Bappi Lahiri Death: इस अजीब बीमारी से हुआ बप्पी लहरी का निधन, सोते वक्त रुक जाती थी सांस, जानें लक्षण और बचने के उपाय

पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले बॉलीवुड के म्यूजिक डायरेक्टर बप्‍पी लहरी का मंगलवार रात 11 बजे 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। बप्पी दा ने मुंबई के क्रिट‍िकेयर अस्पताल में अपनी अंतिम सांसे लीं। बताया जा रहा है कि उन्हें तबीयत खराब होने के बाद मंगलवार को ही भर्ती किया गया था। बप्पी लाह‍िड़ी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।

अस्पताल के डॉक्टर्स के अनुसार बप्‍पी दा को पिछले एक साल से ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया (OSA) और चेस्ट इन्फेक्शन की समस्या थी। जिसकी वजह से उनकी मौत हुई। आइए जानते हैं कि आखिर ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया क्या है और इसके क्या लक्षण हैं।

क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA)?

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea) नींद से संबंधित एक ब्रीदिंग डिसऑर्डर है। इस बीमारी में सोते समय अक्सर सांस लेने की प्रक्रिया कुछ पलों के लिए रुक जाती है और इसके बाद यह फिर शुरू हो जाती है। मरीज को इसका पता भी नहीं चलता है। नींद में सांस रुकने की ये दिक्कत कुछ सेकंड्स से लेकर 1 मिनट तक हो सकती है। OSA तब होता है जब आपके गले में कोमल ऊतकों को सहारा देने वाली मांसपेशियां, जैसे कि आपकी जीभ और सोफ्ट पैलेट, आराम करने लगती हैं। इससे आपका वायुमार्ग छोटा हो जाता है या फिर बंद हो जाता है, और क्षण भर के लिए आपकी सांस लेना बंद कर देता है। OSA उम्रदराज़ पुरुषों में सबसे ज़्यादा देखा जाता है, लेकिन यह बच्चों सहित किसी को भी प्रभावित कर सकता है। सांस लेने में रुकावट देर तक रहने पर खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है और मरीज की मौत हो जाती है।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण (Symptoms of obstructive sleep apnea)

- दिन में बहुत नींद आना
- जोर-जोर से खर्राटे लेना
- सोते-सोते सांस रुकी हुई महसूस होना
- हांफने या घुटन के साथ अचानक जागना
- मुंह सूखना या गले में खराश
- सुबह का सिरदर्द
- ध्यान लगाने में कठिनाई
- मूड चेंज और डिप्रेशन
- हाई ब्लड प्रेशर
- यौनइच्छा में कमी
- सुबह सिर दर्द होना
- चीज़ों को भूल जाना
- सुस्ती
- रात में बार-बार नींद खुलना

इन बातों की शिकायत कर सकते हैं मरीज

- तेज़ खर्राटे लेना
- हांफना
- सांस न आना (चोकिंग)
- नाक से सांस लेते हुए आवाज़ आना
- सोते वक्त सांस में रुकावट आना

अगर OSA का इलाज न किया जाए तो इससे सेहत से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे...

- हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
- दिल की बीमारी
- स्ट्रोक
- डायबिटीज़
- दिल की धड़कनों का असामान्य होना
- पलमनरी हाइपरटेंशन

स्लीप एपनिया के कारण (Sleep apnea causes)

मोटापा

मोटोपे से ग्रसित लोगों को ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया की शिकायत ज्यादा रहती हैं। श्वास नली के ऊपरी हिस्से में फैट जमा होने से सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। मोटापे से जुड़ी बीमारियां जैसे-हाइपोथायरॉइड और पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की वजह से भी ये बीमारी हो सकती है।

ज्यादा उम्र

60 की उम्र के बाद स्लीप एनपिया होने की संभावना बढ़ जाती है।

संकरी श्वासनली और अस्थमा

हो सकता है कि बचपन से ही आपकी श्वासनली संकरी रही हो। या फिर टॉन्सिल्स के बढ़ने की वजह से आपकी श्वासनली का रास्ता बाधित हो गया हो। कई रिसर्च में अस्थमा की बीमारी और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के बीच भी संबंध पाया गया है।

हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज

हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या से ग्रसित मरीज में भी ये बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है।

धूम्रपान

धूम्रपान करने वालों में भी स्लीप एपनिया होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर परिवार में किसी को पहले स्लीप एपनिया की बीमारी रही है तो आपको भी इसके होने की संभावना ज्यादा है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को स्लीप एपनिया की बीमारी ज्यादा होती है। वहीं, महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ये समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।

क्या है इलाज

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का इलाज संभव है। इसमें एक ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है जो सोते समय आपके वायुमार्ग को खुला रखता है। इसके इलाज का एक और तरीका है जिसमें एक माउथपीस के जरिए निचले जबड़े पर दबाव डाला जाता है। कुछ मामलों में इसकी सर्जरी भी करानी पड़ती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में पीठ के बल सोने पर खर्राट ज्यादा आते हैं और करवट लेने पर शांत हो जाते हैं।