नवजात शिशु के लिए मां का दूध है अमृत, ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए इन चीजों का करे सेवन

मां बनना किसी भी औरत के लिए एक अद्भुद अहसास होता हैं। मां अपने बच्चे को 9 महीने तक गर्भ में पालती हैं और जन्म के बाद कम से कम 6 महीने सिर्फ अपना दूध पिलाती हैं। नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान होता हैं जिससे बच्चे को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन कई महिलाओं में कुछ कारणों से स्तन में दूध ठीक से नहीं बन पाता है तो ऐसे में बच्चों की भूख शांत नहीं हो पाती और इससे उनका पोषण भी अधूरा रह जाएगा। देखने में आया है कि कम से कम 25% मां इस प्रकार की समस्या का सामना कर रही हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

ओटमील

ओटमील एक बहुत ही अच्छा एनर्जी सोर्स है। इसमें आयरन, कैल्शियम और बी विटामिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है। इसके साथ ही इसमें मौजूद फाइबर से डाइजेशन भी ठीक रहता है। ओट्स सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए महिलाएं नाश्ते में रोज ओट्स खाएं।

मेथी के दाने

जिन महिलाओं के स्तनों में दूध नहीं बनता है उन्हें मेथी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। नई माँ में दूध की कमी पूरी करने के लिए मेथी खाने का नुस्खा काफी पुराना है। मेथी के बीजों में ओमेगा-3, फैट और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं, जो ब्रेस्टफीड यानी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अच्छे होते हैं। आप मेथी के दानों को किसी भी तरह इस्तमाल कर सकती हैं। आप चाहें तो इसे सब्जी में डालें या इसकी चाय बना कर पी सकती हैं।

सौंफ के बीज

सौंफ आपके दूध को तो बढ़ाती ही है साथ में यह आपको गैस जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। इसके साथ ही ये सारे लाभ आपके दूध के द्वारा आपके बच्चे में भी ट्रांसफर हो जाते हैं। आप एक रात पहले सौंफ पानी में भिगो कर उन्हें सुबह पी सकती है।

गाजर

गाजर में विटामिन-ए, एल्फा और बीटा-कैरोटीन जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट में गाजर ज़रूर शामिल करनी चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार कसे हुए गाजर का सेवन करने से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसका सेवन करने से विटामिन ए की कमी पूरी हो जाती है। इसके अलावा, गाजर में अल्फा और बीटा कैरोटीन होते हैं, जो स्तन के ऊतकों के स्वास्थ्य और स्तनपान को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

लहसुन

दूध को बढ़ाने के लिए आप लहसुन का प्रयोग कर सकती हैं लेकिन इससे आपके दूध का टेस्ट और स्मैल बदल जाती हैं। इसलिए आपको इसका सेवन केवल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। लहसुन आपके इम्यून सिस्टम के लिए भी लाभदायक होता है।

तुलसी

तुलसी की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट से युक्त होती हैं। इसके शीतल प्रभाव ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने और शिशु की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। गर्म पानी में तुलसी की पत्तियां डालकर पिएं और रोज सुबह इस पानी को पीने से भी ब्रेस्ट मिल्क में इजाफा होता है।

जीरा

जीरे से आपकी कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिलेगी। जीरे को भी ट्रेडिशनल रूप से दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसे आप एक रात पहले पानी में भिगो कर रख दें और सुबह वह पानी छान कर पी लें।

संतरा

संतरे की उच्च विटामिन सी सामग्री मां के दूध की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। खाद्य एवं पोषण बुलेटिन में प्रकाशित एक 2002 के अध्ययन के अनुसार मां के दूध की विटामिन सी सामग्री संतरे के विटामिन सी के बराबर होती है। इस अध्ययन में विटामिन सी से संपन्न सब्जियों और फलों की खपत बढ़ाने की जरूरत पर प्रकाश डाला गया है। संतरे भी इस तरह के विटामिन ए और बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस के रूप में अन्य पोषक तत्वों के साथ परिपूर्ण हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और गर्भावस्था के कारण वजन से उबरने के लिए अच्छा है।


गाय का दूध

नई माँ में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए गाय का दूध पीना बहुत फायदेमंद होता है। गाय के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिन महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क कम बनता हो उन्हें रोज़ाना गाय के दूध का सेवन करना चाहिए।


हरी पत्तेदार सब्जियां

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां ज़रूर शामिल करनी चाहिए। इनमें मौजूद आयरन, कैल्श्यिम और फोलेट स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही इनमें बीटाकैरोटीन और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करते हैं। अपने खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, मेथी, सरसोंऔर बथुआ आदि शामिल करें।


ब्राउन राइस

भूरे रंग के चावल एक और सुपरफूड़ जो कि नर्सिंग माताओं के दूध उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। भूरे चावल इसकी उच्च फाइबर और पोषक तत्व सामग्री की वजह से अब तक सफेद चावल की तुलना में बेहतर है। यूरोपीय जर्नल में प्रकाशित एक 2007 के अध्ययन के अनुसार अंकुरित भूरे रंग के चावल का नियमित सेवन करने से स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। यह स्तनपान के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।


शकरकंद

शकरकंद पोटैशियम से युक्त होता है। इसके अलावा शकरकंद में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी भी होता है। ये सभी पोषक तत्व दूध बढ़ाने में मदद करते हैं। आप शकरकंद की स्मूदी बना सकती हैं या इसे उबालकर भी खा सकती है। शकरकंद बहुत हेल्दी और टेस्टी होती है।


नारियल तेल

नारियल का तेल भी दोनों गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए स्वस्थ माना जाता है। इसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड के रूप में आवश्यक फैटी एसिड होता है जो कि मां के दूध के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हार्मोन के उत्पादन में मदद करता है। इसके अलावा, नारियल तेल में प्रतिरक्षा बढ़ाने के गुण होते हैं और नई माँ को बच्चे की देखभाल करने के लिए बहुत आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं। स्तनपान कराने वाली मां को दिन में नारियल तेल के 1 से 3 बड़े चम्मच खाने चाहिए।