चलते-चलते पैर के अचानक मुड़ जाने, दौड़ते वक्त पैर ट्विस्ट हो जाने या फिर गिरने की वजह से कई बार हमारे पैर में मोच आ जाती है। यह एक सामान्य परेशानी हैं लेकिन इसके बढ़ने पर हड्डी टूटने का डर भी बना रहता हैं। पैरों में मोच आने के बाद किसी भी व्यक्ति को चलने, उठने-बैठने यहां तक की बिस्तर पर आराम से लेटने में भी परेशानी होती है। यह आपको असहाय बना सकती हैं और दर्द से परेशान भी करती हैं। कई लोग इसके दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर का सेवन करने लगते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से पैर की मोच का दर्द कम करते हुए सूजन को दूर किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
बर्फ लगाएंमोच आने के तुरंत बाद बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। पैर में मोच की समस्या में कई बार सूजन और दर्द भी होता है, ऐसे में बर्फ लगाने से आराम मिलता है। पैर में मोच आने पर हर 2 से 3 घंटे पर बर्फ से सिकाई करें। आप चाहें तो बाजार में मिलने वाले आइस क्यूब या बर्फ के टुकड़ों को कपड़े में लपेटकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
सेब का सिरकासेब के सिरके को मांसपेशियों में अकड़न और लेग क्रैम्प्स का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सूजनरोधी और एल्कलाइज़िंग के गुण मौजूद होते हैं जो सूजन और दर्द को दूर करते हैं। दो कप सेब के सिरके को बाथटब या बाल्टी में डाल दें। फिर उसमे गर्म पानी मिलाएं। अब उस पानी से आधे घंटे तक नहाएं या उसमे प्रभावित क्षेत्र को डुबोकर रखें। इस प्रक्रिया को कुछ दिनों तक पूरे दिन में एक बार ज़रूर दोहराएं।
लौंग का तेलदांतों में सड़न, दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए अक्सर लौंग का तेल लगाने की सलाह दी जाती है। लौंग के तेल में मौजूद पोषक तत्व पैरों की चोट को ठीक करने में भी मददगार साबित होते हैं। मोच वाले हिस्से में लौंग के तेल से मालिश करने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है। पैरों की मोच से राहत पाने के लिए आप दिन में दो बार लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हल्दी का दूधहल्दी का दूध कोई भी दर्द को खींचने में काफी मददगार होता है। मोच की समस्या आने पर हल्दी का दूध जरूर पिएं। यह पेनकिलर जैसा काम करता है। हल्दी एक नहीं कई गुणों से भरपूर है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए पानी में दो चम्मच हल्दी डालकर उसका पेस्ट बना लें। अब इस हल्दी के पेस्ट को मोच वाली जगह पर लगाएं और दो घंटे के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से साफ कर लें। इसके साथ ही एक ग्लास गर्म दूध में आधा चम्मच फिटकरी मिलाकर पीने से भी दर्द में काफी आराम मिलता है।
सेंधा नमकमोच की समस्या से राहत पाने में सेंधा नमक और पानी काफी लाभकारी माना जाता है। सेंधा नमक मैग्नीशियम सल्फेट से बनता है। मैग्नीशियम प्राकृतिक तरीके से आराम दिलाने में मदद करता है। मोच की समस्या से राहत पाने के लिए एक बाल्टी में गुनगुना पानी लें और इसमें आधा चम्मच सेंधा नमक डालें। इस पानी में आधे घंटे पैर को डालकर बैठें। थोड़ी ही देर बाद आपको पैर की मोच से राहत महसूस हो सकती है।
लहसुनकई बार मोच आ जाने के साथ ही हमें थोड़ी सी चोट लग जाती है या प्रभावित स्थान छिल सा जाता है। इसके लिए सबसे पहले एक कटोरी में पाँच-छह चम्मच सरसों का तेल लें और उसमें 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाऊडर और 4-5 लहसुन की कलियां पीसकर डाल दें। अब इस मिश्रण को धीमी आंच पर कुछ देर के लिए गर्म करें। उसके बाद हल्का सा ठंडा करके मोच पर धीरे-धीरे इस तेल से मसाज़ करें। एंटी-इन्फ्लेमेंटरी और एंटीफंगल गुणों से युक्त सरसों एवं हल्दी दोनों ही सूजन और चोट को जल्द भरने में मददगार हैं।
प्याजप्याज के सूजनरोधी गुणों की वजह से इसे टखने की मोच, सुन्न उँगलियों और गठिया के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्याज सूजन और दर्द को दूर करने में मदद करता है। सबसे पहले एक बड़ी प्याज को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इन टुकड़ों को रेशमी कपडे में रखें और फिर उस कपडे को कसके बाँध दें। अब उस कपडे को मोच के क्षेत्र पर दो घंटे के लिए रखे रखें। लक्षणों को दूर करने के लिए इस प्रक्रिया को पूरे दिन में कई बार दोहराएं।
इमली का पत्ताइमली के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो मोच के दर्द में लाभकारी होते हैं। इमली के पत्तों को पीसकर इसमें गुनगुना पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को मोच वाली जगह लगाने से आराम मिलेगा।
अरंडी का तेलअरंडी के तेल में बहुत से औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों के दर्द को कम करने में कारगर होता है। गठिया रोग के लोगों के लिए अरंडी के तेल से मालिश करने से सूजन एवं ऐंठन कम होती है। इसके अलावा मोच को ठीक करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग फायदेमंद होता है।