शोध में चिंताजनक खुलासा, 94% लोग अभी भी कोरोना टेस्टिंग से दूर

कोरोना वायरस (Coronavirus, Covid-19) से दुनिया भर में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके है और 95 हजार से ज्यादा मौते हो चुकी है। अमेरिका में 16,679, इटली में 18,279 और फ्रांस में 12,210 लोगों की इस वायरस से जान जा चुकी। इन तीनों देशों में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौते हुई है। हाल ही में एक अध्ययन में एक चौकाने वाली बात सामने आई है. जिसमें कहा गया है कि अब तक केवल 6% रोगियों की ही पहचान हुई है और 94% मरीज चिकित्सा तंत्र से दूर हैं। भारत के संदर्भ में शोध के नतीजे और भी चिंताजनक हैं। क्योंकि देश में अब तक महज 1.68 फीसदी मरीजों की ही पहचान होने की बात इसमें कही गई है।

यह अध्ययन जर्मनी के गोइत्तेजेन विवि डवलपमेंट इकोनोमिक्स विभाग ने किया। इसे लांसेट इंफेक्सियस डिजीज ने प्रकाशित किया है। इसमें कोरोना से प्रभावित 40 देशों में मरीजों के आंकड़ों के आधार पर 31 मार्च तक की स्थिति के अनुसार दुनिया के संभावित मरीजों का आकलन किया है। अध्ययन बताता है कि एकमात्र देश दक्षिण कोरिया है जो 49.47% मरीजों की पहचान करने में सफल रहा है। इसी कारण वह बीमारी को काबू करने में कामयाब रहा।

शोध के अुनसार, 31 मार्च तक भारत में कुल रोगियों की संख्या 1397 थी। जबकि इस अवधि तक देश में अनुमानित रोगियों की संख्या 83,250 पहुंच चुकी थी, लेकिन जांच सीमित होने से महज 1.68% मरीजों की ही पहचान हो सकी। जबकि इस अवधि में दक्षिण कोरिया सर्वाधिक 49.47% मरीजों की पहचान करने में सफल रहा है।

अध्ययन दावा करता है कि 31 मार्च तक दुनिया में संक्रमितों की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी थी। जबकि जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वास्तविक मरीज दस लाख थे। दक्षिण कोरिया के बाद मरीजों की बेहतर पहचान नार्वे में 37.76% तथा जर्मनी में 15.58% हुई। इसके चलते इन देशों में मृत्यु दर कम रही है।

इसके विपरीत इटली में मृत्यु दर बेहद ऊंची है लेकिन वहां 3.5% मरीजों का ही सरकार पता लगा पाई। जबकि स्पेन में 1.7, अमेरिका में 1.6, फ्रांस में 2.62, ईरान में 2.40 तथा ब्रिटेन में 1.2% मरीजों की ही जांच हो पाई। अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि इन देशों में समय रहते मरीजों की पहचान हो पाती तो मृत्यु दर कम रहती।

भारत में पहले संक्रमित देशों से आए लोगों और उनके संपर्क में आए लोगों की ही जांच हो रही थी। वहीं रैपिड टेस्ट के जरिए संक्रमित क्षेत्र में इनफ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले सभी मरीजों का टेस्ट होगा। वहीं, शोध टीम के प्रमुख प्रोफेसर सबेस्टिन वोल्मर ने कहा कि बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन के प्रयास कारगर होंगे लेकिन उन्हें संक्रमित हो चुके मरीजों की पहचान भी सुनिश्चित करनी होगी।

आपको बता दे, भारत में कोरोना का संक्रमण हर दिन और अधिक तेजी से फैलता जा रहा है। देश में कोराना संक्रमण के मरीजों की संख्या 6 हजार 877 हो गई है। आज 130 नए मामले सामने आए। इनमें से मध्यप्रदेश में 36, राजस्थान में 26, गुजरात में 21, महाराष्ट्र में 16, पश्चिम बंगाल में 13 मरीज मिले हैं। हरियाणा में 5, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा में 4-4, आंध्रप्रदेश और बिहार में 2-2, जबकि झारखंड में 1 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। गुरुवार को देश में एक दिन में रिकॉर्ड 809 पॉजिटिव मिले थे। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के मुताबिक हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी देश में कुल संक्रमितों की संख्या 6 हजार 412 है। इनमें से 5 हजार 218 का इलाज चल रहा है। 477 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 169 की मौत हुई।