World Radiography Day: कौन सी बीमारियों में करानी पड़ती है रेडियोग्राफी, और कैसे मिलती है इलाज में मदद?

रेडियोग्राफी का उपयोग कई बीमारियों की शुरुआती जांच के लिए किया जाता है। इसकी मदद से यह तय किया जाता है कि इलाज कैसे शुरू करना है और बीमारी कितनी गंभीर है। इमेजिंग तकनीक से यह भी पता लगाया जा सकता है कि क्या मरीज को जोखिम भरी ओपन सर्जरी की जरूरत है या नहीं। रेडियोलॉजिस्ट, इमेजिंग के आधार पर बायोप्सी, दवा, या किसी अन्य कदम का फैसला लेते हैं।
किन बीमारियों में रेडियोग्राफी सहायक है:

हड्डियों के फ्रैक्चर: एक्स-रे से टूटी हड्डियों, अव्यवस्थित जोड़ों, और हड्डियों या सॉफ्ट टिश्यूज की संरचनात्मक समस्याओं का पता लगाया जाता है।

फेफड़ों की समस्याएं: एक्स-रे निमोनिया, फेफड़ों के कैंसर और अन्य फेफड़े संबंधी समस्याओं की पहचान में सहायक होता है।

दांतों की समस्याएं: एक्स-रे दांतों की सड़न, ढीले दांतों और दंत संक्रमण की पहचान में मददगार होता है।

कैंसर: एक्स-रे से कुछ ट्यूमर और अन्य असामान्य संरचनाओं का पता लगाया जा सकता है।

अन्य चोटें: एक्स-रे से रीढ़ की हड्डी में विकृति, जैसे स्कोलियोसिस, जैसी समस्याओं की पहचान होती है।

निगलने की समस्याएं: एक्स-रे डिस्फेगिया जैसी निगलने में कठिनाई की स्थिति को पहचानने में मदद करता है।

रेडियोलॉजी का महत्व

रेडियोलॉजी का उद्देश्य बीमारी की गंभीरता को समझना है, जिसमें रोग की पहचान, स्टेजिंग और उपचार के लिए विस्तृत तकनीकी विकल्प शामिल हैं। डायग्नोस्टिक इमेजिंग से संरचनात्मक और रोग संबंधी परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी मिलती है, जिससे शुरुआती निदान करके जान बचाई जा सकती है।

इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट कैंसर, धमनियों में रुकावट, गर्भाशय के फाइब्रॉएड, पीठ दर्द, यकृत और गुर्दे की समस्याओं का इलाज करते हैं।

Disclaimer: इस जानकारी का स्रोत मीडिया रिपोर्ट्स है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी सुझाव पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।