रिपोर्ट / कोरोना के डर से ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद न करे मां, बस इन बातों का रखे ध्यान

कोरोना से जुड़ी एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) कराने से नवजात पर संक्रमण का खतरा नहीं है। दरअसल, वायरस ने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के मन में एक डर पैदा कर दिया है। मां को डर है कि कहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने से नवजात (Infant) पर संक्रमण का खतरा न मंडरा रहा हो। इसी डर से कई देशों में बच्चों को जन्म लेते ही मां से अलग किया जा रहा है। लेकिन इस सबके बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस के डर से ब्रेस्टफीडिंग रोकने की कोई जरूरत नहीं है। खासकर उन मांओं के लिए जो चाहकर भी वायरस के डर से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जिन बच्चों (Infant) को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराई जाती, उनकी मौत का खतरा ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की तुलना में 14 गुना बढ़ जाता है। ऐसे में वायरस के डर से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग न कराना उन्हीं के लिए हानिकारक साबित होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक ब्रेस्ट मिल्क के जरिए कोरोना के संक्रमण फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यहां तक कि जो मांएं कोरोना से संक्रमित हैं, या जिनमें इसके लक्षण हैं, वह भी बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं। यह रिपोर्ट वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO), यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड (UNICEF) और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN) ने जारी की है।

ब्रेस्टफीडिंग कराते समय मां बरतें ये सावधानियां

- बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साबुन या एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर साफ कर ले
- बच्चे को गोद में लेते हुए उससे संपर्क के समय मास्क पहने
- खांसी या कफ होने पर अपने साथ टिशू रखे
- टिशू का उपयोग करते ही इसे डिस्पोज करके दोबारा हाथों को साबुन या एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर साफ करे