दिल की बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण बन रहा कुकिंग ऑइल, खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

आजकल दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग डाइट को लेकर अलर्ट हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल की बीमारियों के बढ़ने का एक कारण आपका कुकिंग ऑइल भी बन सकता हैं। हांलाकि कुकिंग ऑयल से ना केवल खाने का स्वाद बढ़ता है। बल्कि, इसके इस्तेमाल से आपके भोजन की पौष्टिकता भी बढ़ती है। लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कि कुकिंग ऑइल का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें। इन दिनों बाजार में इतने तरह के कुकिंग ऑयल हैं कि हमें समझ में नहीं आता कि कौन सा तेल हमारे लिए बेहतर होगा और कौन सा खराब। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप हेल्दी कुकिंग ऑइल का चुनाव कर पाएंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...

खरीदने से पहले लेबल चेक करें

जब भी आप कुकिंग ऑयल खरीदने जाएं तो इसके लेबल को पहले थोड़ा ध्यान से पढ़ें। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कुछ लोग बिना लेबल पढ़े ही कुकिंग ऑयल खरीद लेते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है। दरअसल, कुछ कंपनियां कुकिंग ऑयल में मिलाई जाने वाली सामग्रियों और शुद्धता आदि की जानकारी पैकेट के ऊपर ही बहुत छोटे अक्षरों में दे देती है, इसलिए हमेशा लेबल पढ़ने के बाद कुकिंग ऑयल खरीदें।

स्मोक पॉइंट

तल का स्मोक पॉइंट वह होता है जिस पर वह गरम होने पर जलने लग जाता है और वह डीग्रेड हो जाता है। यह शरीर के लिए अच्छा नहीं होता। ऐसे में इस पॉइंट का भी ख्याल रखते हुए तेल खरीदना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपको चीजें फ्राई करनी है तो इसके लिए हाई स्मोक पॉइंट वाला तेल बेस्ट रहेगा।

हाई ओमेगा-3 फाइट्स इंफ्लेमेशन

ओमेगा-3 इंफ्लेमेशन से लड़ता है और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बनाएं रखने में मदद करता है, जो कि दोनों ही दिल की बीमारी के अहम कारण हैं। ओमेगा-3 आमतौर पर समुद्री भोजन में पाया जाता है; अगर आप शाकाहारी हैं तो आपके लिए ओमेगा-3 से भरपूर कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करना और भी जरूरी हो जाता है, नहीं तो आपको ओमेगा-3 की कमी होने का खतरा रहता है।

ओमेगा-6 से ओमेगा-3 का सही अनुपात

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार ओमेगा -6 से ओमेगा -3 अनुपात 5 और 10 के बीच कुकिंग ऑयल खपत के लिए आदर्श है। इस अनुपात को कुकिंग ऑयल खरीदने के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड के रूप में घोषित किया गया है। सही अनुपात के साथ हाई ओमेगा -3 फुल हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

ट्रांस फैट की दी गई हो जानकारी

बाजार से जब भी कुकिंग ऑयल खरीदें यह जरूर चेक करें कि उसमें ट्रांस फैट की मात्रा लिखी गई हो। यदि नहीं दी गई हो तो ना ही खरीदें। हमेशा यह चेक करें कि तेल की बोतल पर जीरो ट्रांस फैट लिखा हो। इसके अलावा पैकेट पर नॉन हाइड्रोजिनेटिड और नॉन पीएचवीओ (PHVO) भी लिखा हो। यह भी देखें कि गामा ऑरिजनअल की मात्रा दी गई है या नहीं। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाता और और गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढाने का काम करता है।

अधिक मात्रा में न खरीदें कुकिंग ऑयल

कई लोग सहूलियत और बचत के लिहाज से एक बार में अधिक मात्रा में कुकिंग ऑयल खरीद तो लेते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। दरअसल, कुकिंग ऑयल की भी एक्सपायरी डेट होती है। सील खुलने के बाद कुकिंग ऑयल को दो से तीन महीने में ही खत्म कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि जब कुकिंग ऑयल खराब होने लगते हैं तो उनका स्वाद और रंग बदल जाता है।

ऑफर के चक्कर में ना रहें

कई बार जिन प्रोडक्ट का एक्सपायरी डेट पास आ जाता है उन्हें ऑफर में कंपनी बेच लेती है। ऐसे में खरीदते समय यह जरूर चेक करें कि तेल की बोतल एक साल से ज्यादा पुरानी तो नहीं। एक्सपायरी डेट पास हो तो बिलकुल भी ना खरीदें।

खाना बनाने में कैसे इस्तेमाल करें ऑयल

खाना पकाने के लिए ऑलिव ऑयल, कनोला ऑयल, सरसों का तेल, सोयाबीन, सनफ्लार, सैफ्लार, राइस ब्रैन का तेल अच्छा माना जाता है। सबसे अच्छा है तो यह हैं कि आप खाना बनाते वक्त एक चम्मच देसी घी एक चम्मच सरसों का तेल और एक चम्मच सनफ्लार ऑयल मिक्स करके इस्तेमाल करें। इसी का नया फॉर्म है आजकल मार्केट में मिलने वाले ब्लैंडेड ऑयल।