स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी है बेसन की कढ़ी, सेवन से होते हैं ये फायदे

बेसन की कढ़ी को इंडियन सूप माना जाता है। उत्तर भारत में बेसन की कढ़ी का शुभ माना जाता है और इसे त्योहारों पर प्रसाद के रूप में भी बनाते हैं। सिर्फ ट्रडिशंस के चलते ही नहीं बल्कि कढ़ी इसके टेस्ट और खुशबू के लिए भी काफी लोगों को पसंद होती है। कढ़ी का स्वाद और हेल्दी बनाने के लिए इसमें कई तरह की सब्जियों का भी इस्तेमाल किया जाता है। कढ़ी में विटमिन्स और मिनरल्स होते हैं साथ ही यह शरीर के फंक्शंस और ग्रोथ के लिए भी अच्छी होती है। इस डिश में प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस भी होता है, अगर आपको कढ़ी पसंद है तो यहां आप जान सकते हैं इसके और भी फायदे...

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए

कढ़ी में आयरन और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है, जो कि हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए बेहतरीन कॉम्बो है।

ग्रोथ के लिए

कढ़ी में काफी मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटमिन्स और मिनरल्स होते हैं। जिसकी वजह से कढ़ी बॉडी के फंक्शंस और ग्रोथ को बेहतर बनाने में काफी मदद करती है।

स्किन समस्याओं के लिए

बेसन कढ़ी खाने से कोलैजन को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे स्किन स्मूथ बने रहती है। साथ ही इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण भी होते हैं। कढ़ी स्किन से ऐक्ने, डार्क स्पॉट्स और टैनिंग जैसी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में भी मदद करती है।

गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ के लिए

प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला के कढ़ी का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ बेहतर होती है। कढ़ी में मौजूद फोलिएट, विटमिन B6 और आयरन जैसे कई पोषक तत्व इसमें मददगार साबित होते हैं।

पाचन क्रिया होती है दुरुस्त

बेसन की कढ़ी में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो कि पेट के लिए अच्छे माने जाते है। इससे आहारनाल का वातावरण सही रहता है और पोषक तत्व अवशोषित होते हैं। इनसे पाचन क्रिया ठीक रहती है।

शुगर पेशेंट के लिए

बेसन की कढ़ी में कार्बोहाइड्रेट और फोलेट भी पाए जाते हैं। साथ ही कढ़ी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसलिए डाइबिटीज के पेशेंट के लिए कढ़ी खाना बेहतर होता है।

ब्लड प्रेशर रेग्युलेट करती है

बेसन की कढ़ी में मैग्नीशियम होता है जो कि मसल्स को रिलैक्स करता है और हार्ट की हेल्थ ठीक रखता है। फॉस्फोरस लिपिड मकैनिजम को सही रखता है।

वजन कम करने के लिए

बेसन की कढ़ी में बेसन (चने का आटा) और छाछ इसका मेन इनग्रेडिएंट होता है। बेसन में आटे से ज्यादा गुड फैट और प्रोटीन होते हैं। इसमें कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट, फोलेट होते हैं साथ में इसका भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसलिए अगली बार जब भी आपके सामने कढ़ी आए तो इसे बेझिझक खाइएगा।

गरमा-गरम कढ़ी बनाने का तरीका

सामग्री :


250 ग्राम ताजा दही
50 ग्राम बेसन
1 चम्मच अदरक की प्यूरी
1/2 कप हरे चने
1 आलू (कटा)
2-3 सुरजने की फली
2 हरी मिर्च
2 टेबल स्पून घी
1 चुटकी हींग
कढ़ी पत्ते
1/2 टी स्पून राई
नमक
2-3 पिसी लौंग

विधि :

- सबसे पहले दही को रवई से फेंटकर उसमें बेसन, नमक, पिसी लाल मिर्च और 2 कप पानी मिलाकर मिक्स कर लें।
- एक बर्तन में घी गर्म करें। हींग, राई, कढ़ी पत्ता, अदरक प्यूरी व हरी मिर्च डालें।
- राई तड़तड़ाने पर दही-बेसन का घोल डालें और लगातार हिलाते हुए पकाएं।
- उबाल आने पर सभी सब्जियां डालें।
- धीमी आंच पर कढ़ी को 15 से 20 मिनट तक पकाएं।
- अब स्वादिष्ट कढ़ी तैयार है। इसे चपाती के साथ गर्मागर्म परोसिए। सर्दी के दिनों में कढ़ी का मजा लीजिए और स्वस्थ रहिए।