बच्चों की सेहत पर प्रभावी असर डालते हैं ये पोषक तत्व, करें डायट में शामिल

यदि बचपन से ही बच्चों की सेहत का ध्यान रखा जाए और उनके आहार में पोषक तत्वों से युक्त आहार को शामिल किया जाए तो बीमारियां उनसे बहुत दूर रहती हैं। एक उम्र के बाद बच्चों के आहार में मां के दूध के अलावा कई अन्य चीजों को शामिल करने की जरूरत होती हैं ताकि शरीर को पूरा पोषण मिल सकें और बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास सही तरीके से हो। बच्चों की पोषण से जुड़ी जरूरतें, वयस्कों से अलग होती हैं और उसी अनुरूप उनकी डाइट होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन जरूरी पोषक तत्वों उनके उपयोग और उसमें काम आने वाले आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

प्रोटीन

प्रोटीन एक ऐसा तत्व है जिसकी जरूरत सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी होती है। यह तत्व बॉडी सेल्स के निर्माण, खाए गए भोजन को एनर्जी में बदलने, संक्रमण से लड़ने और शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। प्रोटीन शरीर को बढ़ने में मदद करता है, मांसपेशियों का निर्माण करता है और ऊर्जा देता है। प्रोटीन की पूर्ति के लिए दालें, अंडा, चिकन, डेयरी प्रॉडक्ट, पोर्क, एवोकाडो, नट्स और बीन्स का सेवन कराएं।

कैल्शियम

बच्चों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की सूची में कैल्शियम सबसे ऊपर आता है, क्योंकि यह बच्चों में मजबूत हड्डियों और स्वस्थ दांतों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। यह मांसपेशियों और हार्ट को हेल्दी रखने के लिए भी आवश्यक है। इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चों को कैल्शियम युक्त फूड आइटम्स जरूर खिलाना चाहिए। कैल्शियम के प्रमुख स्त्रोत हैं- दूध, पनीर, दही, पालक, ब्रॉकली, टोफू आदि।

फैट

बच्चों के विकास के लिए फैट बहुत जरूरी होता है। इसलिए बच्चों को फैट रिच फूड्स खिलाना चाहिए। फैट बच्चों में ऊर्जा पैदा करता है। मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। इतना ही नहीं यह त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करता है। एवोकाडो, केला, पीनट बटर, शकरकंद, मौससी फल और सब्जियों को बच्चों की फैट डाइट में शामिल किया जा सकता है। अगर बच्चे का वजन कम है, तो ये फूड्स वजन बढ़ाने में मदद करेंगे। आप बच्चे को ये फूड्स सीमित मात्रा में खिला सकते हैं।

फाइबर

फाइबर युक्त आहार का सेवन हर उम्र के व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण व फायदेमंद होता है। लेकिन बच्चों के लिए एक सीमित मात्रा में फाइबर जरूरी है। यह आपके बच्चों के पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और बचपन से होने वाले मोटापे के खतरे को भी कम करता है। बच्चों की डेली डायट में फाइबर युक्त फल और सब्जियां जैसे- नाशपाती, ऐवकाडो, सेब, ओट्स, नट्स आदि शामिल करें।

फोलेट

शायद बहुत कम लोगों को पता हो लेकिन फोलेट भी बढ़ते बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यह बच्चों के शरीर की सेल्स को मजबूत और हेल्दी रखता है। इस विटामिन की कमी से बच्चों को एनीमिया रोग यानि कि शरीर में खून की कमी हो सकती है। बच्चों की बॉडी में फोलेट की मात्रा बनी रहे इसलिए उन्हें मिक्स अनाज का दलिया, पालक, चने, मसूर की दाल और स्प्राउट्स जैसी चीजें दें।

आयरन

अन्य पोषक तत्वों की तरह आयरन भी बच्चे के स्वस्थ विकास में अहम भूमिका निभाता है क्योंकि यह रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। आयरन की कमी से अनीमिया और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने बच्चे की डायट में पर्याप्त मात्रा में आयरन शामिल करें जैसे- साबुत अनाज, बीन्स, नट्स, अनार, चुकुन्दर और हरी पत्तेदार सब्जियां।

कार्बोहाइड्रेट

कार्बोहाइड्रेट भी बच्चों के बेहतर विकास के लिए एक जरूरी तत्व है। यह ऊतक के निर्माण और मरम्मत करने में महत्वपूर्ण है। कार्बोहाइड्रेट कई अलग-अलग रूपों (शर्करा, स्टार्च, और फाइबर) में आते हैं, लेकिन बच्चों को स्टार्च और फाइबर अधिक और चीनी कम देनी चाहिए। दिन भर एर्जेटिक, ऊर्जावान और तरोताजा रहने के लिए कार्बोहाइड्रेट रिच डाइट लेना बहुत जरूरी होता है। ब्रेड, आलू, पास्ता, चावल और अनाज आदि में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है।

विटमिन सी

आयरन के साथ विटमिन सी भी शरीर के लिए आवश्यक है। यह बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करने के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। विटमिन सी आपको कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। इसलिए आपको अपने बच्चों की डायट में खट्टे फल जैसे- संतरा, आंवला और कीवी के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।

जिंक

जिंक प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। जिंक बच्चों की कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करता है। जिंक एक जरूरी मिनरल है, जिसे शरीर अपने आप नहीं बनाता है। जिंक बच्चे के विकास, प्रतिरक्षा कार्य के लिए जरूरी होता है। जिंक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। लो-फैट मिल्क, योगर्ट, दालें, नट्स और अनाज में जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है। आप अपने बच्चे को 6 महीने के बाद स्तनपान के साथ ही इन फूड्स को भी खिला सकते हैं।

विटमिन डी

विटमिन डी पूरी तरह से बेहतर हड्डियों और दांतों के निर्माण और उनकी मजबूती में मदद करेगा। इसके अलावा, विटमिन डी बेहतर इम्यूनिटी और तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से काम करने के लिए जरूरी है। विटमिन डी का सबसे अच्छा व प्राकृतिक स्त्रोत सूरज की रोशनी है लेकिन इसके अलावा आप अपने बच्चे को अंडा, मांस, मछली और साबुत अनाज भी खिलाएं ताकि विटमिन डी की कमी ना हो।