बनाना चाहते हैं अपनी हड्डियों को मजबूत, दवाई से बेहतर परिणाम देंगे ये योगासन

शरीर की संरचना को ठीक रखने के लिए हड्डियों का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक माना जाता है। मजबूत हड्डियां अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होती हैं। बढती उम्र के साथ हड्डियों का कमजोर होना लाजमी हैं। लेकिन आजकल बदलती लाइफ स्टाइल और गलत खान-पान के चलते कम उम्र में ही कमजोर हड्डियों की शिकायत होने लगी है खासकर महिलाओं में। कुछ लोगों में हड्डियों की बोन डेंसिटी तेजी से कम होने लगती है और बॉडी इतनी जल्दी इसे रिकवर नहीं कर पाती। इससे निपटने के लिए लोग कई तरह की दवाइयों का सेवन करने लगते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी भी दवाई से बेहतर परिणाम देते हुए हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करेगा। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...

वज्रासन

इसके करने के लिए पैरों को मोड़कर घुटनों के बल पर बैठ जाएं। फिर अपने पैर के पंजों को पीछे करें। अब आराम से अपने शरीर को नीचे ले जाकर हिप्स को एड़ियों पर टिका दें। अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें और सिर सीधा करें। फिर अपनी सांसों की गति पर ध्यान केंद्रित करें। आंखें बंद कर लें और सांस की गति पर ध्यान दें। इस आसन को कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 10 मिनट तक करें।

त्रिकोणासन

इस आसान में आपकी मुद्रा त्रिकोण के समान हो जाती है। अगर आप कमर दर्द से परेशान है तो यह आसन आपकी इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है। त्रिकोणासन मोटापा दूर करने के साथ ही आपको डाइबिटीज की परशानी को भी बैलेंस रखता है । यह हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही आपको एक्टिव रखता है। इस आसन में आप सीधे खड़े हो जाएं दोनों हाथों को कंधे की बराबरी में सीधा रखें अब दायी तरफ झुकते हुए पैरो के तलवो तक हाथ ले जाए इस मुद्रा में आप दो से तीन मिनट तक रहें। वापस आप रिलेक्स की अवस्था मे आएं।

वीरभद्रासन

इस आसन की सहायता से आप हड्डियों की कमजोरी को दूर कर सकए हैं। इसके लिए जमीन पर खड़े हो जाएं और अपने पैरों को हिप-चौड़ाई से अलग रखें और अपनी भुजाओं को अपने बगल में रखें। सांस छोड़ें और अपने बायीं ओर एक बड़ा कदम उठाएं। अब अपने बाएं पैर की उंगलियों को बाहर की ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें। अपने दाहिने पैर को लगभग 15 डिग्री अंदर की ओर मोड़ें। आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र में होनी चाहिए। अपने दोनों हाथों को साइड में उठाएं। इसे अपने कंधों के स्तर पर लाएं। आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इस पोजीशन में कुछ गहरी सांसें लें।

भुजंगासन

अगर आपकी कलाइयों या फिंगर्स के जॉइंट्स में दर्द रहता है तो आपको यह आसन जरूर करना चाहिये। इससे आप अपने लोअर बैक के दर्द से भी मुक्ति पा सकते हैं। भुजंगासन आपकी डबल चिन की परेशानी को भी जड़ से खत्म कर देता है। आप पेट के बल लेट जाए दोनों हाथों को कंधे के पास रखें दोनों पंजे साथ जुड़े रहे। अपने शरीर का पूरा भार हाथों पर रखे और अपने हाथों की सहायता से अपने शरीर का ऊपरी हिस्सा ऊपर उठायें। शरीर को स्ट्रेच करें कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद रिलैक्स की मुद्रा में आएं। शुरुआत में आप यह दो से तीन बार दोहराएं।

सेतु बंध सर्वांगासन

जोड़ों की हड्डियों को यह आसन मजबूती प्रदान करता हैं। अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर सपाट करके अपनी पीठ के बल लेट जाएं। आपके पैर एक-दूसरे से थोड़े अलग होने चाहिए और बाहें आपके बगल में टिकी हुई हों। पैरों को फर्श में दबाएं, श्वास लें और धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं। अपनी छाती को ऊपर उठाने के लिए अपनी बाहों और कंधों को जमीन पर दबाएं।

वृक्षासन

इस आसन को करने से आपकी हड्डिया मजबूत बनती हैं साथ आपको मानसिक एकाग्रता की प्राप्ति होती है इससे मन शांत होता है। इस आसन के लिए आप सीधे खड़े हो जाये। दाएं पैर को मोड़ कर बाएं घुटने से लगाएं दोनों हाथों को ऊपर की ओर प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ कर रखें। शरीर सीधा रखें और खुद को स्ट्रेच करें। शुरू में आप पांच मिनट तक इस मुद्रा में रहें धीरे-धीरे इस आसन को बीस मिनट तक करें।

फलकासन

इस योग का अभ्यास करने से हड्डियों को मजबूत करने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए चटाई पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। श्वास लें और धीरे-धीरे अपने हाथों को सीधा करके अपने शरीर को तख़्त मुद्रा में आने के लिए उठाएं और साथ ही अपने पैर की उंगलियों को नीचे करें। आपकी बाहें फर्श से होनी चाहिए और कंधे सीधे कलाई के ऊपर होने चाहिए। आपका शरीर सिर से एड़ी तक एक सीध में होना चाहिए। इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रुकें और गहरी सांस लें। धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।