जब से दुनिया में कोरोना फैला हैं तभी से एक डर का माहौल बना हुआ हैं। हांलाकि इसके चलते सभी को लॉकडाउन के तहत घर में बंद होना पड़ा हैं। लेकिन इसका डर अभी भी लोगों में हैं और इससे जुड़े कई सवाल उन्हें परेशान कर रहे हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कोरोना से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब लेकर आए हैं जो न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
क्या धुलाई से मर जाता है वायरस?
साबुन या डिटर्जेंट से कपड़े धोते रहें। अगर किसी सूरत में कपड़े पर वायरस होगा, तो साबुन या सर्फ से धुलाई में मर जाएगा। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।
कपड़ों पर वायरस कितनी देर ठहर सकता है?
अध्ययन धातु पर तीन दिन और गत्ते पर एक दिन वायरस ठहरने की ओर इशारा करते हैं। कपड़ों पर विशेष अध्ययन नहीं हुआ है। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि गत्ते की सोखने वाली प्रकृति के कारण उस पर वायरस कम देर ठहरता है, कपड़े पर भी यही संभावना है।
जूतों को भी डिसइंफेक्टेंट करना जरूरी है?
जूते वायरस का वाहक हो सकते हैं, लेकिन ये संक्रमण के आम स्रोत नहीं हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे जूते पहनकर जाएं जो घर आते ही साबुन से धुल सकें। साथ ही घर में जूते लाने पर रोक लगा सकें तो बेहतर होगा।
क्या सामान के डिलीवरी पैकेज, अखबार पर वायरस को लेकर चिंतित होना चाहिए?
किसी पैकेज पर संक्रमण की आशंका बेहद कम है। अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जो अखबार पढ़ने या पैकेज खोलने से संक्रमण की तस्दीक करता हो।
क्या दाढ़ी या सिर के बालों पर भी वायरस ठहर पाएगा?
अगर आप सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं, तो शरीर पर कहीं भी वायरस नहीं आ सकता। अगर किसी संक्रमित की छींक या खांसने की ढेरों बूंदें आपके बालों या दाढ़ी पर गिरती हैं, तो वहां वायरस की आशंका बनती है। इसके बाद, अगर आप बालों पर हाथ लगाकर उसे नाक, मुंह या आंख पर लगाते हैं तो ही संक्रमण की स्थिति पैदा होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह वायरस फैलने के बहुत ही कम आशंका होती है।