Women's Day 2023: संघर्ष से भरा होता है महिलाओं का जीवन, स्वस्थ रहने के लिए करने चाहिए ये काम

8 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूरे विश्व की महिलाओं को समर्पित है। महिलाएं आज के समय में हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है और यह कहना गलत नहीं होगा कि आज वे पुरषों से एक कदम आगे ही हैं। महिलाओं का जीवन काफी संघर्ष वाला होता है। वे बेटी, बहू, मां, सास, दादी तक हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं। एक महिला घर में मौजूद हर सदस्य की सेहत का ख्याल रखती है लेकिन खुद की सेहत की बात आती है तो वे नजरअंदाज कर देती है। लेकिन अगर वे अपना ख्याल रखेंगी, तो निश्चित ही लंबे समय तक सेहतमंद रहेंगी, क्योंकि वो कहते हैं न कि सेहत सही, तो सब सही। तो आइए जानते है कि एक महिला अपनी सेहत का ख्याल कैसे रख सकती हैं।

तनाव को कम करें

स्ट्रेस या तनाव होना सामान्य बात है। ये तब महसूस होता है जब किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। टेंशन होने पर एड्रेनालाईन हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। स्ट्रेस का असर सीधा हमारी सेहत पर पड़ता है। एक्सपर्ट का मानना है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा स्ट्रेस लेती है। करियर और जिम्मेदारी के कारण स्ट्रेस लेना बेहद आम बात है, लेकिन स्ट्रेस किसी भी परेशानी का हल नहीं होता। ऐसे में स्ट्रेस लेने की बजह अपनी परेशानियों को परिवार वालों के साथ शेयर करें और कोशिश करें की समय रहते उसका हल निकल जाए। ज्यादा स्ट्रेस लेना महिलाओं में बांझपन, डिप्रेशन, एंग्जाइटी और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा देता है। मेडिटेशन और योग की मदद से भी स्ट्रेस को कम किया जा सकता हैं।

अधिक पानी पिएं

शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखना एक अच्छी सेहत की निशानी है। यह तो हम सभी जानते है कि शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है, जिसका अर्थ है कि हमारे शरीर के अंगों और कोशिकाओं को अच्छे से काम करना है तो पानी की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। इसलिए अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त पानी पिएं। अधिक पानी पीने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है, शरीर के अपशिष्ट बाहर निकलते हैं और शरीर में विटामिन-मिनरल आसानी से पहुंच सकते हैं।

7-8 घंटे सोएं

एक्सपर्ट कहते हैं कि पर्याप्त नींद लेना बेहद जरुरी है। वयस्क लोगों में सामान्य सोने का समय 7-9 घंटे तक होता है। कम नींद से दिमाग़ को आराम नहीं मिल पाता है। इससे तनाव बढ़ता है जिसका सीधा असर कार्य क्षमता पर पड़ता है। नतीजतन, ग़ुस्सा, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। महिलाओं के बारे में अक्सर देखा जाता है कि कई बार वे घर के काम, पढ़ाई या बच्चों के कारण वे देर रात तक जागती हैं और फिर जल्दी उठ जाती हैं। जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत को दुरुस्त रखना है तो पर्याप्त नींद लें।

हेल्दी फूड का सेवन

पुरुषों के साथ महिलाओं को भी प्रकृतिक चीज और खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। ताजे फल या सब्जियां, साबुत अनाज, ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स, फल आदि को डाइट में जरूर शामिल करें। महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी ज्यादा पाई जाती है। इसलिए अगर आगे जाकर स्वस्थ रहना है तो महिलाओं को विटामिन और मिनरल युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम, विटामिन डी, फोलेट, आयरन, विटामिन सी, विटामिन बी 12, मैग्नीशियम से युक्त फूड का अधिक सेवन करना चाहिए।

फाइबर का अधिक सेवन

फाइबर का सेवन सेहत के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि यह अच्छे बैक्टेरिया के साथ मिल कर बॉडी में कोलेस्ट्रॉल, वजन बढ़ना और ब्लड शुगर जैसी परेशानियों को कंट्रोल कर सकता है। फाइबर की कमी के कारण बॉडी में कई तरह की परेशानियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन न हो तो सूजन और कब्ज जैसे उलझनों का शिकार होना पड़ सकता है। इसलिए रोज नियमित रूप से महिलाओं को कम से कम 24 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। इसलिए डाइट में फाइबर युक्त सब्जियां और अनाज को शामिल करना जरुरी हैं।

हर साल अपने डॉक्टर से मिलें

एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं को हर साल अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और बॉडी टेस्ट कराना चाहिए। अगर आपकी उम्र 21 या इससे अधिक है, तो हर 3 साल में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए पैप टेस्ट करवाएं, अगर आपकी उम्र 30-65 है, तो आप हर 5 साल में पैप टेस्ट और एचपीवी टेस्ट दोनों करवा सकते हैं। यदि आप सेक्सुअली एक्टिव हैं और आपको एसटीडी होने का अधिक खतरा है, तो क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस के लिए सालाना परीक्षण करवाएं। अपना वार्षिक चेकअप न छोड़ें।

अपने शरीर की सुनें

स्वस्थ रहना है तो अपने शरीर की भी सुनें। अगर आपका शरीर सिग्नल दे रहा है कि वह बहुत थक चुका है, उसे न्यूट्रिशन की जरूरत है और अगर आप भी शरीर से काम लेंगी या फिर काम के कारण खाना नहीं खाएंगी, तो जाहिर सी बात है, इसका नुकसान शरीर को होगा। ऐसा करने से एनर्जी में गिरावट देखने को मिलेगी, डाइजेशन पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा आदि। इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरत का खास ख्याल रखें।

हर दिन कम से कम 20-30 मिनट चलें

अच्छी सेहत के लिए घंटों जिम में समय बिताने की बजाय रोजाना 20-30 मिनट की वॉक करें। लेकिन अगर आपके पास समय है, तो कार्डियो, वेट ट्रेनिंग होम वर्कआउट आदि भी कर सकती हैं।