तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, एक धीमा जहर. हौले-हौले यह आदमी की जान लेता है। कई सारी मेडिकल रिसर्च ने साबित कर दिया हैं की धुम्रपान यानि की स्मोकिंग करने से सेहत को कई प्रकार के नुकसान होते हैं। बीड़ी-सिगरेट के पीने से शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय के धमनियों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। हृदय रोग जैसे मायोकोर्डियल इनर्फाकशन तथा अनजाइना हो सकता है। रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है। साँस की बीमारी जैसे ब्रोंकाइटीस, दमा, तथा फेफड़ो का कैंसर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसका प्रभाव शरीर के स्नायुतंत्र में पड़ता है। धुम्रपान करने से सबसे ज्यादा नुकसान आपके फेफड़ो को होता हैं, इससे आपको कैंसर भी हो सकता हैं। लेकिन बीड़ी-सिगरेट पीने से न सिर्फ फेफड़ो को ही हानि होती हैं, बल्कि इससे पुरे शरीर पर बुरा असर पड़ता हैं। आइये आज हम जानते है स्मोकिंग व धुम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में
धूम्रपान करने से सेहत को होने वाले नुकसान :-# डिहाइड्रेशन होना
जो लोग बीड़ी-सिगरेट पीते हैं, उन्हें आम लोगो के मुकाबले 2 लीटर ज्यादा पानी पीना चाहिए। क्योंकि स्मोकिंग करने से शरीर के अन्दर का पानी बहुत जल्दी सूख जाता हैं। ऐसे में धुम्रपान करने वाले लोग आसानी से डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं। स्मोकिंग के नुकसान के रूप में देखा जाये तो इससे होंठ सूख जाते हैं, स्किन ड्राई हो जाती हैं और इससे यूरिनरी इन्फेक्शन भी हो जाता हैं।
# आँखों की नमी ख़त्म हो जाती हैंबीड़ी सिगरेट में निकोटिन पाया जाता हैं, जिससे आँखों को नुकसान होता हैं। यहीं नहीं जो लोग धुम्रपान नहीं करते हैं और वह स्मोकिंग करने वाले लोगो से बात करे रहे हो तो उनको भी उतना ही ज्यादा ख़तरा रहता हैं। धुम्रपान से पैदा होने वाले विषैले धुएं में ऐसे केमिकल पाए जाते हैं जो कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स को डैमेज कर सकते हैं, इसकी वजह से ही आँखों के अंदर नमी बनी रहती हैं। स्मोकिंग के धुएं में पाए जाने वाले कार्बन पार्टिकल्स आँखों की पलकों पर जमा हो जाते हैं, जिससे आँखें ड्राई हो सकती हैं। जो लोग लम्बे समय तक स्मोकिंग के धुएं में रहते हैं, उनकी आँखों की नमी ख़त्म हो जाती हैं, जिससे आँखों में खुजली होने लगती हैं और उन्हें धुंधला दिखाई देने लगता हैं।
# गंजेपन की समस्या होनास्मोकिंग करने से आपके बाल और भी तेज़ी के साथ झड़ने लगते हैं। एक रिसर्च से पता चला हैं की जो पुरुष ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, वह स्मोकिंग न करने वाले पुरुषो की तुलना में बहुत जल्दी गंजे हो जाते हैं। इसलिए अगर आप गंजा नहीं होना चाहते हैं तो बीड़ी-सिगरेट को पीना बंद करे।
# आँखों में मोतियाबिंद होनाजो लोग बीड़ी-सिगरेट के धुएं में ज्यादा समय गुजारते हैं, उनकी आँखों में अन्य लोगो के मुकाबले मोतियाबिंद होने का ख़तरा ज्यादा रहता हैं।
# मूंह का स्वाद ख़त्म हो जानास्मोकिंग करने से जीभ की टेस्ट बड्स ख़त्म होने लगती हैं। इससे आप किसी भी खाद्य पदार्थ और मसालों का स्वाद महसूस ही नहीं कर पाते हैं। इसलिए स्मोकिंग करने वाले लोगो को तीखेपन का अहसास नहीं होता हैं। यानी की यह आपके मूंह का स्वाद ही ख़त्म कर देता हैं।
# बॉडी की एनर्जी कम करेकई लोग ऐसे हैं जो रात में काम करते है और वे धुम्रपान करते हैं। ऐसे लोगो का यह मानना हैं की स्मोकिंग करने से उन्हें रात में काम करने के लिए एनर्जी मिलती हैं और उनका मन भी काम में लगा रहता हैं। लेकिन यह बात बिलकुल झूठ हैं, सिगरेट पीने से फेफड़ो की क्षमता कम हो जाती हैं और इससे आपका एनर्जी लेवल भी गिरने लगता हैं।
# कम उम्र मे ज्यादा बूढ़े दिखाई देना
स्मोकिंग करने से आपकी एजिंग प्रकिया तेज़ हो जाती हैं, जिसकी वजह से आप अपनी उम्र से ज्यादा उम्रदराज़ दिखाई देने लगते हैं। स्मोकिंग करने से शरीर में निकोटिन जमा हो जाता हैं, यह ब्लड वेसल्स को ब्लाक करने का काम करता हैं, जिससे आपके त्वचा में खून का प्रवाह कम हो जाता हैं, जिससे आपकी स्किन पर समय से पहले ही झुर्रियां, फाइन लाइन्स और ऐज स्पॉट्स दिखाई देने लगते हैं। स्मोकिंग करने से कोलेजन का प्रोडक्शन कम होने लगता हैं, कोलेजन से स्किन यंग और फ्रेश दिखाई देती हैं। यानी की साफ़ हैं जब आपकी बॉडी में कोलेजन का उत्पादन कम होगा तो निश्चित रूप से आप अपनी उम्र से ज्यादा बड़े और बूढ़े दिखाई देंगे।
