मां का दूध ही बच्चे के लिए संपूर्ण आहार होता है। मां के दूध से बच्चे को शुरुआती दौर में सभी पोषक तत्व मिलते हैं। इस दूध से प्राप्त होने वाले पोषण से शिशु की इम्युनिटी पावर मजबूत होती है और वह कई रोगों और बीमारियों से सुरक्षित रहता है। इस समय महिला जिस तरह का आहार ग्रहण करती है उसका सीधा असर ब्रेस्ट मिल्क पर भी पड़ता है। आपको बता दें कि मां के दूध में सभी पोषक तत्व होना बेहद आवश्यक है, इससे ही बच्चा आने वाले भविष्य के लिए तैयार होता है। कई बार महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में वसा (फैट) के तत्व कम होने से शिशु को पर्याप्त वसा नहीं मिल पाती है। जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से बढ़ने की अपेक्षा स्थिर हो जाता है।
बच्चे को 6 महीने से पहले केवल मां के दूध पर ही गुजारा करना होता है। मां के दूध से ही उसे हर तरह का पोषण मिलता है। मां का दूध ही उसके लिए हर तरह के आहार का स्रोत होता है। इसलिए मां को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका दूध बच्चे को पूरी तरह से संतुष्ट कर पा रहा है। या बच्चा भूखा ही रहता है। इसके अलावा मां का दूध पौष्टिक हो इस बात की भी पुष्टि करनी चाहिए। इसके लिए मां का खुद स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है। मां का दूध पौष्टिक बने इसके लिए जरूरी है मां खुद पौष्टिक आहार का सेवन कर रही हो। इससे बच्चे और मां दोनों की इम्यूनिटी को लाभ मिलता है। मां का दूध पौष्टिक हो और सही मात्रा में आए इसके लिए मां को एक्सरसाइज करनी चाहिए जो ब्रेस्ट के लिए लाभदायक हो। साथ ही मां को संतुलित आहार लेने के साथ-साथ सप्लीमेंट्स का भी सेवन करना चाहिए।
मां के दूध में फैट की मात्रा कितनी होनी चाहिए? ब्रेस्ट मिल्क में फैट की मात्रा पूरे दिन अलग-अलग रहती है, क्योंकि यह ब्रेस्ट मिल्क के पूरे खाली होने पर निर्भर करती है। मां के दूध की 100 ग्राम मात्रा में करीब 75 kcal ऊर्जा व 4.2 ग्राम फैट होता है। मां के दूध में पॉलिअनसैचुरेटेड फैट, सैचुरेटेड फैट, मॉनोसैचुरेटेड फैट, व ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है।
ब्रेस्ट मिल्क में फैट व न्यूट्रिशियन को कैसे बढ़ाएं आगे कुछ घेरलू उपाय बताए गये हैं जिनकी मदद से महिलाएं बच्चों को पिलाने वाले ब्रेस्ट मिल्क के न्यूट्रिशन वैल्यू को बढ़ा सकती है।
ब्रेस्ट की मसाज करें शिशु को स्तनपान कराने से पहले व बाद महिलाओं को स्तनों को हल्की मसाज करनी चाहिए। इससे ब्रेस्ट मिल्क में फैट बढ़ता है और दुग्ध नलिकाएं साफ होती है। इस प्रक्रिया से स्तन पूरी तरह खाली हो जाते हैं। जिससे ब्रेस्ट मिल्क में वसा के स्तर में सुधार होता है।
दूध पिलाते समय स्तनों को पूरी तरह खाली करें
शिशु को दूध पिलाते समय महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह दोनों ही स्तनों से बच्चे को दूध पिलाएं। लेकिन एक स्तन से दूसरे स्तन की तरफ जाने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि बच्चे ने पहले वाले स्तन का पूरा दूध पी लिया है। यदि स्तन में पहले से ही दूध रह जाता है तो इससे उसमें फैट का स्तर कम होने लगता है। यदि बच्चा पूरा दूध नहीं पी रहा है तो महिला ब्रेस्ट पंप की मदद से दूध को बाहर निकाल सकती हैं।
संतुलित आहार का सेवन करें मां के खानपान का असर ब्रेस्ट मिल्क पर पड़ता है। ब्रेस्ट मिल्क में पर्याप्त मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा शिशु के मस्तिष्क के विकास में मदद करती है। ब्रेस्ट मिल्क में पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए महिलाओं को साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, अलसी के बीज, अंडा, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन और अन्य फलों का सेवन करना चाहिए।
