शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना एक गंभीर समस्या बनाता जा रहा है। यह एक मोम जैसा पदार्थ होता है जो खून की नसों में जमा होता है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, हमारे शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है एक गुड कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल। अगर बात बैड कोलेस्ट्रॉल की करें तो यह हमारी आर्टरीज में जमा हो सकता है। जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। हमारे शरीर को हेल्दी सेल्स बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है लेकिन शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल फैटी फूड खाने, एक्सरसाइज ना करने , ओवरवेट होने, स्मोकिंग और ड्रिंक करने के कारण बढ़ता है। कई बार यह जेनेटिक भी होता है। अब सबसे बढ़ा सवाल यह उठता है कि आखिर हमें कैसे पता चलेगा कि कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया है?
कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या हैं? CDC के अनुसार, हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण आमतौर पर तब तक दिखाई नहीं देते, जब तक कि यह किसी गंभीर समस्या का कारण नहीं बन जाता। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आप एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल जाने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं। कोलेस्ट्रॉल को अनुपचारित छोड़ने से समय के साथ यह नसों में जमा हो सकता है जिससे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है और आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
इन लक्षणों को गलती से भी न करें नजरअंदाज
- जी मिचलाना
- सुन्न होना
- अत्यधिक थकान
- सीने में दर्द या एनजाइना
- सांस लेने में कठिनाई
- हाथ-पांव में सुन्नपन या ठंडक
- हाई ब्लड प्रेशर
लक्षण महसूस होने पर क्या करेंयदि आपको ऊपर बताए कोई भी संकेत या लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत आप डॉक्टर से संपर्क कर ब्लड टेस्ट करवाएं। ब्लड टेस्ट के जरिए ही यह पता चल सकता है कि आपके भीतर कुछ गंभीर गड़बड़ी तो नहीं चल रही है। डॉक्टरों का माना है कि आपको 11 साल की उम्र के बाद से 55 साल की उम्र तक हर पांच साल में बल लिपिड टेस्ट कराना चाहिए। नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (एनएचएलबीआई) ने सलाह दी है कि पुरुषों को 45 से 65 और महिलाओं को 55 से 64 की उम्र के बीच हर एक से दो साल में ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। यदि आप 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो हर साल कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।