पीरियड्स में ब्लड क्लॉट, दर्द-ऐंठन एक आम समस्या, राहत पाने के लिए करे ये उपाय, मिलेगा फायदा

पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है। कई महिलाओं को उनके पीरियड आने के पहले के कुछ हफ़्तों से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस का अनुभव होता है। जिन्हें मूड स्विंग्स, मुहांसे, एंग्जायटी (उत्कंठा), पेट फूलना, चिड़चिड़ाहट या गुस्सा आने जैसे लक्षणों से समझा जा सकता है। साथ ही महिलाओं को खून के थक्के यानी ब्लड क्लॉट होना भी सामान्य बात है। इसे मेंस्ट्रुअल क्लॉट भी कहा जाता है।

मासिक चक्र के दौरान ज्यादातर महिलाओं को उनके पीरियड्स के दौरान खून के थक्के यानी ब्लड क्लॉट जमने लगते हैं। हालाकि यह एक आम परेशानी है लेकिन अगर ऐसा बड़े स्तर पर हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

क्या कारण होते है पीरियड्स में ब्लड क्लॉट के?

मासिक धर्म को माहवारी, रजोधर्म, मेंस्ट्रुअल साइकिल या एमसी और पीरियड्स के नाम से भी जाना जाता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से गर्भाशय से स्क्त और अंदरूनी हिस्से से होने वाली स्त्राव को मासिक धर्म कहते हैं। जब किसी महिला को मासिक धर्म होता है, तो गर्भाशय जमा हुआ रक्त, ऊतक और रक्त की जेल जैसी गांठ छोड़ता है। ऐसे में अगर क्लॉट बड़े होते है तो उनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत किसी चिकित्सीय से संपर्क करना चाहिए।

हालांकि मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्त के थक्के खतरनाक नहीं होते हैं। अगर आपको अत्यधिक रक्तस्राव होता है, जो 7 दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं जो आज हम आपके लिए लेकर आए है।

लाल रास्पबेरी के पत्तों की चाय

इसके लिए आपको 1 चम्मच लाल रास्पबेरी चाय, 1 कप पानी और 1 बड़ा चम्मच शहद की आवश्यकता होगी। एक कप पानी में एक चम्मच लाल रास्पबेरी चाय मिलाएं। इसे 5 मिनट तक उबाल लें। छान लें और चाय को थोड़ा ठंडा होने दें और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। बेहतर परिणाम के लिए आपको इसे दिन में 2 से 3 बार जरूर पीना चाहिए।

मसाज

मालिश कई तरह की होती हैं और इससे प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और गर्भाशय के चारों ओर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे मासिक धर्म के रक्त के थक्कों को भी दूर कर सकते हैं क्योंकि इससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है।

कोल्ड कॉम्प्रेस

पीरियड्स के दौरान या पहले ही, जब भी आपको रक्त का थक्का जमने का पता चले, तो ऐसे में आपको कोल्ड कॉम्प्रेस लेना चाहिए। इसके लिए आप एक आइस पैक की जरूरत पड़ेगी। अपने पेट के निचले हिस्से पर एक ठंडा पैक लगाएं। इसे 1-2 मिनट के लिए छोड़ दें और हटा दें। हर पांच मिनट के बाद इसे तीन बार दोहराएं।

विटामिन्स

विटामिन A, B, D, और C ब्लीडिंग या क्लॉट से राहत दिलाने में मदद करते हैं। विटामिन A लाल रक्त कोशिकाओं को बेहतर बनाता है और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। विटामिन B, विशेष रूप से विटामिन बी 6 प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन के लिए जरूरी है, जो रक्त के थक्कों को कम करने में मदद करते हैं। विटामिन D और विटामिन C भी रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

अदरक की चाय

अदरक की चाय पीने से भी आपको आराम मिल सकता है। फाइटोथेरेपी रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित अदरक का सेवन मासिक धर्म के दौरान भारी रक्त प्रवाह और थक्कों को कम कर सकता है।

मछली खाएं

नॉनवेज पसंद करनेवाली महिलाओं को फैटी एसिड और विटामिन ई की अच्‍छी मात्रा के लिए मछली का सेवन करना चाहिए। इससे पीरियड्स रेग्युलर करने में मदद मिलती है औ पीरियड्स के दौरान दर्द भी कम होता है।

अलसी के बीज

अलसी के बीज का सेवन हमारे देश में अच्छी सेहत के लिए लोग प्रतिदिन करते हैं। महिलाओं को पीरिड्स के दौरान होने वाली दिक्कतों से बचने के लिए इनका सेवन करना चाहिए। क्‍योंकि अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है।

इन फलों का करे सेवन

पीरियड्स के दौरान अधिक मीठे और अधिक खट्टे फलों के सेवन से बचना चाहिए। आप पपीता, सेब, नाशपाती, बाबूगोशा जैसे फल खा सकती हैं।