दांतों में कीड़े यानी कैविटी की समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। हालांकि बड़े भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। दांत में कीड़े तब लगते हैं, जब आप कुछ भी खाने के बाद सही से कुल्ला नहीं करते। जो आगे चलकर असहनीय दर्द का कारण बन जाता है। जिससे आप न तो ठीक ढंग से खा पाते और ना पी पाते हैं।
मुंह में मौजूद बैक्टीरिया (लार, खाद्य कणों एवं अन्य पदार्थों के साथ) दांतों की सतह पर जमा होने लगते हैं जिसे प्लॉक कहा जाता है। प्लॉक में मौजूद बैक्टीरिया खाने में मौजूद शुगर एवं कार्बोहाइडेट को अम्ल में परिवर्तित कर देता है। इसी अम्ल के कारण दांत खोखले होने लगते हैं, तो आइए जानते है दांतों की सड़न को दूर करने के घरेलू उपाय :-
हल्दी
हल्दी को कैविटी दर्द से राहत प्रदान
करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों के
साथ एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के साथ बैक्टीरियल
संक्रमण के कारण दांतों के गिरने की समस्या को भी रोकता है। प्रभावित दांत
पर थोड़ा सा हल्दी पाउडर लगाकर इसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने
पानी से कुल्ला कर लें।
नमक
अगर आपके दांतों में
कुछ ज्यादा ही कीड़े लग गए हैं तो गुनगुने पानी में नमक डालकर उससे कुल्ला
करें। ऐसा करने से दांतों में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे। इसके साथ
ही टूथपेस्ट की मदद से दांतों को साफ रखें।
नीम
नीम
से दातुन करने से कैविटी की समस्या दूर होती है। आज भी गांव में लोग नीम
से दातुन करते हैं, तभी उनके दांत काफी मजबूत होते हैं। दातुन से मसूड़ों
और दांतों से संबंधित दूसरी समस्याएं भी नहीं होती हैं। नीम में मौजूद
एंटी-माइक्रोबियल गुण दांतों में लगने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं।
लौंग
लौंग
कैविटी के साथ-साथ किसी भी तरह की दांतों से जुड़ी समस्याओं के लिए रामबाण
होती है। लौंग के तेल को इस परेशानी में और बेहतर माना जाता है। लौंग को
एंटीसेप्टिक, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से युक्त माना जाता है जो
दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के साथ उन्हें किसी प्रकार के संक्रमण से
भी सुरक्षित रखने में मदद करती है।
मुलेठी
मुलेठी की
जड़ दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। मुलेठी में मौजूद
एंटी-बैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया के कारण होने वाली कैविटी का विकास रोकने
में मदद करता है। इसके अलावा यह जड़ी-बूटी प्लॉक को कम करने में भी मदद
करती है।
आंवला
यह सिर्फ एक फल ही नहीं है, यह एक
जड़ी-बूटी है जो कैविटी के इलाज में मददगार है। इसमें भरपूर मात्रा में
एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है जो बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने
में मदद करता है। यह संयोजी ऊतक के विकास को बढ़ावा देकर मसूड़ों के लिए
बहुत लाभकारी होता है।
लहसुन
जैसा कि आप जानते हैं कि
सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली चबाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
लहसुन दांतों में कीड़े भी नहीं बनने देता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण
मौजूद होते हैं, जो कैविटी को दूर करने में सक्षम है। लहसुन चबाने से
मसूड़ों की समस्या भी दूर होती है।
डिस्क्लेमर : सलाह सहित
यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य
चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ
या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।