नहीं पड़ना चाहते मॉनसून में बीमार, इन 10 आहार के सेवन से बढ़ाएं अपनी इम्युनिटी

गर्मीयों से राहत पाने के लिए सभी को मॉनसून का इंतजार रहता हैं। बरसात की फुहारें अपने साथ ठंडक लाती हैं। लेकिन एक तरफ जहां यह मौसम सुहाना हो जाता हैं, वहीं दूसरी ओर संक्रमण (इंफेक्शन) भी पैदा करता है जिससे बीमार पड़ने का रिस्क बढ़ जाता है। मौसम बदलते ही हमारी बॉडी को एड्जेस्ट करने में समय लगता है जिससे इम्युनिटी कमजोर होने लगती हैं और बीमारियों का डर बढ़ जाता हैं। ऐसे में मानसून के मौसम में हेल्दी रहने के लिए आपको खानपान पर खास ध्यान देना चाहिए। जरूरी है कि आप अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करें, जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। आज हम आपको जो आहार बताने जा रहे हैं उनका सेवन मानसून के मौसम में आपको तंदुरुस्त रखने में मदद करेगा। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

मशरूम

मशरूम इम्युनिटी बूस्टर और फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है। इसमें कम कैलोरी होती है और अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। यह कुछ कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।

प्रोबायोटिक्स लें

प्रोबायोटिक्स हेल्दी माइक्रो-ऑर्गेनिज्म होते हैं, जो कि हेल्दी रहने में मदद करते हैं। असल में, माइक्रो-ऑर्गेनिज्म हमारे पाचन तंत्र में होते हैं, जो पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। बरसात के दिनों में अगर खानपान में जरा भी खराबी हुई, बासी खाना खाया, तो पेट खराब हो सकता है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए आवश्यक है कि आप अपनी डाइट प्रोबायोटिक्स का इनटेक बढ़ाएं। इसके लिए, आप अपनी डाइट में दही, छाछ, लस्सी और घर में बने अचार को शामिल कर सकते हैं।

अनार

अनार विटामिन-ए और फोलेट का अच्छा स्रोत है। अनार में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें एंटी-वायरल और कैंसर विरोधी गुण होते हैं। इसलिए, रोजाना अनार खाने या उसका रस पीने से आपकी इम्युनिटी बढ़ सकती है। इसके साथ ही, अनार पुरानी बीमारियों से लड़ने, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार करने का काम करता है।

विटामिन सी

सर्दी-जुकाम से बचने में विटामिन-सी अहम भूमिका निभा सकता है। और यह बात हम सभी जानते हैं कि मॉनसून वायरस और बैक्टीरिया को जन्म देने के लिए उपयुक्त मौसम माना जाता है। वायरस और बैक्टीरिया के कारण, इस मौसम में कई तरह के संक्रमण, एलर्जिक रिएक्शन और वायरल फील हो सकता है। इसी तरह, बारिश के कारण हवा में ऐसे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं। ऐसे में, हेल्दी रहना जरूरी है। हेल्दी रहने के लिए आप विटामिन-सी का इनटेक बढ़ाएं। विटामिन-सी के लिए आप ताजा हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा और स्प्राउट्स जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।

लहसुन

औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन का नियमित सेवन हमारे ब्लड में टी-कोशिकाएं को बढ़ाने का काम करता है, जो सामान्य सर्दी और खांसी जैसे वायरल संक्रमण से लड़ने में मददगार होती हैं। आप रोज़ाना एक कच्ची लहसुन की कली का सेवन ज़रूर करें, इससे आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

ब्रोकली

ब्रोकली विटामिन और मिनरल से भरपूर होती है। विटामिन ए, सी, और ई, साथ ही फाइबर और कई अन्य एंटीऑक्सिडेंट के साथ पैक, ब्रोकोली सबसे स्वस्थ सब्जियों में से एक है जिसे आप अपनी प्लेट में रख सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसे जितना संभव हो उतना कम पकाना है या सबसे बेहतर तरीका है कच्चा सेवन करना। भोजन में अधिक पोषक तत्व रखने के लिए आप ब्रोकली को स्टीम करके खा सकते हैं।

अदरक

मॉनसून में अदरक वाली चाय का सेवन जरूर करें, क्योंकि यह मूड बेहतर करने के साथ सीने में जकड़न की समस्या को भी दूर करती है। सीने में जकड़न होना फ्लू का एक आम लक्षण है। आप अदरक को कच्चा या खाने में पकाकर खा सकते हैं।

अंडा

अंडे सस्ते होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं। इसीलिए साल के हर मौसम में अंडे खानेकी सलाह दी जाती है। अंडे एक हाई-प्रोटीन फूड हैं और साथ ही इनमें विटामिन डी भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ इम्यून पॉवर भी बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को काम करने में भी मदद करता है।

हल्दी

हल्दी एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होती है इसलिए यह एक अच्छी इम्युनिटी सिस्टम बूसटर कहलाती है। साथ ही हल्दी रक्त को शुद्ध करने और शरीर के रंग और रूप को सुधारने का काम भी करती है। हल्दी में मोजूद गुणों की वजह से यह शरीर को कैंसर से लेकर अल्जाइमर तक की गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करती हैं।

कीवी

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार में कीवी का नाम भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इसमें विटामिन सी, कैरोटीनॉयड, पॉलीफेनोल्स और डाइट्री फाइबर पाए जाते हैं और ये सभी इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में कीवी का उपयोग ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में भी मदद कर सकता है।