नाखून चबाने की आदत एक सबसे गंदी आदत मानी जाती है। नाखून चबाने की आदत आम तौर पर बचपन में शुरू होती है और बढे होने तक रह सकती है। यह बुरी आदत बच्चों में सबसे आम होती है लेकिन बड़ों को भी अपने नाखून चबाते हुए अक्सर देखा जा सकता है। यह ज्यादातर लोगों में तनाव के कारण देखने को मिलती है। इस गंदी आदत की वजह से हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। आज हम आपको बताने जा रहें हैं, इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में। तो जितना जल्दी हो सके इस आदत को छोड़ दें।
# आपके नाखूनों में बैक्टीरिया रहते हैं जिसे आप हर वक्त अपने दांतों तले दबा कर रखते हैं। शोधों के अनुसार, नाखून उंगलियों से दोगुने गंदे होते हैं इसलिए इनमें बैक्टीरिया की आशंका भी अधिक होती है। ऐसे में नाखून चबाते वक्त ये मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं और संक्रमण हो जाता है।
# जब आप अपने नाखनो को दातों से काटते हैं, तो हानिकारक जीवाणु आपके नाखूनों से आपके मुंह में जाते हैं और फिर आपके पेट में जाते हैं। जिसके कारण इन रोगाणुओं से जठरांत्र संबंधी संक्रमण हो सकते हैं जो दस्त और पेट में दर्द जैसी समस्या पैदा करते हैं।
# नाखूनों से निकलने वाली गंदगी दांतों को समय के साथ-साथ कमजोर करने लगती है। बहुत अधिक मात्रा में नाखून चबाने वाले लोगों में मुंह बंद करने पर ऊपरी और निचले दांतों को एक साथ आने पर समस्या होती है। अगर आप अक्सर अपने नाखूनों को चबाते है तो दांतों के अपने मूल स्थान से शिफ्ट होकर बाहर आने और कमजोर होने की भी बहुत अधिक आंशका रहती है।
# इस नाखून चबाने की लत के शिकार लोग डर्मेटोफिजिया (dermatophagia) नामक बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।
# नाखून चबाना नाखूनों के नीचे की त्वचा, क्यूटिकल्स और नाख़ून के आस-पास की त्वचा को गंभीर क्षति पहुंचाता है।
# नाखून को चबाने से नाखूनों का बढ़ना भी रुक जाता है और नाखून छोटे रह जाते हैं।
# एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग लंबे समय से नाखून चबाते हैं उन लोगों में अन्य लोगों की तुलना में जीवन स्तर अच्छा नहीं होता है। इसके अलावा अन्य कारक जैसे नाखून चबाने की प्रतिरोध की वजह तनाव का भी जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।