मेथी के बीजब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए मेथी के बीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह शिशु के दिमाग की ग्रोथ को अच्छा कर सकता है। मेथी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर को कैल्शियम, बीटा केरोटिन और आयरन जैसे पोषण तत्व प्राप्त होते हैं, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में असरदार हैं। इसके अलावा आप मेथी का सेवन चाय के रूप में भी कर सकते हैं।
सौंफ के बीजडिलीवरी के बाद महिलाओं का ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में सौंफ के बीज काफी फायदेमंद हो सकते हैं। इसका सेवन करने से लिए सौंफ के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को पिएं। नियमित रूप से इस पानी का सेवन करने से ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाया जा सकता है।
जीरा का सेवनब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए जीरे का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। इसका सेवन आप दूध के साथ मिल्क करके भी कर सकते हैं। इसके अलावा रातभर पानी में भिगोकर अगले दिन सुबह पानी को छानकर पी सकते हैं। इससे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ेगा। साथ ही आपके शरीर की अन्य परेशानी जैसे- कब्ज, कमजोर पाचन शक्ति इत्यादि दूर हो सकती है।
शतावरी है बड़े काम की औषधिमां बनने के बाद स्तन में दूध की कमी की शिकायत कई महिलाओं में होती है। ऐसी स्थिति में महिलाएं 10 ग्राम शतावरी के जड़ का चूर्ण दूध के साथ सेवन करें तो इससे काफी फायदा होता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए भी शतावरी लाभकारी सिद्ध होती है। गर्भवती महिलाएं शतावरी, सोंठ, मुलैठी तथा भृंगराज को समान मात्रा में लें और इनका चूर्ण बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में लेकर बकरी के दूध के साथ पीएं। इससे गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहता है।
ब्राउन राइस से मिलते हैं पोषक तत्वब्राउन राइस का सेवन करने से महिलाओं में दूध की कमी पूरी हीती है। इससे नवजात बच्चों को फायदा मिलता है। एक शोध के मुताबिक, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ब्राउन शुगर काफी सेहतमंद होता है। ब्रेस्ट मिल्क बढ़ने के साथ-साथ इससे पोषक तत्वों की भी पूर्ति होती है।
ओटमीलओटमील से भरपूर ऊर्जा मिलती है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता। साथ ही यह पाचन ठीक रखने में मदद करता है। रोजाना सुबह नाश्ते में एक बाउल ओटमील खाने से दूध में बढ़ोतरी होती है।
कच्चा पपीताकच्चा पपीता खाने से ब्रेस्ट मिल्क में बढ़ोतरी होती है. इसके सेवन से शरीर में ऑक्सिटॉसिन का उत्पादन बढ़ता है, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करता है।
लहसुनलहसुन भी ब्रेस्ट मिल्क के उत्सर्जन में प्रेरक का काम करता है। एक रिसर्च के मुताबिक जिन महिलाओं ने ज्यादा लहसुन खाया है, उनके शिशुओं ने ज्यादा देर तक स्तनपान किया है।
काले तिल के बीज व गाजरकाले तिल के बीज व गाजर खाना भी फायदेमंद होता है। काले तिल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद कर सकता है। वहीं एक गिलास गाजर का जूस पीने से भी काफी फायदा होता है। गाजर में विटामिन-ए, एल्फा और बीटा-कैरोटीन होता है।