छुट्टियों के मौसम में मीठे, लज़ीज़ कॉकटेल्स और स्वादिष्ट फ्राइड ज़ायकों से बच पाना मुश्क़िल होता है। लेकिन ये दावतें आपका वज़न बढ़ा सकती हैं। साथ ही सुस्ती, इन्सोमनिया (अनिद्रा), पाचन-संबंधी समस्याएं और भावनात्मक परेशानियां पैदा कर सकती हैं। अपने शरीर और दिमा़ग को वापस पटरी पर लाने के लिए इन आसान सलाहों को आज़माएं।
पार्टी के बाद के सुझावएक्सरसाइज़ेस
और तर्कसंगत खानपान का संयोजन आपको वह अतिरिक्त चर्बी, जो आपने हाल ही में
बढ़ाई है, को कम करने में मदद करेगा। यह ज़्यादा खाने की वजह से हुई थकान और
अन्य सेहत संबंधी समस्याओं से लड़ने में भी सहायक होगा। प्रतिदिन
एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जाती है, जैसे-योग, पावर योग, पिलाटेज़, ऐरोबिक्स
या अन्य कार्डियो वर्कआउट्स, जैसे-तेज़ वॉक, साइकिलिंग, स्विमिंग। इसके साथ
ही प्राणायाम (सांस लेने की तकनीक) को भी महत्व देना चाहिए।
ये गतिविधियां आपको सेहतमंद और सतर्क बनाए रखने के लिए रक्त संचार,
ऑक्सीजिनेशन को बेहतर बनाती हैं और हृदय और फेफड़ों को स्वस्थ रखती हैं। ये
आपके स्टैमिना, इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज़म को भी बेहतर बनाते हैं। एक्सरसाइज़
के समय निकलने वाले एंडॉर्फि़न्स या ‘फ़ील गुड’ हार्मोन्स ऊर्जा और
सकारात्मकता की रिलीज़ में एक अहम् भूमिका निभाते हैं। उदासी या चिंता के
छोटे-मोटे मामले एक्सरसाइज़ से घटाए जा सकते हैं।
1. एक्सरसाइज़ करें : बहुत
ज़्यादा आराम या बहुत ज़्यादा वर्कआउट दोनों से ही बचें। 30 मिनट की तेज़ वॉक
और योग या सुपरविज़न के अंतर्गत स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। आप स्विमिंग,
टेनिस, स्क्वैश और बैडमिंटन भी आज़मा सकती हैं। उदासी को कम करने के लिए
अन्य ट्रेंड्स जैसे किक-बॉक्सिंग और बूट कैम्प की सलाह दी जाती है।
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थोड़ा वॉर्म अप करें। पांच से 10 मिनट के स्पॉट जॉगिंग, जम्पिंग जैक्स और
ट्विस्ट्स से आपका रक्तसंचार बढ़ता है, जोड़ लुब्रिकेट होते हैं और शरीर
अधिक लचीला बनता है।- ताड़ासन, अंगूठे को छूने, बगल में झुकने, कंधों को घुमाने जैसे स्ट्रेचेस करें। पांच से आठ बार सूर्यनमस्कार करें।
- भुजंगासन, पवनमुक्तासन, धनुरासन, नौकासन और त्रिकोणासन जैसे योग के आसन शामिल करें।
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए पुश-अप्स, स्क्वाट और लंजेस शामिल करें।
- ऐब्स के लिए क्रंचेस, ऑब्लिक क्रंचेस और लेट कर साइक्लिंग करें।
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अंत में शवासन में लेटें और आराम करें और धीरे से सांस लें। अपने शरीर की
संवेदनाओं को महसूस करें और तनावमुक्त हो जाएं। गहरी सांस वाली एक्सरसाइजेस
या प्राणायाम करें, जैसे अनुलोम-विलोम। हमेशा एक्सरसाइज़ किसी की देखरेख
में ही करें।
2. सही खाएं : जब आप अपनी वज़न मशीन पर बड़े
नंबर की ओर कांटे को जाते हुए देखती हैं तो संभवत: सबसे पहली चीज़ जो आपके
दिमा़ग में आती होगी, वह होगी तीव्र डाइट। जबकि ये तीव्र डाइट आपके शरीर को
लाभ के बजाय हानि पहुंचाती है। त्वरित ढंग से ठीक करने वाली चीज़ें और
तीव्र डाइटिंग, हालांकि आपको तत्काल नतीजे देते हैं। पर वे बहुत ज़्यादा
ख़तरनाक होते हैं। आपके वज़न से जुड़ी समस्याओं का जवाब है-प्रतिबद्धता और
नियमबद्धता। अपनी डाइट या एक्सरसाइज़ के शेड्यूल में बड़े बदलावों से बचें।
जीवनशैली में थोड़ा-सा सुधार उम्दा परिणाम दे सकता है।
3. लो-फ़ैट डाइट :
कुछ समय के लिए लो-फ़ैट डाइट अपनाएं। ढेर सारा अनाज, ताज़ा फल और सब्ज़ियां
खाएं। पचने में आसान भोजन आपके लिवर को आराम देगा, उस बीच वह आपके सिस्टम
को साफ़ करेगा। इस तरह की डाइट आपके शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद
करेगी। फल और सब्ज़ियों से फ़ाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स, फ़ायटोन्यूट्रिएंट्स
और एन्ज़ाइम्स मिलते हैं।
4. कैफ़ीन में कटौती करें : कॉफ़ी के बजाय ग्रीन टी पिएं; यह ऐंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सेहतमंद विकल्प है।
5. शक्कर से बचें :
ढेर सारे डिज़र्ट्स खाने के बाद अब समय है अपने मीठा खाने की इच्छा को फलों
से शांत करने का। वैसे भी कहा जाता है कि ज्यादा शक्कर खाना सेहत के लिए
हानिकारक होता है। चीनी खास तौर से मोटापे में इजाफा करती है।
6. ख़ूब पानी पिएं :
फ़ैटी, नमकीन व्यंजन और अल्कोहल डीहाइड्रेशन पैदा कर सकते हैं। हाइड्रेशन
स्तर को नियंत्रित करने के लिए अधिक पानी पिएं। प्रति दिन सात से दस ग्लास
पानी पिएं। इससे टॉक्सिन्स धुल जाएंगे और वॉटर रिटेन्शन भी कम हो जाएगा।
शरीर के तापमान को बनाए रखने और रक्त प्रवाह से अतिरिक्त फ़ैट हटाने के लिए
भी पानी महत्वपूर्ण है।
7. अतिरिक्त विटामिन ई : विटामिन ई का सेवन बढ़ाएं। अखरोट, मूंगफली, बादाम, सऩफ्लावर, अलसी और तरबूज़े के बीज और ऑलिव्स को अपनी डाइट में शामिल करें।