सुस्ती भगाने के लिए नहीं पड़ेगी चाय-कॉफ़ी की जरूरत, दिनचर्या में शामिल करें ये 8 योगासन

रोजाना की भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी में शरीर को उचित आराम ना मिल पाने की वजह से शरीर में थकान और सुस्ती बनी रहती हैं और काम में मन नहीं लगता हैं। कई लोगों को सुबह नींद में उठने के बाद भी आलस आता रहता हैं जिसे दूर करने के लिए वे चाय-कॉफ़ी का सेवन करते नजर आते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में आपको जरूरत हैं अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने की जो आपके शरीर की इन्द्रियों को जागृत करते हुए आपको एक्टिव बनाए। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योगासन की जानकारी देने जा रहे हैं जिनके नियमित अभ्यास से आपका शरीर चुस्त-दुरुस्त रहेगा और सुस्ती का नामोनिशान भी नहीं बचेगा। आइये जानते है इन योगासन के बारे में...

वक्रासन

वक्रासन को बैठकर किया जाता है। इस आसन के दौरान आपका मेरूदंड सीध में होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं और मेरूदंड को सीध में रखें। अपने दोनों हाथों को आंखों की सीध में सामने हाथ पंजों को जोड़ें सांस अंदर लेते हुए दायीं तरह जाएं और सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आएं। अब यही क्रिया बायीं ओर करनी है। इसे आप 3 से 5 बार करें। इसे करने में जल्दबाजी न दिखाएं।

ताड़ासन

दिनभर की थकान मिटाने के लिए ताड़ासन भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस आसान को करने के लिए सीधे खड़े हो जाए और पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। दोनों हाथों अपने शरीर के पास में सीधा रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपनी दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और अपनी उंगलियों को आपस में बांध लें। हाथों को सीधा रखें और स्ट्रेच करें। अपनी एड़ी उठाते हुए अपने पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। इस दौरान आपके शरीर में पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक स्ट्रेच महसूस होना चाहिए। इस अवस्था में 10 तक रहें और सांस लेते रहें। अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। इस आसन को 10 बार दोहराएं।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन क्रिया का अभ्यास करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और ध्यान रखें कि पैर दोनों एक सीध में हो और हाथ बगल में रखें हो। एक गहरी सांस लेकर उसे छोड़ते हुए अपने घुटनों को छाती की ओर ले आएं और जांघों को अपने पेट पर दबाएं। अपने हाथों को पैरों के चारों ओर इस तरह से जकड़ें जैसे कि आप अपने घुटनों को टिका रहे हों।

धनुरासन

धनुरासन का अभ्यास आपको दिनभर की थकान से छुटकारा दिला सकता है। इस आसान को करने से मांसपेशियां मजबूत बनती है और आप रिलैक्स महसूस करते हैं। इसके लिए जमीन पर पेट के बल उल्टा लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को जमीन पर नीचे टिका दें। फिर अपने दोनों पैरों को मिलाएं और सीधे रहें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पीछे लाएं और अपने हाथों से टकने को पकड़ने की कोशिश करें। फिर अपने दोनों पैरों को खींचे और इस अवस्था में 20-30 सेकंड तक रहें। इस आसन को 10 बार करें।

मार्जरी आसन

इस आसन को अंग्रेजी में कैट पोज भी कहा जाता है। इससे हमारी रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है और कंधा, कमर और गर्दन को राहत मिलती है। इसके लिए घुटनों और हाथों के बल बैठ जाएं जैसे शरीर को टेबल बना लिया हो। सांस अंदर लेते हुए पेट को अंदर की तरफ और फिर सांस को बाहर की तरफ धीरे-धीरे छोड़ते हैं। इससे दिमाग के साथ-साथ पूरे शरीर को भी फायदा मिलता है।

भुजंगासन

भुजंगासन के अभ्यास से थकान और तनाव से मुक्ति मिलती है। इस आसान के नियमित अभ्यास से मांसपेशियाँ मजबूत बनती हैं और शरीर लचीला बनता है। इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ।अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं। और उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे। अब बाद सांस छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।

सुप्त मत्स्येंद्रासन

नाम के विपरीत यह आसन करना बेहद आसान है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को 180 डिग्री के कोण पर या कंधों की सीध में रखें। अब दायें पैर को घुटनों से मोड़ें और ऊपर उठाएं और बांये घुटने पर टिकाएं। अब सांस छोड़ते हुए दायें कुल्हे को उठाते हुए पीठ को बाईं ओर मोड़े और दायें घुटने को जमीन पर नीचे की ओर ले जाएं। इस दौरान आपके दोनों हाथ अपनी जगह पर ही रहने चाहिए। आपका सिर बायीं ओर रहेगा। यही क्रिया आपको बाएं पैर के साथ करनी है। इस क्रिया को आप 3 से 5 बार कर सकते हैं। इससे आपकी पीठ, नितंब, रीढ़ और कमर की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होंगी।

गोमुख आसन

गोमुख आसन को करना भी बड़ा आसान है। इसके लिए सबसे पहले सीधा बैठ जाएं। अब अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दाएं जांघ के नीचे दबाएं। अपने दाएं पैर को मोड़ते हिए बाएं जांघ के ऊपर रखें। अब अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं और दाएं हाथ को ऊपर की तरफ से और बाएं हाथ को नीचे की तरफ से मोड़ते हुए उंगलियों को आपस में लॉक करें। अब इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ से करें, यानी बाएं हाथ को ऊपर की तरफ से और दाएं हाथ को नीचे की तरफ से मोड़ते हुए उंगलियां लॉक करें। इस पूरी प्रक्रिया को सिर्फ 5 बार दोहराएं और इस बीच गहरी-गहरी सांसें भरते और छोड़ते रहें। आप पाएंगे कि आपने अपने ही अंदर कोई ऊर्जा पुंज खोज लिया है।