लोग इन दिनों अपनी सेहत के प्रति काफी जागरूक हो गए है, वहीँ लोगों का आयुर्वेदिक दवाइयों की तरफ रुझान भी बढ़ा है। ऐसे में आज हम आपको एक औषधीय पौधे के बारें में बताने जा रहे हैं जिसकी पत्तिया आपके शरीर के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। जी हाँ हम बात कर रहें हैं पथरचट्टा पौधे की जो हर मौसम में हरा-भर रहता है। पत्थरचट्टा का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर को अनेक रोगों से मुक्त करने में मददगार है। पत्थरचट्टा का उपयोग किडनी और मूत्र विकारों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। ये पौधा शरीर को कई तरीकों से लाभ पहुंचा सकता है, आइये जानते हैं कैसे . . .
पथरी के लिए वरदानपत्थरचट्ट के पौधे का मुख्य रूप से सेवन किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी की समस्या के लिए किया जाता है। गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेद में इसे रामबाण माना जाता है। अगर इसकी पत्तियों का काढा बनाकर पिया जाए तो पेशाब का रुक-रुककर आना, पेशाब में जलन और दर्द होना जैसी मूत्र विकारों की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोलपत्थरचट्टा के पत्तों के रस में एक खास तरह का तत्व होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। यहीं नहीं पत्थरचट्टा के नियमित सेवन आपके हार्ट को भी हेल्दी रखता है। इसके लिए आप पथरचट्टा के पत्तों का रस निकालकर पांच-पांच बूंद पानी में मिलाकर रोज खाली पेट पिएं।
वेजाइनल इन्फेक्शन को करे दूरवेजाइनल डिसचार्ज के कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसके कारण अकसर वेजाइनल इंफेक्शन भी बढ़ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है इस समस्या को दूर करने में पत्थरचट्टा काफी फायदेमंद है। पत्थरचट्टा से बना काढ़ा वेजाइनल इंफेक्शन कम करने में बेहद मददगार है। इसके लिए आप पत्थरचट्टा के पत्ते में 2 ग्राम शहद को मिला कर इसका सेवन आप दिन में एक या दो बार करना होगा। ऐसा करने से वेजाइनल डिस्चार्ज कम हो जाएगा। साथ ही वेजाइनल इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाएगा।
आँखों के दर्द को करे दूरमौसम बदलने के साथ या ज्यादा समय तक कम्प्यूटर स्क्रीन या फोन की स्क्रीन के सामने रहने से लोग को आंखों में दर्द रहने की समस्या परेशान रहते हैं। ऐसे इस समस्या का एक इलाज है पत्थरचट्टा जिसके जरिये इस समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के पत्तों का रस निकालकर अपनी आंखों के चारों ओर लगाना होगा, ऐसा करने से आंखों के सफेद हिस्से में जो दर्द हो रहा है वह दूर हो जाएगा।
त्वचा को रखे हेल्दीक्या आपको पता है कि पत्थरचट्टा के पत्तों में खास प्रकार के कंपाउंड पाए जाते हैं, जो घाव के ठीक होने की प्रक्रिया को बढ़ा देते हैं। पथरचट्टा में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण लालिमा, जलन और सूजन जैसे लक्षणों को भी कम कर देते हैं।
घाव भरने में सहायककई बार शरीर पर कोई घाव लग जाता है तो उसका कोई निशान रह जाता है जिसके चलते कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, तो उसे दूर करने में भी पत्थरचट्टा कारगर साबित हो सकता है। पथरचट्टा के पत्तो के अंदर ना केवल घाव भरने के गुण पाए जाते हैं बल्कि यह घाव के निशान को दूर करने में भी मदद करता है। इसके लिए सबसे पहले पत्थरचट्टा के पत्तियों को गर्म करके उन्हें हाथों से मसलना होगा और फिर अपने घाव पर इस लेप को लगाएं। ऐसा करने से न केवल घाव जल्दी भर जाते हैं, बल्कि निशान भी काफी हद तक कम हो जाते है। यह फोड़े और सूजन को ठीक करने में बेहद मददगार है।