# फेफड़ो का कैंसर होनाबीड़ी-सिगरेट पीने का सबसे बड़ा नुकसान आपके फेफड़ो को होता हैं। एक रिसर्च के अनुसार 90% फेफड़ो में कैंसर होने की वजह धुम्रपान हैं। तम्बाकू, स्मोकिंग और फेफड़ो के कैंसर होने के बीच एक गहरा नाता हैं। धुम्रपान की वजह से पुरुषो के मुकाबले महिलाओं में फेफड़ो का कैंसर होने का ख़तरा सबसे ज्यादा रहता हैं।
# आर्थराइटिस होने का खतरास्मोकिंग करने से Rheumatoid Arthritis होने का खतरा ज्यादा रहता हैं। स्मोकिंग न करने वाले लोगो के मुकाबले स्मोकिंग करने वाले लोगो में गठिया होने का खतरा लगभग दोगुना होता हैं। स्मोकिंग करने से आपकी हड्डियों पर बुरा असर पड़ता हैं, इससे आर्थराइटिस, Rheumatoid गठिया और हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता हैं।
# दिल की बीमारियाँ होने का खतरास्मोकिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन में रूकावट आती हैं, जिससे आपको हार्ट स्ट्रोक होने की सम्भावना ज्यादा होती हैं। रिसर्च के अनुसार स्मोकिंग करने वाले लोगो में स्मोकिंग न करने वाले लोगो के मुकाबले स्ट्रोक होने का ख़तरा 3 गुना ज्यादा रहता हैं। ऐसे में दिल को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो धुम्रपान को अलविदा कहे।
# डायबिटीज होने का ख़तरारिसर्च के मुताबिल जो लोग नियमित रूप से स्मोकिंग करते हैं, उन्हें टाइप-2 डायबिटीज होने का ख़तरा ज्यादा रहता हैं। यह ग्लूकोज चयापचय को बिगाड़ देता हैं, जिससे टाइप-2 डायबिटीज की समस्या हो जाती हैं।
# दिमाग कमजोर होनास्मोकिंग करने से डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी दिमागी बीमारी होने की सम्भावना ज्यादा रहती हैं। सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटिन दिमाग के लिए हानिकारक होता हैं जिससे अल्जाइमर या डिमेंशिया की बीमारी हो सकती हैं। इसके अलावा स्मोकिंग करने से आप डिप्रेशन और घबराहट के जल्दी शिकार बन जाते हैं।
# प्रजनन क्षमता कम करेधूम्रपान से रक्त सरंचना पर विपरीत प्रभाव होता है जिससे शरीर में मौजूद यौन हार्मोंस उचित रूप से विकिसत नहीं हो पाते जिसके कारण वो हमारे शरीर में सही ढंग से अपना काम नहीं कर पाते और हमारी यौन शक्ति में कमी आने लगती है। इसके अलावा सिगरेट में मिले निकोटीन से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे व्यक्ति का लिंग सिकुड़ने लगता है और उसमें उत्तेजना कम होती जाती हैं। धीरे-धीरे उस व्यक्ति की सेक्स की इच्छा कम होती चली जाती है। वीर्य की गुणवत्ता में कमी- शोधों में यह भी साबित हो चुका है कि धूम्रपान के प्रभाव से वीर्य की गुणवत्ता में कमी आ जाती है और उसका उत्पादन भी प्रभावित होता है।
# मेक्युलर डीजनरेशन का ख़तराकई सारी रिसर्च यह बताती हैं की बीड़ी-सिगरेट पीने वाले लोगो में अन्य लोगो की तुलना में उम्र बढ़ने के साथ आँखों में होने वाली मेक्युलर डीजनरेशन का ख़तरा दो गुना ज्यादा रहता हैं।
# ऑप्टिक न्यू रोपैथीस्मोकिंग करने का साइड-इफ़ेक्ट एम्बलायोपिया और ऑप्टिक न्यूरोपैथी भी हैं। धुम्रपान के जरिये तम्बाकू में पाया जाने वाला निकोटिन, रेटिना और ऑप्टिक नर्व के सेल्स पर बहुत ज्यादा बुरा असर डालता हैं। देखने के लिए आँखों की रेटिना और ऑप्टिक नर्व सबसे जरूरी अंग हैं। ज्यादा समय तक स्मोकिंग करने से आप अंधे भी हो सकते हैं।
# डाइजेशन सिस्टम में खराबी आनास्मोकिंग करने से पेट और आँतों पर बुरा असर पड़ता हैं। बीड़ी-सिगरेट में पाया जाने वाला ज़हर पेट की अंदरूनी परत को डैमेज कर देता हैं और पाचन के लिए जिम्मेवार एंजाइम को सही तरह से काम करने से रोकता हैं। जिससे पाचन तंत्र में खराबी आ जाती हैं। इसलिए जो लोग ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, उनका पेट हमेशा ख़राब रहता हैं।
# स्मोकिंग से डीएनए को नुकसानस्मोकिंग करने का नुकसान यह हैं की इससे डीएनए में खराबी आ जाती हैं। जब जब आप बीड़ी-सिगरेट पीते हैं तब तब आपके खून में एक तार जैसा तत्व बन जाता हैं जो डीएनए को डैमेज कर देता हैं।