खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण आजकल लोग तेजी से डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। यह एक गभीर समस्या है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसमें मरीज का ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिससे कई उसे कई समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज 2 तरह का होता है- टाइप 1 और टाइप 2। इसके अलावा कुछ महिलाओं को भी गर्भावस्था के समय डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। शुगर के मरीजों के हेल्दी डाइट की सलाद दी जाती है। ब्लड शुगर दवाओं के साथ कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी कंट्रोल किया जा सकता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए जड़ी बूटियां भी काफी प्रभावी होती हैं और ऐसी ही एक जड़ी बूटी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है। इस जड़ी बूटी का नाम है सहजन का पेड़। इसको मोरिंगा भी कहा जता है। यह हरे पत्तों वाला पेड़ आपको कहीं भी मिल सकता है। मोरिंगा पर छोटे-छोटे हरे पत्ते और गुच्छों में सफेद रंग के फूल आते हैं। दक्षिण भारत में अधिकतर सब्जियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस पेड़ के फल, पत्ते, डंठल और फूल सभी डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (NCBI) पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सहजन में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और लिपिड को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं।
आपको बता दे, सहजन की 100 ग्राम ताजी कच्ची पत्तियों में 9.8 ग्राम प्रोटीन होता है। इसकी फली और बीज ओलिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। यह विटामिन ए का बेहतर स्रोत है। इसके फल और पत्तों में बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे फोलेट, विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), थायमिन (विटामिन बी -1), राइबोफ्लेविन, पैंटोथेनिक एसिड और नियासिन जैसे तत्व पाए जाते हैं।
यह तो बात हुई इसमें मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे अब हम आपको बताते है कि इसका सेवन डायबिटीज को कैसे कंट्रोल करता है।
सहजन के पत्तों में क्वेरसेटिन होता है जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। मोरिंगा में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर को शुगर को बेहतर तरीके से संसाधित करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है।
सहजन के अन्य लाभ- सहजन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
- कैल्शियम में भरपूर होने की वजह से साइटिका, गठिया में सहजन का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है।
- सुपाच्य होने की वजह से सहजन लिवर को स्वस्थ रखने में भी ये बहुत कारगर होता है।
- पेट दर्द या पेट से जुड़ी गैस, अपच और कब्ज़ जैसी समस्याओं में सहजन के फूलों का रस पीएं या इसकी सब्जी खाएं। या इसका सूप पीएं। ज्यादा फायदा चाहिए तो दाल में डालकर पकाएं।
- आंखों के लिए भी सहजन अच्छा है। जिनकी रोशनी कम हो रही है हो तो सहजन की फली, इसकी पत्तियां और फूल का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।
- कान के दर्द को दूर करने में भी सहजन बहुत काम आता है। इसके लिए इसकी ताजी पत्तियों को तोड़ कर उसका रस की कुछ बूंदें कान डालने से आराम मिलता है।
- जिन्हें पथरी की समस्या हो उन्हें सहजन की सब्जी और सहजन का सूप जरूर पीना चाहिए। इससे पथरी बाहर निकल जाती है।
- छोटे बच्चों के पेट में यदि कीड़े हों तो उन्हें सहजन के पत्तों का रस देना चाहिए।
- दांतों में कीड़े हों तो इसकी छाल का काढ़ा पीना चाहिए। सहजन ब्लडप्रेशर को सामान्य करता है।
- दिल की बीमारी में भी यह बहुत फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। इस तरह सहजन आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि आपको डॉक्टर से भी सलाह जरूर लेनी चाहिए।
कैसे करें सहजन का इस्तेमालसहजन के फल और पत्तियों का इस्तेमाल तीन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। पत्तियों को कच्चा, पाउडर या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है। सहजन के पत्तियों को पानी में उबालकर इसमें शहद और नींबू मिलाकर भी पिया जा सकता है। सहजन का इस्तेमाल सूप और करी में भी हो सकता है। नियमित एक चम्मच या लगभग 2 ग्राम सहजन की खुराक लेनी चाहिए। सहजन को आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है क्योंकि सहजन को 300 से ज्यादा बीमारियों की दवा माना गया है। इसलिए आयुर्वेद में इसे अमृत समान मानते हैं। इसकी नर्म पत्तियां और फल, दोनों ही सब्जी के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।