बदलती जीवनशैली का हिस्सा बन चुका हैं फ्रोजन फूड, सेहत के लिए हैं बहुत नुकसानदायक

वर्तमान समय की बदलती जीवनशैली में लोगों के पास पर्याप्त समय नहीं हैं जिसे मैनेज करने के लिए आजकल घरों में फ्रोजन फूड का इस्तेमाल बहुतायत से किया जाता हैं। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में फ्रोजन फूड का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक इन फ्रोजन फूड का इस्तेमाल सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाता हैं। इन फूड्स को लंबे समय फ्रेश रखने के लिए इनमें हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट होते हैं। इसके अलावा इनमें नुकसानदायक स्टार्च और ग्लूकोज भी मिलाए जाते हैं। आइए जानते हैं कि फ्रोजन फूड का अधिक सेवन आपकी सेहत को किस तरह से नुकसान पहुंचा रहा हैं...

खाने की पौष्टिकता समाप्त

फ्रोजन सब्जियों में केमिकल्स की वजह से लगभग 50% पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। खासतौर इन सब्जियों में पाए जाने वाले विटामिन बी और सी तो पूरी तरह सब्जियों में नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इन सब्जियों के स्वाद में भी काफी ज्यादा अंतर हो जाता है।

डायबिटीज का होता है खतरा

फ्रोजन फूड्स को फ्रेश दिखाने के लिए इसमें स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्टार्च फूड को दिखने में फ्रेश बनाता है, साथ-साथ स्वाद भी बढ़ता है। इन फूड्स को पचाने के लिए हमारा शरीर फूड में मौजूद इन स्टार्ट को शुगर में बदलता है। ऐसे में शरीर में शुगर बढ़ने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही यह स्टार्च शरीर के टिश्यूज को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
सीडीसी के अनुसार, फ्रोजन फूड में सोडियम का इस्तेमाल करीब 70% तक अधिक मात्रा में किया जाता है। ऐसे में फ्रोजन फूड का अधिक मात्रा में सेवन करने से आपके शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ सकता है। बहुत अधिक सोडियम खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है, जिसकी वजह से स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा

फ्रोजन फूड्स के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है। फ्रोजन और पैक्ड फूड में मौजूद ट्रांस फैट्स बंद धमनियों की परेशानियां बढ़ाते हैं। शरीर में इन ट्रांस फैट्स से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसके साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी घटाता है, जिससे दिल से संबंधित परेशानियां बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इन फूड्स में सोडियम की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।

सिरदर्द व सूजन की समस्या

फ्रोजन खाद्य पदार्थों में एमएसजी काफी ज्यादा होता है। इसके प्रति संवेदनशील लोगों के लिए यह काफी हानिकारक हो सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि इससे सिरदर्द, सूजन और पूरे शरीर से पसीना आना जैसी परेशानी हो सकती है।

बढ़ सकता है वजन

बढ़ते वजन को कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रोसेस्ड और फ्रोजन फूड आइटम्स के अधिक सेवन को वजन बढ़ाने वाला कारक मानते हैं। फ्रोजन आइटम्स में वसा की मात्रा अधिक होती है। यही वजह है कि ये कैलोरी में अधिक होते हैं और मोटापा बढ़ा देते हैं। इसके अलावा भोजन को लंबे समय तक फ्रीज करने से वस्तुओं में मौजूद कुछ महत्वपूर्ण विटामिन्स और खनिज भी नष्ट हो सकते हैं। इसलिए इन्हें पौष्टिक नहीं माना जाता है।

मांसपेशियों को नुकसान

कई तरह के फ्रोजन फूड में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जैसे- लीन डिशेज इत्यादि। इनमें कैलोरी कामी कम होता है। ऐसे में जब आपके शरीर को पर्याप्त रूप से ऊर्जा नहीं मिलती है, जो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। कम कैलोरी युक्त आहार का अधिक सेवन करने से शरीर की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचने लगता है।

कैंसर का बन सकते हैं कारक

कई शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि फ्रोजन फूड आइटम्स अग्नाशयी कैंसर का जोखिम बढ़ा देते हैं। आमतौर पर फ्रोजन खाद्य पदार्थों में उपयोग किए जाने वाले प्रीजर्वेटिव्स के कारण कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि इस तथ्य की पुष्टि के लिए और विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत कम करें, और इन्हें उपयोग में लाने से पहले अच्छी तरह से पानी से धोएं जरूर।