अध्ययन में खुलासा, कोरोना के इलाज में Hydroxychloroquine मददगार नहीं, 25% मरीजों की 28 दिनों के बाद हुई मौत

कोरोना के इलाज में कौन सी दवा कारगर है और कौन सी नहीं इस पर एक अध्यन हुआ है। अनुसंधानकर्ताओं ने शुक्रवार को डेक्सामीथासोन नाम के सस्ते स्टेरॉयड पर अपना अध्ययन प्रकाशित किया इसके अलावा दो अन्य अध्ययनों में पाया गया कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज में मददगार नहीं है। अध्ययन में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की भी जांच की गई और अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को यह दवा दी गई थी उनमें से 25.7% मरीजों की 28 दिनों बाद मौत हो गई। इसमें कहा गया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा वाले मरीजों के 28 दिनों के भीतर अस्पताल से जीवित घर लौटने की संभावना कम देखी गई। दो अन्य प्रयोगों से यह पता लगा कि इस दवा को शुरुआती स्तर पर देने से हल्के लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों को कोई मदद नहीं मिली।

स्टेरॉयड से 36% कोरोना मरीजों की मौत का खतरा कम हुआ

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में शोथ या सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेरॉयड का परीक्षण किया गया। करीब 2 हजार 104 मरीजों को यह दवा दी गई। इससे ऑक्सीजन मशीन की सहायता लेने वाले 36% मरीजों की मौत का खतरा कम हुआ। हालांकि यह शुरुआती चरण या हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए हानिकारक दिखाई दी। नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ के डॉ एंथनी फाउची और एच क्लिफोर्ड लेन ने 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में लिखा कि इस बात को लेकर स्पष्टता कि कौन-सी दवा लाभकारी है और कौन-सी नहीं, इससे 'संभवत कई जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।'

कोरोना वायरस के इलाज में रेमेडेसिविर नाम की अन्य दवा भी मददगार पाई गई। वायरल रोधी इस दवा से अस्पताल में भर्ती रहने के दिनों की संख्या में औसतन करीब चार दिनों की कमी आयी। एक अनुसंधानकर्ता ने कहा, ‘‘कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में अभी रेमेडेसिविर की भूमिका का पता लगाना बाकी है।’’ रेमेडेसिविर पर अध्ययन की जानकारियां अभी प्रकाशित नहीं की गई हैं।

आपको बता दे, दुनिया में कोरोना वायरस से अब तक 1 करोड़ 42 लाख 16 हजार 235 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 84 लाख 89 हजार 20 ठीक हो चुके हैं और 6 लाख 46 की जान जा चुकी है। अमेरिका में शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी 70 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, शुक्रवार को यहां 71 हजार 600 मामले सामने आए। इससे पहले गुरुवार को यहां रिकार्ड 77 हजार 255 नए मामले सामने आए थे। बीते एक हफ्ते से यहां हर दिन 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।