दिमाग, हमारे शरीर का अहम हिस्सा है। हम सोचने या किसी भी कार्य को करने के लिए आदेश दिमाग से ही प्राप्त करते हैं। आधुनिक लाइफस्टाइल में दिमाग को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है। लेकिन काम के घंटों की तुलना में दिमाग को आराम करने का समय कम मिलता है। दिमाग की ओवरवर्किंग और स्ट्रेस के कारण इन दिनों मानसिक रोगियों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में स्ट्रोक के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे है और हर आयु के लोग इस से प्रभावित है। वृद्ध और युवा लोगों के लिए स्ट्रोक के खतरों पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है क्योंकि ये उनकी रोज की दिनचर्या को प्रभावित करता है। रोग की घातक प्रकृति और दीर्घकालिक प्रभाव को देखते हुए, समय पर इलाज बेहद जरूरी है। योग इस स्थिति में लोगों की काफी मदद कर सकता है। स्वस्थ दिमाग या हेल्दी ब्रेन के लिए बताए जाने वाले ज्यादातर योगासन थोड़े कठिन जरुर होते है लेकिन ट्रेंड योगगुरु या योग शिक्षक की मदद से इन्हें बड़े आराम से किया जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ योग बताने जा रहे है जिनको नियमित करने से दिमाग को मजबूती प्रदान की जा सकती है तो चलिए जानते है इनके बारे में...
बालासन
बालासन करने की विधि :- योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में छुआएं।
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को बाहर की तरफ जितना हो सके फैलाएं।
- गहरी सांस खींचकर आगे की तरफ झुकें।
- पेट को दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ दें।
- कमर के पीछे के हिस्से में त्रिकास्थि / सैक्रम (Sacrum) को चौड़ा करें।
- अब कूल्हे को सिकोड़ते हुए नाभि की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- इनर थाइज या भीतर जांघों पर स्थिर हो जाएं।
- सिर को गर्दन के थोड़ा पीछे से उठाने की कोशिश करें।
- टेलबोन को पेल्विस की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- हाथों को सामने की तरफ लाएं और उन्हें अपने सामने रख लें।
- दोनों हाथ घुटनों की सीध में ही रहेंगे।
- दोनों कंधों को फर्श से छुआने की कोशिश करें।
- आपके कंधों का खिंचाव शोल्डर ब्लेड से पूरी पीठ में महसूस होना चाहिए।
- इसी स्थिति में 30 सेकेंड से लेकर कुछ मिनट तक बने रहें।
- धीरे-धीरे फ्रंट टोरसो को खींचते हुए सांस लें।
- पेल्विस को नीचे झुकाते हुए टेल बोन को उठाएं और सामान्य हो जाएं।
उत्तानासन
उत्तानासन करने की विधि :- योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- सांस को भीतर खींचते हुए कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।
- शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें।
- हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं।
- धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा।
- अपने हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें।
- आपके पैर एक-दूसरे के समानांतर रहेंगे।
- आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा।
- सीने की हड्डियों और प्यूबिस के बीच चौड़ा स्पेस रहेगा।
- जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें।
- सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखते रहें।
- इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें।
- जब आप इस स्थिति को छोड़ना चाहें तो पेट और नीचे के अंगों को सिकोड़ें।
- सांस को भीतर की ओर खींचें धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठें और सामान्य होकर खड़े हो जाएं।
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन करने की विधि :- टेबल-टॉप पोस्चर से शुरुआत करें।
- अपनी उंगलियों को अलग-अलग फैलाते हुए अपनी हथेली को चटाई पर रखें।
- आपकी हथेली और कंधा आपके घुटने और कूल्हे के जोड़ के साथ एक सीधी रेखा में होना चाहिए।
- अपनी हथेली को चटाई पर मजबूती से रखें और अपने पैर की उंगलियों को अंदर करें।
- अपनी हथेली पर वजन बदलते समय, अपने कूल्हे को ऊपर उठाने के लिए हथेली को चटाई पर दबाते रहें।
- अपनी कोहनी और कंधों को सीधा करें और अपनी नाभि को देखने के लिए अपने सिर को थोड़ा झुकाएं।
- आपकी दोनों भुजाएं आपके कंधों के समानांतर होनी चाहिए और आपकी एड़ी चटाई को छू रही हो।
- कुछ देर के लिए इसी मुद्रा में रहें और फिर सांस छोड़ दें।
भुजंगासन
भुजंगासन करने की विधि :- अपने पेट के बल फर्श पर लेट जाएं।
- अब पैर की उंगलियों को एक साथ पास रखें और अपने पैर की उंगलियों को पीछे की ओर फैलाएं।
- दोनों हाथों को इस तरह रखें कि हथेलियां आपके कंधों के नीचे जमीन को छू रही हों।
- गहरी सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट को ऊपर उठाएं और नाभि को फर्श पर रखें।
- अपने हाथों के समर्थन का उपयोग करते हुए अपने धड़ को पीछे खींचें।
- सुनिश्चित करें कि आप दोनों हथेलियों पर समान मात्रा में दबाव डाल रही हैं।
- सांस लेते रहें।
- यदि संभव हो तो, अपनी पीठ को जितना संभव हो सके झुकाकर अपनी बाहों को सीधा करें।
- अपने सिर को पीछे झुकाएं और ऊपर देखें।
हलासन
हलासन करने की विधि :- इसके लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण और समतल स्थान पर मैट अथवा दरी बिछा लें।
- अब इस पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मैट पर रखें।
- अब धीरे धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं और फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं।
- इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं।
- जब तक आपके पैर ज़मीन को न छू लें।
- अब अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें और फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं।
- इस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें।