कूल्हों और घुटनों का लचीलापन बढ़ाता है पिण्डासन, जाने करने की विधि और फायदे

योग की हमारे जीवन में महत्ता को देखते हुए ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता हैं। योग व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं पिण्डासन। तो चलिए जानते हैं पिण्डासन की विधि और फायदे के बारे में।

* पिण्डासन करने की विधि

पीठ के बल सीधे लेट जायें। बाज़ुओं को सीधा पीठ के बगल में ज़में पर टिका कर रखें। साँस अंदर लेते हुए दोनो टाँगों को उठा कर हलासन में ले आयें।याद रहे कि कोहनियों को ज़मीन पर टिकाए हुए दोनो हाथों से पीठ को सहारा देना है। इस मुद्रा में 1-2 साँस अंदर और बाहर लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है। अब टाँगों को पद्मासन मुद्रा में ले आयें। हाथों को अब आगे लाकर हाथों से दोनो पैरों को नीचे की तरफ मोड़ें ताकि आपके घुटने आपके चेहरे के करीब आ जायें अगर संतुलन बाए रखना संभव ना हो तो उन्हे पीठ को सहारा देती हुई मुद्रा में ही रखें। दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं। अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 90 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से पैरों को वापिस ले आयें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।

* पिण्डासन करने के फायदे

- बाज़ुओं, कंधों, और गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत करता है।

- कूल्हों और घुटनों का लचीलापन बढ़ाता है।

- पैरों के पद्मासन में होने से पेट के दोनों किनारों पर बराबर दबाव आता है और क़ब्ज़ से राहत मिलती है।

- पेट दर्द में भी इस आसन को करने से राहत मिलती है।

- दिमाग़ को शांत करता है और आपके शरीर और दिमाग़ में स्थिरता लाता है।