हममें से कई लोग सोचते हैं कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना एक सामान्य और बिल्कुल सुरक्षित आदत है, लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है। सड़क पर चलते-फिरते हम तुरंत कोई प्लास्टिक की बोतल खरीद लेते हैं या घर की खाली बोतल को दोबारा इस्तेमाल कर लेते हैं। यह आदत जितनी आसान लगती है, उतनी ही चुपचाप खतरा भी बढ़ा रही है—आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी।
सबसे गंभीर समस्या यह है कि प्लास्टिक की बोतलों से समय के साथ बेहद छोटे-छोटे प्लास्टिक कण पानी में घुलने लगते हैं, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। ये कण 5 मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं और हर दिशा से हमारे पर्यावरण में प्रवेश कर चुके हैं—समुद्र में, नदियों में, झीलों में और अब हवा में भी। पुराने प्लास्टिक के टूटने, कपड़ों के धुलाई से निकलने वाले माइक्रोफाइबर और बोतलों के घिसने से यह समस्या और तेजी से बढ़ रही है।
माइक्रोप्लास्टिक शरीर पर क्या असर डालते हैं?जब हम बार-बार इस्तेमाल की गई प्लास्टिक बोतल से पानी पीते हैं, तो अनजाने में ये सूक्ष्म कण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय शोधों में बोतलबंद पानी में बड़ी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद होने की पुष्टि हो चुकी है। यह चिंता इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि प्लास्टिक में मौजूद कुछ रसायन शरीर में जाकर न सिर्फ हार्मोनल बदलाव लाते हैं बल्कि मोटापा, प्रजनन क्षमता में गिरावट, इंसुलिन रेजिस्टेंस और कैंसर जैसे जोखिम भी बढ़ा सकते हैं।
अभी भी वैज्ञानिक इनके दीर्घकालिक प्रभावों पर शोध कर रहे हैं, लेकिन शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक शरीर में सूजन, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और टॉक्सिक केमिकल्स के ट्रांसफर का कारण बन सकते हैं। यानी जितना ज्यादा प्लास्टिक के संपर्क में रहेंगे, उतना ही शरीर पर इसका दबाव बढ़ता जाएगा।
इस खतरनाक आदत से कैसे बचें?National Institutes of Health (NIH) ने भी इस मुद्दे पर चेतावनी देते हुए रिपोर्ट जारी की थी। अच्छी बात यह है कि कुछ छोटे कदम उठाकर आप इस खतरे से काफी हद तक बच सकते हैं:
1. प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल बंद करें:स्टेनलेस स्टील, ग्लास या BPA-free बोतलें सबसे सुरक्षित विकल्प मानी जाती हैं। ये न टूटती हैं और न ही पानी में हानिकारक कण छोड़ती हैं।
2. बेहतर फिल्ट्रेशन सिस्टम अपनाएं:हर पानी फिल्टर माइक्रोप्लास्टिक नहीं रोक पाता, मगर एडवांस तकनीक वाले फिल्ट्रेशन सिस्टम पानी में मौजूद प्रदूषकों और माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा काफी कम करते हैं।
3. पर्यावरण का भी ख्याल रखें:हर इस्तेमाल के बाद फेंकी गई प्लास्टिक बोतल समुद्री जीवों, पक्षियों और पूरी इकोलॉजी को नुकसान पहुंचाती है। प्लास्टिक कचरा न केवल धरती को प्रदूषित करता है, बल्कि यह सैकड़ों वर्षों तक पूरी तरह नष्ट भी नहीं होता।