे।
- अब अपने दोनों हाथों से पैरों एंकल को पकड़े।
- इसके बाद सांस ले और अपनी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं।
- इसमें आपके कंधे, पैर गर्दन और सिर जमीन पर टिके रहेंगे।
- अब सांस लें और छोड़ें।
- इस मुद्रा में एक या दो मिनट तक रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में आ जाएं।

अधो मुख श्वानासन

- इस आसन को करने के लिए अपने घुटनों को कूल्हों के अलावा हाथों को कंधे से दूर करके फैलाएं।
- अब सांस छोड़ते हुए अपने कूल्हों को फर्श से उठाएं और कोहनी-घुटनों को सीधा करें। इस समय ध्यान रखें कि शरीर उल्टा वी बनाता है।
- अब अपने हाथों को जमीन में दबाएं और गर्दन को इस तरह लंबा करें कि आपके कान आंतरिक भुजा को छू लें और अपनी नजरों को नाभि की ओर मोड़ लें।
- 5-8 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें, घुटनों को मोड़ें और पहले जैसी स्थिति में वापस आ जाएं।

विपरीत करनी आसन

- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ लें।
- अंदर की ओर सांस लेना शुरू करें और टांगों को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रखें इस वक्त आपके हाथ हिप्स से टिके होने चाहिए।
- कुछ सेकंड के लिए पैरों को इसी पोजीशन में रहने दें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए इन्हें नीचे लाएं।
- अगर आप बिगनर हैं, तो दीवार के सहारे भी इसे कर सकते हैं। ध्यान रहें दीवार और पैरों के बीच कम से कम तीन फीट की दूरी होना जरूरी है।

शवासन

- इसे करने के लिए सबसे पहले किसी सख्त सतह पर पीठ के बल लेट जाएं और आंखें बंद कर लें।
- टांगों के बीच थोड़ी दूरी बना लें। ध्यान रखें कि इस समय आप पूरी तरह से रिलेक्स हों और पैरों के दोनों अंगूठे साइड की ओर झुके हुए हों।
- धीरे-धीरे अपने शरीर के हर हिस्से की ओर ध्यान देना शुरू करें। ऐसा करते समय सांस की गति बहुत धीमी होनी चाहिए।
- अब आप धीरे-धीरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे। जैसे ही आपको आलस आने लगे, तो सांस लेने की गति को तेज कर दें।
- 10-12 मिनट के बाद जब शरीर रिलेक्स हो जाए, तो आप अलग ताजगी का अनुभव करेंगे।

उत्तानासन

- इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच एक फीट की दूरी रखें।
- गहरी सांस लेते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं। ध्यान रहें, इस समय आपके पैर घुटनों से ना मुड़ें।
- इस अवस्था में रहते हुए हाथों से पैरों के अंगूठे को छुएं ।
- हाथों को पीछे की तरफ ले जाएं और एड़ी के ऊपरी हिस्से को पकड़ने का प्रयास करें।
- कमर को मोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। इस स्थिति में 8-10 सांसों तक रुकें और फिर धीरे-धीरे पहले जैसी स्थिति में वापस आ जाएं।
- इसी प्रक्रिया को आप तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।

पश्चिमोत्तानासन

- सबसे पहले दोनों पैरों को बाहर की ओर फैलाते हुए जमीन पर बैठ जाएं।
- पैर की उंगलियों को आगे और एक साथ रहनी चाहिए।
- श्वास लें, अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और जहां तक संभव हो शरीर को आगे की ओर झुकाने के लिए झुकें।
- आगे की ओर झुकते समय साँस छोड़े।
- अंतिम चरण में, दोनों हाथो को पैरों के तलवे को और नाक को घुटनों को छूना चाहिए।
- प्रारंभ में, इसे 5 सेकंड के लिए करें और धीरे-धीरे जब तक आप सहज महसूस करते हैं, तब तक मुद्रा मे बने रहने की कोशिश करें।
- श्वास लें और मूल स्थिति में आएं।
- यह एक दौर है। शुरू में, दो बार करें।

सुखासन

- फर्श पर बैठ जाए। अगर आप फर्श पर बैठने के आदी नहीं हैं या आप असहज हैं, तो अपनी सुविधा के लिए फर्श पर एक कंबल को मोड़कर रखें।
- अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
- अब अपने पैरों को क्रॉस करें और अपने दाएं पैर को बाएं घुटने के नीचे और बाएं पैर को दाएं घुटने के नीचे रखें।
- अपने पैरों और पेल्विस के बीच कुछ जगह बनाएं।
- पेल्विस का एरिया अपनी प्राकृतिक स्थिति में रहना चाहिए।
- अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें, हथेली नीचे की ओर रखें और अपनी टेलबोन को फर्श से सटाएं।
- इस मुद्रा को तब तक बनाए रखें जब तक यह सहज महसूस हो।
- लंबी और गहरी सांस लेते रहें।
- इसके बाद सामान्य पोजीशन में वापस आ जाएं।

यहां बताए गए किसी भी योगासन को करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें। ध्यान रहे अधिक जबरदस्ती खुद से बिल्कुल ना करें। जब आप आसन को करते रहेंगे तो प्रैक्टिस हो जाएगी और आप इसमें महारत हासिल कर लेंगे।