घुटने की सर्जरी से जुड़े इन मिथक के कारण नहीं करवाते हैं कई लोग प्रत्यारोपण, जानें सच्चाई

एक उम्र के बाद कई लोगों की हड्डियां जवाब दे जाती हैं जिसका असर उनके जोड़ों पर पड़ता हैं। खासतौर से घुटनों पर जो पूरे शरीर का वजन संभालते हैं। हांलाकि आजकल युवाओं में भी घुटने से जुड़ी अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, और गठिया जैसी समस्याएं सामने आने लगी हैं। प्रथिमिक स्टेज में व्यायाम और दवाइयों की मदद से इस परेशानी से उभरा जा सकता हैं। वहीँ अगर परिस्थितियां ज्यादा बिगड़ जाती हैं तो घुटने की सर्जरी कर इसका प्रत्यारोपण करा जाता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि कई लोग घुटने की सर्जरी से जुड़े मिथक की वजह से इसे करवाने से कतराते हैं और परेशानी झेलते रहते हैं। ऐसे में आज हम आपको विशेषज्ञों द्वारा बताए इन मिथक की सच्चाई बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

मिथक 1 : घुटने की सर्जरी सफल नहीं होती है

घुटने की सर्जरी को लेकर सबसे प्रचलित मिथक में से एक है कि यह सर्जरी सफल नहीं होती है। लोगों में यह बात फैली है कि घुटने से जुड़ी सर्जरी या घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी का सक्सेस रेट बहुत कम है। जबकि असल में ऐसा नहीं है, घुटने की सर्जरी में हर मरीज की स्थिति के आधार पर इसकी सफलता निर्भर करती है। सफलतापूर्वक सर्जरी होने के बाद मरीज की देखभाल, उसकी डाइट और फिजियोथेरेपी आदि पर घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता निर्भर करती है।

मिथक 2 : सर्जरी के बाद मरीज जल्दी ठीक नही होता है

घुटने की सर्जरी के बारे में ये मिथक बहुत प्रचलित है कि इसके बाद मरीज जल्दी रिकवर नहीं होता है। आमतौर पर घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद मरीज का रिकवरी रेट सामान्य ही रहता है और यह हर मरीज में उसके आंतरिक स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। वैसे तो सर्जरी के 12 से 14 दिन में मरीज ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मरीजों को इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि सामान्य सर्जरी के बाद ठीक होने जैसे ही घुटने की सर्जरी के बाद भी मरीज ठीक होता है।

मिथक 3 : घुटने की सर्जरी अधिक उम्र में नहीं हो सकती है

घुटने की सर्जरी के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। अगर मरीज चिकित्सकीय रूप से फिट हैं, तो बुजुर्ग मरीज भी घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी भी करवा सकते हैं।

मिथक 4 : घुटने की सर्जरी 5 से 7 साल ही चलती है

तमाम लोगों का यह मानना है कि घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी ज्यादा दिनों तक टिकती नहीं है, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की उम्र जोड़ और सर्जरी के प्रोसीजर पर निर्भर करता है। आमतौर पर यह सर्जरी 15 से 20 साल तक चलती है।

मिथक 5 : सर्जरी के बाद मरीज की परेशानी बढ़ सकती है

ऐसा जरूरी नहीं है कि हर मरीज सर्जरी के बाद एकदम से ठीक हो जाए। ऐसा इसलिए है कि घुटने की सर्जरी में मरीज की शारीरिक स्थिति और सर्जरी के बाद देखभाल का असर इस पर पड़ता है। लेकिन आमतौर पर घुटने की सर्जरी के बाद मरीज की समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं।

मिथक 6 : सर्जरी के बाद अस्पताल में लम्बे समय तक रहना पड़ता है

मरीज को सर्जरी के बाद अस्पताल में 2 से 3 दिनों तक रहना पड़ सकता है लेकिन कुछ मरीजों में उनकी स्थितियों के कारण उन्हें हफ्ते भर भी अस्पताल में रहना पड़ सकता है। यह पूरी तरह से उनकी सेहत में सुधार पर निर्भर करता हैं।