जब भी कभी घर में कोई नन्हा मेहमान आता हैं तो उसकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता हैं कि उसे किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। नवजात शिशु को ज्यादा देखभाल और अटेंशन की जरूरत पड़ती हैं जिसकी परवरिश के दौरान आपको भागदौड़ भी करनी पड़ती हैं और लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना पड़ता हैं। खासतौर से जिस कपल के पहला बच्चा हो उन्हें सही गाइडेंस की जरूरत पड़ती हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो शिशु में दिखाई दें तो सतर्कता दिखाते हुए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। ऐसे में बरती गई लापरवाही घातक साबित हो सकती हैं। तो आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...
अगर शिशु का तापमान ज्यादा हो
वैसे तो नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान ज्यादा ही होता है पर अगर उन्हें तेज बुखार है तो ये सामान्य स्थिति नहीं है। अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है और उसे बुखार आया है तो ये एक गंभीर समस्या है। इस उम्र में 102.2 डिग्री या उससे ज्यादा के तापमान का बुखार खतरनाक होता है। बुखार के अलावा अगर शिशु आवाज निकाल रहा है या नथुने फूल रहे हैं तो इसका मतलब है शिशु के शरीर को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा, ऐसी स्थिति में भी शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं और इलाज करवाएं।
शिशु की आंखें ऊपर चढ़ जाना
फर्ज करें कि आप शिशु के साथ खेल रहे हों और उसकी आंखें अचानक से ऊपर चढ़ जाएं, अगर ऐसी स्थिति आती है तो ये दौरा पड़ने के लक्षण हैं। इस दौरान शिशु का शरीर प्रतिक्रिया नहीं देता है पर उसके पैर अकड़ सकते हैं या बुखार के कारण पड़े दौरे पांच मिनट से ज्यादा के हो सकते हैं।
शिशु की आंख लाल होना
अगर शिशु की आंख लाल है तो उसे कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। आंखों से पानी आना या चिपचिपी होना भी इस समस्या के लक्षण, आपको समस्या नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क कर दवा लेनी चाहिए। वहीं इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं बच्चे की खाने से रूचि कम तो नहीं हो गई है। अगर वो दूध पीने में रूचि न दिखाए तो उसे जल्दी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
जब शिशु ज्यादा रोए
अगर आपका बच्चा ज्यादा रो रहा है तो पहले चेक करें कि उसे भूख तो नहीं लगी है या फिर डायपर बदलने की जरूरत तो नहीं है। अगर ये दोनों कारण नहीं है और शिशु तेज रो रहा है तो उसे कोई अंदरूनी समस्या हो सकती है, इस स्थिति में आपको शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए। वैसे तो शिशु बीमार होने पर ही असामान्य तरीके से रोते हैं, आपको अगर लग रहा है कि बच्चा ऐसी आवाज में रो रहा है जो सामान्य नहीं है तो अस्पताल जानें में देर न करें। शिशु का रोना, डायरिया, बुखार, उल्टी के लक्षण भी हो सकते हैं। धीमी आवाज में रोना या सुस्त हो जाना भी अच्छा लक्षण नहीं है, इस स्थिति में भी आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
शिशु के नथूने फूलना
इस लक्षण से समझ जाएं कि शिशु को सांस लेने में समस्या हो रही है। अगर शिशु सांस लेते समय आवाजें निकाल रहा है तो मतलब वो तेजी से सांसें भर रहा है। आपको शिशु का पेट अंदर की ओर धंसता हुआ नजर आएगा। ये लक्षण नजर आने पर भी सतर्क हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं सेप्सिस या इंफेक्शन के होने पर भी नवजात शिशु की त्वचा चिपचिपी फील हो और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।