आजकल की मौजूदा जीवनशैली (खराब खानपान, देर से सोना और देर से जागने की आदत, दिन भर एक ही जगह बैठकर घंटों कंप्यूटर के सामने काम करना आदि) के चलते स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियों से सामना करना पड़ता है। इस सब गलत आदतों का बुरा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है जिसकी वजह से कब्ज़ समेत कई अन्य तरह पेट से जुड़ी परेशानियां उत्पन्न हो जाती है। अपने देश में कब्ज़ से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है और यही कारण है कि लोग कब कब्ज़ से आराम पाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों और कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि इसबगोल कब्ज़ से आराम दिलाने की सबसे उपयोगी घरेलू उपचार है। भरपूर मात्रा में फाइबर होने के कारण इसबगोल को कब्ज से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है।
इसबगोल जिसे अंग्रेजी में साइलियम हस्क कहते हैं, प्लांटैगो ओवेटो के पौधे से मिलने वाला बीज और भूसी है। इसबगोल बीज के आसपास की भूसी में घुलनशील फाइबर होता है। भारत समेत विश्व के कई देशों में ईसबगोल की खेती की जाती है और भारत से कई पडोसी देशों में इसबगोल का निर्यात भी किया जाता है। इसबगोल का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं। इसबगोल पेचिस, कब्ज़, दस्त, मोटापा, डिहाइड्रेशन, डायबिटीज आदि रोगों में बहुत गुणकारी है। आयुर्वेदिक और एलोपैथी दोनों ही चिकित्सा पद्धति में इसबगोल को औषधि या दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।
कई लोगों को ऐसा लगता है कि इसबगोल की भूसी सिर्फ कब्ज़ दूर करने में ही सहायक है। जबकि ऐसा नहीं है इसबगोल, कब्ज़ के अलावा भी कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद है। तो आइए जानते है इसके सेवन से होने वाले फायदों के बारे में...
कब्ज में राहतइसबगोल में हाइग्रोस्कोपिक गुण होते हैं, जो डाइजेस्टिव सिस्टम से ज्यादा पानी सोखने में मदद करते हैं। इसबगोल में मौजूद फाइबर कब्ज ठीक करने का अच्छा उपाय है। दूध के साथ 2 चम्मच इसबगोल मिलाकर पी सकते हैं। इसबगोल की पानी के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है। इसबगोल का सेवन आप खाने के एक घंटे बाद लें और इसके बाद एक या दो गिलास पानी और पी लें। यह आंतों की मांसपेशियों की गतिशीलता बढ़ाती है और मल को मुलायम बनाती है जिससे मलत्याग करना काफी आसान हो जाता है। कुछ दिनों तक इसबगोल का सेवन करने से कब्ज़ की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।
दस्त रोकने में मददगारइसबगोल, आंतों को साफ करता है जो संक्रमण के कारण सूक्ष्म जीवों को हटाने में मदद करता है। दस्त के दौरान आप दही में इसबगोल को मिलाकर खा सकते हैं। दही में प्रोबायोटिक गुण होने के कारण यह संक्रमण को जल्दी ठीक करती है वहीं इसबगोल दस्त को रोकती है।
ब्लड शुगर कम करेइसबगोल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि यह ग्लूकोज के टूटने के अवशोषण को रोकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद जिलेटिन आपके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि डाइट में फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करने से इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल कम होता है जिससे डायबिटीज को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
कलेस्ट्रॉल कम करेइसबगोल पित्त ऐसिड को बांधता है और एलडीएल यानी बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह एचडीएल यानी गुड कलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने में भी मददगार है। एक शोध के दौरान 8 हफ्तों तक कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को 5।1 ग्राम मात्रा दी गई। परिणाम स्वरूप लोगों का टोटल और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम पाया गया।
दिल को रखे स्वस्थइसबगोल दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है क्योंकि यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करता है। यह ब्लड प्रेशर को कम करने, लिपिड लेवल को बढ़ाने और ह्रदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। इस लिहाज से देखा जाए तो यह दिल को सेहतमंद रखने में बहुत उपयोगी है।
वजन घटाने के लिएइसबगोल का सेवन वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइबर के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे अतिरिक्त भोजन करने की इच्छा कम होती है। इस प्रकार यह वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। आपको इसबगोल को एक गिलास पानी में या फिर जूस में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसबगोल को पानी और नींबू के रस के साथ मिलाकर भी पिया जा सकते हैं।
एसिडिटी पेट में एसिडिटी बनना एक आम समस्या है। अक्सर रात का खाना खाने के बाद यह समस्या ज्यादा होती है। एसिडिटी की वजह से पेट फूलना या खट्टी डकारें आने लगती हैं। अगर आप अक्सर ही इस समस्या से पीड़ित रहते हैं तो इसबगोल की भूसी आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
बवासीरबवासीर की स्थिति में पीड़ित को मल त्याग के समय खून आने की समस्या के साथ दर्द भी होता है। इस समस्या के लक्षण को कम करने में इसबगोल भूसी के सेवन फायदेमंद साबित होता है। दरअसल, इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है। इसी वजह से इसबगोल को बवासीर के लक्षण को कम करने में सहायक माना जाता है।
कफ कफ की तकलीफ होने पर इसबगोल का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे कफ निकलने में आसानी होती है।
सांस की दुर्गन्धइसबगोल का प्रयोग सांस की दुर्गन्ध से बचाता है, इसके अलावा खाने में गलती से कांच या कोई और चीज पेट में चली जाए, तो इसबगोल की मदद से वह बाहर निकलने में आसानी होती है।