शरीर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जरूरी हैं कि आपका खानपान भी सेहतमंद हो। खासतौर से अपने आहार में फलों को शामिल करें जो अपने पोषक तत्वों से शरीर के विभिन्न अंगों को मजबूती प्रदान करने का काम करें। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं लिवर की जिसके डैमेज होने पर शरीर का संचालन सभी नहीं हो पाता हैं। ऐसे में लिवर को मजबूत बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी वाली चीजों का सेवन करें ताकि यह डिटॉक्सीफाई हो सकें। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे फलों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके लिवर को मजबूत बनाने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इन फलों के बारे में...
पपीता
आपने बचपन से सुना होगा कि पपीता लिवर के लिए फायदेमंद होता है। सुबह खाली पेट इसे खाने से ना सिर्फ पेट साफ होता है, कब्ज की समस्या नहीं होती बल्कि लिवर भी स्वस्थ रहता है। पपीता में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कि लिवर सेल्स में सूजन को रोकते हैं। इसके अलावा माना जाता है कि पपीते के पत्ते का रस इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है जो कि ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट प्रकृति गुर्दे की क्षति, फैटी लीवर जैसी डायबिटीज के कारण होने वाली जटिलताओं को कम करने में मदद करती है और ऑक्सीडेटिव तनाव को काफी कम करती है। इस तरह डायबिटीज के मरीजों में पपीता लिवर मजबूत करता है।
कांटेदार नाशपाती
कांटेदार नाशपाती का जूस हमेशा से ही लिवर के लिए फायदेमंद रहा है। पर इसके लिए आप कांटेदार नाशपाती को ऐसे भी खा सकते हैं। ये लिवर के कई रोगों से बचाने में आपकी मदद कर सकता है। कांटेदार नाशपाती में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और इसके कारण लिवर में होने वाली क्षति से बचाते हैं। इसके अलावा इसका अर्क लिवर एंजाइम्स को तेज करता है और लिवर के काज को तेज करके इसको स्वस्थ बनाता है।
क्रैनबेरी
क्रैनबेरी एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों की से भरपूर है। दरअसल, क्रैनबेरी में एक शक्तिशाली प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट होता है जिसे प्रोएथोसायनिडिन कहा जाता है, जो शरीर से मुक्त कणों को फ्लश करने की उनकी क्षमता को बढ़ता है। यही लिवर के काम काज को तेज करता है और लिवर साफ करके इसे स्वस्थ बनाता है।
सेब
अगर आपके पास इनमें से कोई फल नहीं है तो रोज एक सेब जरूर खाएं। क्योंकि सेब लिवर डिटॉक्स करने में मददगार है। ज्यादातर लोग लिवर डिटॉक्स करने के लिए सेब का सिरका पीते हैं, जबकि अगर आप सेब खाएं तो आपको इसकी जरूरत भी नहीं पड़ेगी। सेब में मौजूद पॉलीफेनोल्स लिवर के सीरम और लिपिड लेवल को कंट्रोल में रखते हैं। सेब में पेक्टिन और मैलिक एसिड होता है जो विषाक्त पदार्थों और कार्सिनोजेन्स को हटाने में मदद करता है। साथ ही सेब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपको फैटी लिवर से बचाते हैं।
केला
लिवर के लिए केला खाना बहुत फायदेमंद है। दरअसल, केला फैटी लिवर की समस्या को कम करने में मदद करता है। केले में अनसेचुरेड फैट होता है। साथ ही इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट और ओमेगा-3 फैट भी होता है। ये हेल्दा फैट सेलुलर स्तर पर इंसुलिन को स्थानांतरित करने में मदद करते हैं। साथ ही इससे काम काज को तेज करता है और लिवर को मजबूत बनाता है।
ब्लूबेरी
ब्लूबेरी में एंथोसायनिन होते हैं, जो एंटीऑक्साडेंट हैं। इसका अर्क लिवर एंजाइम को बढ़ाने में मदद करता है और लिवर को स्ट्रांग करता है। इसके अलावा ब्लूबेरी कैंसर कोशिकाओं के विकास को बाधित करता है और लिवर को कई प्रकार के रोगों से बचाता है।
ग्रेपफ्रूट
ग्रेपफ्रूट जिसे चकोतरा कहते हैं ये फल लिवर के लिए बहुत फयादेमंद है। दरअसल, इसमें कुछ खास एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जैसे कि नारिंगिनिन और नारिंगिन। ये दोनों ही तत्व लिवर को अंदर से हेल्दी रखने में मदद करते हैं और इसके सूजन को कम करके और कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट लिवर फाइब्रोसिस को बचाते हैं। नारिंगिनिन की खास बात ये है कि ने लिवर में फैट की मात्रा को कम कर देता है और फैट जलाने के लिए आवश्यक एंजाइमों को बढ़ता है, जिससे फैटी लिवर की समस्या नहीं होती।
अंगूर
अंगूर में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये लिवर को अंदर से साफ करने में मदद करता है। साथ ही इसमें विटामिन सी और कुछ खास एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि लिवर सेल्स को हेल्दी रखते हैं और इसमें सूजन को रोकते हैं। रेगुलर थोड़ा-थोड़ा अंगूर खाने से इसका अर्क लिवर के कुछ एंजाइम्स को तेज करता है और इसके काम काज को बेहतर बनाता है।
अंजीर
अंजीर खाना लिवर के लिए भी फायदेमंद है। इसमें कुछ खास डाइटरी फाइबर्स होते हैं जो कि लिवर डैमेज को रोकते हैं। साथ ही इसका बीटा कैरोटीन और विटामिन फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसानों से बचाते हैं। इसके अलावा अंजीर खाने से इसके हाई एंटीऑक्सीडेंट तत्व फैटी लिवर की समस्या से बचाव में मदद करते हैं।
तरबूज
तरबूज डाइयूरेटिक है यानी कि ये शरीर में यूरिन के फ्लो को सही करता है। साथ ही ये लिवर डिटॉक्सीफाई करने में भी मददगार है। ये लिवर के काम काज को तेज करता है और अमोनिया प्रोसेस करके इसे शरीर से बाहर निकालता है। बता दें कि अमोनिया प्रोटीन पचाने के बाद निकलता है जिसके लिए लिवर का सही होना जरूरी है।