शरीर को स्वस्थ रखने और सुचारू रूप से चलाने के लिए शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, पौटेशियम, फोस्फोरस, आयरन आदि की जरूरत होती हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता हैं कि यहां जिंक को नजरअंदाज कर दिया जाता हैं जबकि जिंक भी शरीर के कार्य के लिए बहुत आवश्यक मिनरल है। भारत में करीब 8 करोड़ से अधिक लोग जिंक की कमी से ग्रस्त हैं। जिंक की कमी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियों को जन्म देती है। यह हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली, त्वचा के स्वास्थ्य तथा जख्मों के उपचार में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो जिंक की कमी को पूरा करने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
मूंगफली मूंगफली जिंक का सबसे अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें आयरन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड तथा फाइबर भी होता है। इसमें फ्री रेडिकल्स से बचाने वाला ‘रिसवेरेट्राल’ नामक एंटी-आक्सीडेंट भी पाया जाता है। साथ ही मूंगफली में ‘ओमेगा-6′ फैट भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं तथा अच्छी त्वचा के लिए जिम्मेदार है। साथ ही इनमें फैट तथा कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है।
अंडेसंडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे। यह बात तो आपने सुनी होगी कि रोजाना 1 अंडा खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। अंडे में भी जिंक की बहुत अधिक मात्रा होती है। इसके अलावा अंडे में कई अन्य पोषक तत्व जैसे विटामिन बी, प्रोटीन, कोलीन और सेलेनियम भी शामिल हैं।
बाजराहम में से बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे की बाजरा सुपर न्यूट्रिएंट्स और जिंक से भरपूर होता है। साथ ही इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर भी पाया जाता है। बाजरे का सेवन ना केवल खाने के लिए किया जाता है बल्कि आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। इसके औषधीय गुण खाने की इच्छा को बढ़ाने के साथ दर्दनिवारक और पेट संबंधी बीमारियों से निजात दिलाने और इनके संक्रमण से दूर रखने में भी कारगार होते हैं।
राजमाराजमा भी उत्तर भारतीयों के पसंदीदा भोजन में से एक है और करीब आधा कप पके हुए राजमा में आपकी रोजाना की जिंक की जरूरत का 8 प्रतिशत हिस्सा होता है। हालांकि राजमा फलियों की कैटिगरी में आता है। लिहाजा इसमें फाइटेट्स भी होते हैं। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो भिगोकर रखना, अंकुरित करना और गर्म करना- इन सभी तरीकों से फलियों और अनाज में मौजूद फाइटेट्स को तोड़ा जा सकता है।
लहसुनलहसुन में भी भरपूर जिंक पाया जाता है। प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं। लहुसन में एंटी बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी पाये जाते हैं। इसमें मौजूद सल्फर भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए जिंक की कमी पूरी करने के लिए अपने डाइट में लहसुन को जरूर शामिल करें।
डार्क चॉकलेटजी हां, यह आपके लिए आश्चर्य की बात हो सकती है लेकिन डार्क चॉकलेट में वास्तव में जिंक के साथ-साथ बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। लेकिन जिंक के मुख्य स्रोत के रूप में डार्क चॉकलेट पर निर्भर नहीं होना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती हैं।
तिल के बीजतिल के बीजों में भी जिंक की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाये जाते हैं। तिल में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। यह मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड का एक स्रोत है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। आप तिल के लड्डू और ढेर सारी अन्य डिशेज बना सकते हैं।
सूखे मेवेबादाम, चिलगोजा, काजू आदि सूखे मेवे भी जिंक का बेहतरीन सोर्स माने जाते हैं। बादाम को रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इन्हें अच्छी तरह से कूटकर दूध में मिलाएं और हेल्दी ब्रेकफास्ट शेक तैयार करें। अगर आपको डार्क चॉकलेट पसंद है तो आप 70 से 85 प्रतिशत डार्क चॉकलेट की शेविंग्स या कोको पाउडर को भी अपने बादाम शेक में डाल सकते हैं। आप चाहें तो मीठे के लिए चीनी की जगह शहद मिला लें। इसके अलावा सामान्य दूध की जगह ओट्स मिल्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि आपकी ड्रिंक और ज्यादा हेल्दी हो जाए।
मशरूममशरूम में कम मात्रा में कैलोरीज और भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही इसमें पर्याप्त मात्रा में जिंक की उपलब्धता होती है। मशरूम विटामिन डी का भी एक अच्छा स्रोत है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। तथा यह हार्मोनल फंक्शन को भी संतुलित करता है।
अलसी के बीजअलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा जिंक भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में विशेष रूप से सहायक है। साथ ही अलसी के बीजों में कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी व विटामिन ई होता है। ये बीज एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से कब्ज दूर होती है। अस्थमा के रोगियों के लिए इन बीजों का सेवन विशेष उपयोगी है। इनमें एंटी-इंफ्लेमेंटरी व एंटी-कैंसर प्रौपर्टीज मौजूद होती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण अलसी के बीज हार्ट के लिए भी बहुत फायदेमंद माने जाते हैं।